
अजमेर, 16 अप्रैल। षिक्षा राज्य मंत्री प्रो. वासुदेव देवनानी ने कहा है कि विद्यालयों में योग और नैतिक षिक्षा को जरूरी बताते हुए कहा है कि इसी से भावी पीढ़ी भारतीय संस्कृति के जीवन मूल्यों से जुड़ सकेगी। उन्होंने कहा कि सूर्य नमस्कार अपने आप में योग की संपूर्ण प्रक्रिया है। उन्होंने विद्यालयों के जरिए देष को श्रेष्ठतम नागरिक प्रदान करने के लिए प्रयास किए जाने पर जोर दिया।
श्री देवनानी आज यहां झोटवाड़ा में प्रिंस रेजिडेन्सियल सीनियर सैकण्डरी स्कूल के वार्षिकोत्सव में मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि विद्यालयों में आदर्ष आचरण के साथ ही प्रेरणा देने वाले व्यक्तियों के बारे में विद्यार्थियों को बताया जाए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने महापुरूषों की जीवनियों को पाठ्यक्रम में सम्मिलित करने के साथ ही विद्यालय वातावरण भी प्रेरणास्पद बनाने के लिए पहल की है। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि विद्यार्थी नैतिक संस्कारयुक्त होने के साथ ही तन और मन से स्वस्थ हों। उन्होंने प्रदेष को षिक्षा क्षेत्र में अग्रणी बनाने के लिए निजी विद्यालयेां को भी सहभागिता निभाने का आह्वान किया।
इस अवसर पर षिक्षाविद् श्री प्रहलाद शर्मा ने कहा कि षिक्षा में संस्कार जरूरी है। उन्होंने विद्यार्थियों में नैतिकता के संस्कार के लिए सभी को मिलजुलकर प्रयास करने पर जोर दिया। इससे पहले विद्यालय के निदेषक श्री दीपक चैधरी ने बताया कि विद्यालय में रचनात्मक गतिविधियों पर विषेष ध्यान दिया जाता है। उन्होंने विद्यालय का प्रतिवेदन भी प्रस्तुत किया। इस मौके पर विद्यार्थियों ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रूम प्रस्तुत करते हुए योग की विभिन्न क्रियाओं का भी प्रदर्षन किया।
सेंट पाॅल स्कूल का शुभारंभ –
षिक्षा राज्य मंत्री श्री देवनानी ने गुरूवार को सी स्कीम में संेट पाॅल स्कूल का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि अंग्रेजी वैष्विक प्रतिस्पद्र्धा के युग में बेहद जरूरी है। उन्हांेंने अंग्रेजी के साथ भारतीय संस्कृति की षिक्षा का प्रसार किए जाने के लिए भी कार्य करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि निजी षिक्षण संस्थान षिक्षा प्रसार में महत्ती भूमिका निभा रहे हैं। जरूरत इस बात की है कि हम सभी मिलकर प्रदेष को अग्रणी षिक्षा राज्य बनाएं।