


यह कलश व शोभा यात्रा दोपहर 5 बजे गोपाल जी का मंदिर तेल मील के पीछे नगरा से प्रारम्भ हुई जो गुर्जर धरती होते हुए लौहार बस्ती पर सम्पन्न हुई। कलश व शोभा यात्रा में अधिक संख्या में समाज बन्धु उपस्थित रहे। महिलायें ने कलश यात्रा एवं झांकिया निकाली।
विचार गोष्ठी को सम्बोधित करते हुए संत श्री पाठक जी महाराज, चित्रकुट धाम (देवनगर) ने हिन्दू समाज का रक्षण करने के लिये लौहार समाज को आव्हान किया कि हिन्दू समाज का प्रत्येक वर्ग लौहार समाज को मुख्य धारा में लाने में सहयोग देने हेतु सदेव साथ खडा है। किन्तु आवश्यक है कि अपने भूले हुए स्वाभिमानी अस्तित्व को पहचान कर समाज के अन्य वर्गो के साथ खड़ा रहने में अपनी भूमिका अदा करें।
विचार गोष्ठी के मुख्य वक्ता राष्ट्रीय सेवकसंघ के विभाग गौ सेवा प्रमुख देवाराम जी ने महाराणा प्रताप की जीवनी के विषयों पर विचार विमर्श करते हुए बताया कि महाराणा प्रताप का नाम इतिहास में वीरता और दृढ प्रतिज्ञा के लिये अमर है। महाराणा प्रताप एक महान विभूति व शूरवीरता के प्रकाश स्तम्भ है, उन्होने मेवाड़ राज्य को अकबर के प्रभुत्व से स्वतंत्र बनाये रखने के लिये अपनी सारी सुख सुविधाओं को न्योछावर कर दिया। उन्होने बताया कि वे कायरता व स्वार्थ से कोसों दूर थे। और बताया कि महाराणा प्रताप की माँ ने उन्हें भगवद्गीता की शिक्षा दी तथा मातृभूमि और मानवता की रक्षा हेतु त्याग एवं समर्पण की प्रेरणा दी। गोष्ठी में महाराणा प्रताप के संघर्षमय जीवन में गाड़िया लौहार समाज के त्याग, समपर्ण के योगदान पर भी प्रकाश डाला।
कार्यक्रम का संचालन ओमप्रकाश भड़ाना ने किया। कार्यक्रम में गाड़िया लौहार समाज के श्रीकिशन जी नसीराबाद ने अध्यक्षता एवं सुरजमल जी पटवारी ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इसी प्रकार कार्यक्रम में गाड़िया लौहार समाज क प्रमुख औंकार लौहार, राजेश लौहार, श्रवण लौहार, सोहर लौहार, भाईजी लौहार आदि लौहार समाज के प्रमुख लोग मौजूद थे।
संजय शर्मा
महानगर कार्यवाह
मो. 9413870261