रिक्त पड़े ब्लाॅक प्रारंभिक शिक्षा अधिकारियों के पद भरे जाएंगे

वासुदेव देवनानी
वासुदेव देवनानी

अजमेर, 30 अप्रैल। शिक्षा राज्य मंत्री प्रो. वासुदेव देवनानी ने कहा है कि प्रदेश में रिक्त पड़े ब्लाॅक शिक्षा अधिकारियों के पद आगामी दो माह के अंदर-अंदर भर दिए जांएगे। उन्होंने कहा कि बीईओ पद पर उन अधिकारियों को लगाया जाएगा जो रूचि लेकर क्षेत्र में शिक्षा के विकास काम करेंगें। उन्होंने षिक्षकों और कार्मिकों को व्यवस्थार्थ लगाए जाने की प्रथा को भी समाप्त किए जाने के निर्देष दिए। उन्होंने स्पष्ट कहा कि अधिकारी नियमों के अनुसार कार्य करे। नियमों यदि कोई काम नहीं आता है तो वह नहीं करे। दबाव में आने की जरूरत नहीं है।

श्री देवनानी ने आज यहां राज्य कृषि प्रबंधन संस्थान में ब्लाॅक प्रारंभिक षिक्षा अधिकारियों की राज्य स्तरीय कार्यषाला के दूसरे दिन षिक्षा अधिकारियों से संवाद करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि सर्वाधिक नामांकन कराने वाले ब्लाॅक षिक्षा अधिकारी को राज्य स्तर पर सम्मानित किया जाएगा। उन्होंने विद्यालयों का वैभव लौटाने के लिए षिक्षा अधिकारियेां को कार्य करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि सर्व षिक्षा और प्रारंभिक षिक्षा एक ही विभाग के अंग हैं। दोनों के संषाधनों का उपयोग प्रारंभिक षिक्षा को मजबूत करने के लिए किया जाए। उन्होंने स्वच्छ भारत-स्वच्छ विद्यालय के लिए सभी को मिलकर कार्य करने पर भी जोर दिया तथा कहा कि राज्य सरकार ने विद्यालयों को स्वच्छता के लिए 37.5 करोड़ रूपये का बजट दिया है। प्रति विद्यालय 500 रूपये स्वच्छता के लिए दिए जाने का प्रावधान पहली बार किया गया है। उन्होंने स्कूली षिक्षा के लिए प्रदत्त 197 अरब के बजट की चर्चा करते हुए कहा कि इसका परिणाम भी दिखना चाहिए।
षिक्षा राज्य मंत्री ने कहा कि प्रदेष में षिक्षक और गैर शैक्षिक पदों का समानीकरण किया जाएगा साथ ही जिन पदों की उपादेयता नहीं है, उन्हें समाप्त किया जाएगा। उन्होंनंे कहा कि समानीकरण से  मर्ज हुए विद्यालय भवनों के शैक्षिक प्रयोजन से उपयोग के प्रस्ताव यदि अधिकारी भेजते हैं तो उस पर त्वरित कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने षिक्षा अधिकारियों को प्रदेष को अग्रणी षिक्षा राज्य बनाने के लिए मोनिटरिंग व्यवस्था को प्रभावी और चुस्त दुरस्त करने के निर्देष भी दिए।
प्रारंभिक षिक्षा विभाग के शासन सचिव श्री कुंजीलाल मीणा ने कहा कि षिक्षा विभाग उनकी रूचि का है। इस विभाग में उनकी प्राथमिकता समानीकरण की रहेगी साथ ही षिक्षकों की समस्याओं के निदान के लिए भी वह प्रभावी व्यवस्था सुनिष्चित करेंगे। उन्होंने कहा कि षिक्षकों की स्वयं की सेवा संबंधित समस्याओं का निदान जरूरी है। इसी से वे और बेहतर परिणाम दे पाएंगे। उन्होंने षिक्षकों को नामांकन वृद्धि, ठहराव और गुणवत्ता को सुनिष्चित करने के लिए जीतोड़ मेहनत करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इसमेें जो श्रेष्ठ कार्य करेंगे उन्हें पुरस्कृत किया जाएगा। विभाग में स्वस्थ प्रतिस्पद्र्धा के साथ बेहतर परिणाम प्राप्ति उनकी प्राथमिकता है।
प्रारंभिक षिक्षा विभाग के निदेषक श्री बी.एल. मीणा ने षिक्षण में प्रषिक्षण की उपयोगिता पर जोर देते हुए कहा कि षिक्षा अधिकारी कुषल नेतृत्व के साथ अपने कार्य को अंजाम दें। कार्यषाला के दूसरे दिन षिक्षक मूल्यांकन कार्यक्रम, विद्यालय निरीक्षण आदि पर विषद् चर्चाएं हुई। इस दौरान ब्लाॅक षिक्षा अधिकारियों ने क्षेत्र में कार्य करने की चुनौतियां और समस्याओं से भी अवगत कराया। छात्र नामांकन वृद्धि के संबध में स्टेट ओपन स्कूल के सचिव श्री दयाराम महरिया ने नवाचार अपनाते हुए कार्य करने के सूत्र साझा किए। समूह चर्चा के अंतर्गत प्रदेष केा षिक्षा में अग्रणी करने के लिए विभिन्न स्तरों पर कार्य करने पर सहमति जताई गई।
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