अजमेर। सूफी संत हजरत ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती के वंशज एवं वशानुगत सज्जादानशीन दीवान सैयद जैनुल आबेदीन अली खान ने पंजाब के गुरदासपुर में हुये आतंकी हमले पर कहा कि पंजाब में 25 साल बाद पंजाब में हुआ आतंकी हमला चरमपंंिथयों एवं पाक खुफिया ऐजेन्सी आईएसआई की सोची समझी साजिश का नतीजा है। उन्होने कहा कि पाकिस्तान की यह साजिश है कि पंजाब में आतंकवाद को फिर से जिंदा करके भारत में अशान्ति का वातावरण बनाया जाऐ। इससे एक बार फिर पाकिस्तान के नापाक इरादों का खुलासा हुआ है।
पंजाब के गुरदासपुर में हुये आतंकी हमले पर जारी ब्यान में दरगाह दीवान ने कहा कि सभी को मिलकर इस हमले की निंदा करनी चाहिये यदि पंजाब अशांत हुआ तो उसको काबू करना मुश्किल हो सकता है। उन्होंने इस हमले में शहीद हुऐ जवानों के प्रति संवेदना जाहिर की है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि कश्मीर में पाकिस्तान और आतंकी संग्ठनों के झंडे फहराना बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। इसके खिलाफ केंद्र को सख्त कदम उठाने होंगें।
दरगाह दीवान ने कहा कि पाकिस्तान से आए आतंकियों ने पंजाब में ठीक वैसा ही हमला कर अपने दुस्साहस के साथ-साथ खतरनाक होते इरादों को प्रकट कर दिया जैसा वे जम्मू-कश्मीर में करते रहे हैं। कारगिल विजय दिवस के ठीक अगले दिन गुरदासपुर में किया गया यह आतंकी हमला साफ तौर पर रेखांकित करता है कि पाकिस्तानी आतंकी देश-दुनिया को यह संदेश देना चाहते हैं कि वे जम्मू-कश्मीर के अलावा भारत के अन्य हिस्सों में भी खून-खराबा कर सकते हैं।
दरगाह दीवान कहा है कि देश में फैले आतंकवाद को खत्म करने के लिए केंद्र सरकार ठोस राष्ट्रीय नीति अपनाए। आतंकी गतिविधियों से सख्ती से निपटने की जरूरत है। देशवासियों को आतंकवाद की भेंट नहीं चढ़ाया जा सकता। पाकिस्तान की और से लगातार हो रही आतंकियों की घुसपैठ रोकने के लिए सीमा को बेहतर तरीके से सील करना चाहिए। केंद्र सरकार को इस तरफ विशेष ध्यान देना होगा। सीमा पर पैनी नजर रखकर ही ऐसे आतंकी हमले रोके जा सकते हैं। उन्होने यह आशंका जाहिर कि की पाक की नापाक साजिश से पंजाब में आतंकवाद दोबारा पनपने की संभावनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता।उन्होंने कहा कि पंजाब में लंबे संघर्ष के बाद अमन-शांति बनी है। सरकार इसे बरकरार रखने की हर संभव कोशिश करे।
दरगाह दीवान ने कहा कि भारत सरकार पाकिस्तान के संदर्भ में अपनी रीति-नीति को दुरुस्त करने पर विचार करे। दुनिया को दिखाने के लिए पाकिस्तान के साथ शांतिवार्ता हो लेकिन शांति राष्ट्रीय सम्मान एवं देश के स्वाभिमान की कीमत पर कतई नहीं हो क्योंकि हमारा मुल्क जब भी पाकिस्तान के साथ संबंध बेहतर बनाने की कोशिश करता हैं सीमापार से कोई न कोई आतंकी घटना हो जाती है।
उन्होने कहा कि भारत पाकिस्तान के नापाक इरादों से सावधान रहकर उसे सबक सिखाने के हर संभव उपाय करे। उन्होने आतंकी हमले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की है कि भारत सरकार को इसे हलके में नहीं लेना चाहिये क्योंकि यह देश के स्वाभिमान का सवाल है।