अजमेर / विवेकानन्द केन्द्र कन्याकुमारी की अजमेर शाखा द्वारा शुक्रवार 31 जुलाई, 2015 को दो स्थानों पर गुरू पूर्णिमा उत्सव का आयोजन किया गया। मुख्य कार्यक्रम सांय 7 बजे भजनगंज स्थित केन्द्र कार्यालय पर हुआ। इसमें मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए राजस्थान प्रान्त के सह प्रमुख उमेश कुमार चौरसिया ने कहा कि भारतीय संस्कृति में ओंकार को परमगुरू माना गया है। ओंकार ईश्वर का ही एक नाम है, इसके उच्चारण मात्र से शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य के साथ-साथ आध्यात्मिक चेतना भी सहज प्राप्त हो जाती है। इस दिन को व्यास पूर्णिमा के रूप में भी मनाने का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि सम्पूर्ण जीवन दर्शन बताने वाले महाग्रंथ महाभारत के रचयिता महर्षि वेदव्यास ने गुरू-शिष्य परम्परा को सम्बल प्रदान किया था। दूसरा कार्यक्रम प्रातः साढे छः बजे चन्द्रवरदाई स्थित श्री ओंकारेश्वर मंदिर में हुआ। यहाँ वक्ता डॉ प्रवीण माथुर ने जीवन में गुरू के महत्व के बारे में बताते हुए कहा कि सद्गुरू का सानिध्य हमें अज्ञानता के अंधकार से जीवन प्रकाश की ओर ले जाता है। सद्चरित्र रहते हुए हमारे भीतर के श्रेष्ठ गुणों को जाग्रत करने का काम गुरू के द्वारा ही संभव है। नगर प्रमुख महेश शर्मा, सह प्रमुख क्षितिज तोषनीवाल, कुसुम गौतम आदि ने गुरू महिमा का बखान करने वाले भजनों की सुदर प्रस्तुतियां दीं। इस अवसर पर अनेक हितचिन्तक, कार्यकर्ता व प्रबुद्धजन उपस्थित थे। अंत में ओंकार के समक्ष पुष्पार्पण किया गया।
महेश शर्मा
नगर प्रमुख
विवेकानन्द केन्द्र कन्याकुमारी, अजमेर शाखा
संपर्क-9413224419