नौकरी छोड़ी है, समाजसेवा नहीं-सरोज कंवर

महिला सामाजिक कार्यकर्ता को दी भावभीनी विदाई
a1सापला। नौकरी छोडी़ है लेकिन समाजसेवा कार्य जारी रहेगा। सामाजिक बदलाव की मुहिम में साथ देती रहुगंीं। उक्त विचार रखे सामाजिक कार्यकर्ता सरोज कंवर राणावत ने अपने विदाई समारोह में । सरोज कंवर पिछले तीन वर्ष से किषोर किषोरियो की षिक्षा और विकास परियोजना सरवाड में वंचितो की षिक्षा एवं महिला सषक्तिकरण के लिए जालिया संकुल में कार्यरत थी। अपने वैवाहिक जीवन की षुरूआत करने के कारण सरोज ने संस्था से नौकरी छोड़ देने से अंतिम कार्यदिवस पर षुक्रवार को संकुल कार्यालय में उनके सम्मान में विदाई समारोह आयोजित किया गया जिसमें संस्था कार्मिको के साथ क्षेत्र की महिला -पुरूषो एवं जनप्रतिनि ने भाग लिया। समारोह में उपस्थित महिलाओ ने बताया कि सरोज के प्रयास से उन्हे कई बार अपने मन की बात कहने का मंच पर मौका मिला था। उनकी जवान एवं अनपढ बेटियो को चार माही आवासीय षिविर में पढने-लिखने का मौका मिला है। उनके प्रयास से महिलाओ एवं बच्चो के अधिकार पर सराहनीय पहल की गई। सकुंल प्रभारी रघुवीर प्रसाद मेघवंषी ने बताया कि सरोज कंवर एक राजपूत परिवार से है और इनके परिवार में उन पर कई बंदिषे थी मगर सरोज ने समाज में महिलाओ की बंदिषे कम करने एवं उनके हको के लिए काम करने के लिए घर-परिवार को विष्वास में लेकर संस्था से जुड़ी और मन लगाकर विपरीत परिस्थितियों में समाजसेवा कार्य किया। सामाजिक बदलाव कार्य में अपना अहम योगदान दिया।
DSCN5251सरोज कंवर के नौकरी छोडने की खबर से क्षेत्र के लोगो को बहुत दुख हुआ है। इस दौरान दिषा संस्था अजमेंर के रणजीतसिंह केषावत ने अपने विचार प्रकट करते हुए कहा कि अपने व्यक्तित्व की महक एवं विचारो का प्रकाष अपने ससुराल में भी फैलाती रहे। सुपा सरपंच जितेन्द्र मेवाडा ने भी सरोज के कार्य की सराहना करते हुए अन्य महिलाओ से सरोज से प्रेरणा लेने पर जोर दिया। संस्था के पदाधिकारी एवं सभी प्रेरणा केन्द्र प्रभारियो ने सरोज को आष्वासन दिया कि वे उनके द्वारा छेडी गई समाजसेवा एवं षिक्षा की मुहिम को बरकरार रखेंगे । कार्यक्रम के अंत में सभी ने सरोज कंवर का माल्यार्पण कर तोहफा भेंट किया कुछ महिलाओ ने नकद राषि व पताषे भेटं किये। सरोज को समाजसेवा कार्य में घर से बाहर खुला छोडने व साथ देने के लिए संस्था एवं ग्रामीणो की तरफ से सरोज कंवर की मॉं एवं उनके काका श्री का भी सम्मान किया गया। सभी के द्वारा ढोल बजाकर नाच-गान करते हुए उज्ज्वल भविष्य की कामना के साथ संकुल कार्यालय से विदा किया गया। टीम ने केकडाधीष बालाजी मंदिर परिसर में सरोज के सम्मान में दावत भी दी गई। संस्था एवं क्षेत्र को सरोज की कमी जरूर खलेगी। इस दौरान सभी की आंखे नम थी। इस दौरान रघुवीर प्रसाद,रणजीतसिंह, दामोदर, भेरू,कंगन,संतोष, षंकर खारोल, महावीर साहु, पारस,अनिता,सरदार,, हेमराज, सरंपंच जितेन्द्र मेवाडा एवं ग्रामीण आदि उपस्थित थे।े सरोज कंवर को विदाई देते ग्रामीण एवं संस्था कार्मिक- प्रेस फोटो  सुरेष वैष्णव

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