आदर्श नगर स्थित शिव मंदिर में आदर्श नगर सनातन धर्म सभा द्वारा आयोजित सह़़स्त्र चण्डी महायज्ञ के अनुष्ठान में पंचम व अंतिम दिवस पर सन्यास आश्रम एवं तुलसी सेवा संस्थान के द्वारा सूर्योदय वेला में प्रभात फेरी के साथ किया गया एवं आश्रम के श्यामाचार्य महाराज ने मंदिर परिसर में भजन कीर्तन कर यज्ञ की महत्ता को समझाया।
यज्ञाचार्य पं. मनोहर शास्त्री के सानिध्य में प्रातःकालीन बेला में विप्रवरों ने 61 कुण्डों पर उपस्थित यजमानों द्वारा आचमन, प्राणायाम द्वारा मंत्र शुद्धिकरण कर गणपती इत्यादि देवताओं का पूजन किया । विप्रवरों ने यजमानों की मंगलकामना हेतु भद्रसूक्त का पाठ कर आर्शीवचन प्रदान किए । सभी शक्तियों का पूजन कर कवच अर्गला, कीलक, पाठ पूर्वक नवार्णमंत्र सहित दुर्गा सप्तशती के द्वितीय आवर्तन का हवन किया गया ।
भूदेवों ने स्थापित देवताओं के हवनोंपरांत संविधा निवारणार्थ हवन किया गया । अलक्ष्मी विनाश एवं दशविधि लक्ष्मी प्रसन्नता हेतु पायस द्वारा अष्ठ लक्ष्मी का आवहान किया गया ।
आवाहित देवताओं का विभिन्न मनोरथ के साथ उत्तर पूजन कर प्रदेष में शान्ति की कामना की । अजमेर में तोयवृष्टि द्वारा प्रसन्न इन्द्र का इन्दसुक्त पूर्वक दस दिगपालों को पकवान बलिदान कर विप्रों ने श्वेत कुष्मांड द्वारा क्षेत्रपाल बलिदान किया गया ।
रोली मोली से वेष्टित श्रीफल द्वारा गगनभेदी निनादों पूर्वक मां के प्रीत्यर्थ पूर्णाहुति हवन कर यजमानों के कुशल मंगल की कामना की गई ।
यज्ञ के अंत में यजमानों के धर्मअर्थकाम त्रिविध पुरूषार्थों की अभिर्वचनों की कामना करते हुए वामस्थ पत्नी अभिषेक कर विप्रों ने आर्शिवचन के साथ श्रेय दान किया ।
यज्ञाचार्य शास्त्री मनोहर लाल जी ने विप्रमण्डल द्वारा समर्पित यज्ञ कर्म हेतु आभार व्यक्त किया गया । यज्ञ की पूर्णाहुति पर निर्म्बाकाचार्य श्रीजी महाराज की अस्वस्थ्यता के कारण स्वयं उपस्थित नहीं हो पाये, उनके शिष्टमण्डल ने यज्ञशाला पधार कर श्रीजी महाराज का आर्शीवचन भक्तजनों तक पंहुचाया ।
अतःमें सभा के अध्यक्ष श्री पहलाद सिंह जी पीह ने डंूगरपुर से पधारे सभी विप्रमण्डल यजमानों एवं आयोजन में कार्य करने वाले सभी कार्यकर्ताओं का धन्यवाद दिया । उसके बाद विशाल भण्डारे का आयोजन किया गया जिसमें बडी संख्या में श्रद्धालुओं ने प्रसाद प्राप्त किया ।
सुनील गोयल
