

हस्तरेखा विषय पर विस्तृत जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि हस्तरेखा के ज्ञान से भविष्य में आने वाली समस्याएं ज्ञात होती हैं, जिनका समय रहते उपाय किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि प्रभु स्मरण और सेवा से अनेक समस्याओं का समाधान हो जाता है। इस मौके पर जिज्ञासा का सत्र भी रखा गया, जिसमें उन्होंने मौजूद श्रोताओं की जिज्ञासा को शांत किया। इस मौके पर दादा अशोक भाटिया ने शहर के प्रमुख 12 व्यक्तियों का भी सम्मान किया गया, जिसमें नरेन शाहनी भगत, कंवल प्रकाश किशनानी, महेश तेजवानी, भगवान कलवानी, गिरधर तेजवानी, हरी चन्दनानी, हरिश खेमानी, राधाकिशन आहूजा, अनिता शिवनानी, कमल भगत, घनश्याम भगत, ललित भगत सम्मिलित थे।
महासमिति के महासचिव हरी चंदनानी ने बताया कि इस अवसर पर शुक्रवार, 10 अप्रैल को होने वाले निःशुल्क हस्तरेखा परीक्षण शिविर के लिये ड्रा निकाल कर पात्र व्यक्तियों का चयन किया गया, जिनकी हस्तरेखा दादा अशोक भाटिया सुबह 10 से 5 बजे तक देखेंगे।
मंच का संचालन अनिता शिवनाणी द्वारा किया गया। अन्त में आभार गिरधर तेजवाणी ने दिया। समारोह में ईसर भम्भाणी, मुखी कन्हैयालाल, हरीश वर्यानी, हरीश केवलरामाणी, महेन्द्र कुमार तीर्थाणी, जगदीश अबिचंदाणी, लाल नाथाणी, प्रकाश जेठरा, रमेश टिलवाणी, जगदीश भाटिया, भगवान कोटाई, चन्द्रप्रकाश भोजवाणी, के.जे. ज्ञानी, भगवान साधवाणी, दयाल सेवाणी, लक्ष्मण कोटवाणी, हरीश केवलरामाणी, तुलसी सोनी, भवानी शंकर थदानी, दौलत लौंगानी, दिलीप मूलचन्दानी, दिलीप थदानी सहित विभिन्न संगठनों के कार्यकर्ता उपस्थित थे।
दादा अशोक भाटिया का परिचय
दादा अशोक भाटिया मूलतः गांधीधाम से हैं और पिछले 48 वर्ष से दुबई में रह रहे हैं। उनका जन्म 4 जनवरी 1946 को हैदराबाद, सिन्ध में हुआ और पिछले 33 वर्ष से ज्योतिष से जुड़े हुए हैं। वे भारत में करीब-करीब हर बड़े शहर में सेमिनार कर चुके हैं। उन्होंने लंदन, यू.एस.ए., जकार्ता, सिंगापुर, हांगकांग सहित विदेश में कई बड़े शहरों में भी सेमीनार की है।
हरी चन्दनानी
महासचिव
मो. 9649750811