अजमेर 23 जुलाई । निकटवर्ती दातड़ा गांव में आज कृषि विज्ञान केन्द्र तबीजी, द्वारा बागवानी सम्मेलन आयोजित किया गया। इस अवसर पर किसानों को फसलों और मिट्टी की जांच आदि के बारे में जानकारी दी गई।
सम्मेलन में कृषि विज्ञान केन्द्र के डाॅ. दिनेश अरोड़ा, शष्य वैज्ञानिक, डाॅ. एस.के.शर्मा, पौध संरक्षण वैज्ञानिक, डाॅ. आर.पोरवाल उद्यान वैज्ञानिक, डाॅ. आर.के.शर्मा एवं डाॅ.डी.एस.भाटी व कृषि विभाग के श्री अनिल गुर्जर, सहा.कृषि अधिकारी, श्री चैथमल कृषि पर्यवेक्षक एवं गांव के सरपंच श्री राजा राम पंचारिया, ने किसानों से चर्चा की।
डाॅ. दिनेश अरोड़ा ने बाग हेतु मिटृी पानी जांच की उपयोगिता बताई एवं मिट्टी के नमूने लेने की विधि की चर्चा की। उन्होंने बताया कि मिटृी की जांच हेतु 5 फुट गहराई तक के सात नमूने लें व 8.5 पीएच से अधिक पीएच वाली मृदा में नींबू वर्गीय पौधे नहीं लगाए। उस भूमि में कैल्शियम की मात्रा अधिक हो तो भी नींबू वर्गीय पौधे नहीं लगाए।
डाॅ. आर. पोरवाल ने किसानों को बताया कि इस क्षेत्रा हेतु फलदार पौधे लगाने का उचित समय है अतः उचित दूरी पर अच्छी किस्म के पौधे ही बाग में लगाए। डाॅ. पोरवाल ने सब्जी की पौध तैयार करने में सावधानी की चर्चा की। डाॅ. एस.के.शर्मा, पौध संरक्षण वैज्ञानिक ने जानकारी देते हुए किसानों को सब्जियों में समन्वित कीट एवं रोग प्रबंधन की तकनीक बतायी व फिरामोन टेप का विधि प्रदर्शन कर कीट का अधिक नुकसान स्तर से उपर कीटों के प्रकोप होने पर ही सुरक्षित कीट नाशियों के उपयोग की जानकारी दी।
डाॅ. धर्मेन्द्र सिंह भाटी ने किसानों को सब्जी बीज उत्पादन समूह बनाकर सब्जी संघ बनाकर विपणन एवं प्रसंस्करण कर उप्पाद से अधिक आय अर्जित करने पर बल दिया। कृषि विभाग के श्री अनिल गुर्जर ने विभाग की योजनाओं से कृषकों को अवगत करवाया व सुक्ष्म सिंचाई द्वारा जल बचत पर जोर दिया उन्होंने ग्राव में जैविक कृषि के प्रदर्शनों की भी चर्चा की।
डाॅ. रमाकान्त शर्मा ने कार्यक्रम का संचालन किया एवं कृषकों का धन्यवाद दिया।
