कांग्रेस नेता टंडन ने दिए पायलट को सुझाव

आदरणीय सचिन पायलट साहब,
प्रदेशाध्यक्ष, राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी,
जयपुर।

विषय:- पायलट के नाम अजमेर नगर निगम चुनाव में जीत का मंत्र देने के लिये एक निष्ठावान कांग्रेसी का खुला पत्र।
मान्यवर,

राजेश टंडन
राजेश टंडन
वैसे तो राजस्थान का हर निकाय चुनाव ही कांग्रेस के वर्तमान परीप्रेक्ष्य से पुर्नउद्धार के लिये महत्वपूर्ण है किन्तु आपके अर्थात वर्तमान उदयमान व प्रदेश में कांग्रेस की उम्मीद के रूप में देखे जा रहे प्रदेश अध्यक्ष का संसदीय लोकसभा क्षेत्र होने के कारण अजमेर नगर निगम का चुनाव पूरे देश की निगाहों में है। हालांकि आज आम कांग्रेसजन गत 20 वर्षों के इतिहास को देखते हुए अजमेर में बोर्ड बनने की संभावना के संदर्भ में हतोत्साहित है। यह सच है कि गत चुनाव में कांग्रेसजनों ने एकरूपता का परिचय देते हुए मेयर के चुनाव में विजय हासिल कर ली थी किन्तु बोर्ड में तब भी बहुमत भाजपा का ही रहा था। आज भी भारतीय जनता पार्टी बहुमत में होने के कारण उत्साह से लबरेज है। भाजपा यह भी मानती है कि गत मेयर के चुनाव में भी हमारे ही कार-सेवकों ने कमल के फूल के स्थान पर कमल को वोट दे दिया था। इस बार भाजपा ने कमल कांग्रेसी नीति को प्रतिबंधित करने के लिये भी कमर कस रखी है। कांग्रेस का निष्ठावान सिपाही होने के नाते, मेरा दायित्व बनता है कि मैं इस पत्र के माध्यम से अजमेर नगर निगम चुनावों में कांग्रेस की जीत को सुनिश्चित करने के लिये उचित सलाह पूर्ण सत्यता एवं निर्भीकता के साथ आपके सामने रखूं। इसी भावना के साथ मैं आपको यह भी बताना चाहता हूं कि अजमेर की जनता में आज भी कांग्रेस का बहुमत है। अजमेर की जनता ने श्रीमती प्रभा ठाकुर और आपके प्रथम चुनाव में इसे साबित भी किया। उन दोनों ही लोकसभा चुनावों में प्रत्याशी की कोई गुटबाजी नहीं होने के कारण कांग्रेस को विजय मिली। अगले ही चुनाव में जब प्रत्याशी का गुटविशेष से संबंध हो गया तो नतीजा फिर पराजयी रहा। यही वजह है कि अजमेर में यह कहा जाता है कि यहां भाजपा नहीं जीतती है बल्कि कांग्रेस की गुटबाजी कांग्रेस को हराती है। आज भी मुस्लिम और दलित बाहुल्य अजमेर में जीतना ना तो असंभव है और ना ही कठिन। आवश्यकता है तो सिर्फ कांग्रेस के प्रति निष्ठा से प्रयास करने की। इसी प्रयास को धरातल पर मूर्त रूप देने के लिये मेरे सुझाव हैं कि:-

1. आपको सभी गुटों को एक जाजम पर लाकर कांग्रेस के लिये काम करने हेतु प्रेरित करना होगा। लोग कहते है कि आपने इसी दशा में प्रयास करते हुए गुटबाजी से उपर उठकर समितियां गठित की हैं। मेरी राय भिन्न है। आपने हरावल दस्ते को समिति में जगह देकर यह सोच लिया कि सारे गुट एक हो गये। यह सोच ही दोषपूर्ण है। हरावल दस्ता अगर महत्वपूर्ण पद प्राप्त कर ले और निष्ठावान कार्यकर्ता हतोत्साहित हो जाये तो संगठन में यही संदेश जायेगा जिसने भी हरावल दस्ते के रूप में कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशी का विरोध करके उसे हराया उसको ही संगठन में तरजीह दी। आपने स्वयं ने लोकसभा चुनाव में हरावल दस्ते की भूमिका देखी है। मुझे लगता है उसी हार के भय ने आपको हरावल दस्ते के सामने तुष्टिकरण की नीति अपनाने को मजबूर कर दिया है। इस अवसाद से बाहर आईये। कांग्रेस के निष्ठावान लोगों को जोड़कर जिताउ दस्ते का निर्माण कीजिये। इसके लिये आवश्यक है कि व्यक्ति या गुट की निष्ठा को दरकिनार कर कांग्रेस के चुनाव चिन्ह के प्रति समर्पित व्यक्तियों को महत्व देकर जीत की जिम्मेदारी दीजिये। हरावल दस्ता हरा सकता है कांग्रेस का सच्च कार्यकर्ता जिता सकता है। राहुल जी का यह मंत्र ही जीत का आधार होगा।
2. इस पर भी विचार करना होगा कि कांग्रेस का परम्परागत दलित व मुस्लिम वोट आज कांग्रेस से दूर क्यों है ? अजमेर में कोली समाज, रेदास समाज और हरिजन व भाम्भी समाज प्रारम्भ से ही कांग्रेस का मतदाता रहा है। इस मतदाता को फिर से कांग्रेस के साथ जोड़ने के लिये यह जरूरी है कि इन समाजों में गुटबन्दी नहीं पनपाकर समाज के प्रत्येक व्यक्ति से समान व्यवहार करने वाले प्रत्याशीयों का चयन किया जाये। यदि गुटबाजी के लोगों को प्रत्याशी बनाया गया तो दूसरा गुट हरावल दस्ते की भूमिका निभायेगा। ऐसे लोगों को मुंहतोड़ जवाब देने के लिये गुटबाजी पनपाने वाले व्यक्तियों के प्रति निष्ठा रखने वाले किसी भी व्यक्ति को कांग्रेस का प्रत्याशी नहीं बनाया जावे।
3. अजमेर में कोई सोच भी नहीं सकता कि तारागढ़, अन्दरकोट, इमाम बाढ़ा, दरगाह बाजार, लाखन कोठड़ी, लौंगिया मौहल्ला, शोरग्रान मौहल्ला व बड़ा पीर क्षेत्र में कांग्रेस की हार हो सकती हो किन्तु इतिहास गवाह है कि प्रत्याशीयों के गलत चयन के कारण इन क्षेत्रों में नगर निगम चुनावों में कांग्रेस के पार्षद प्रत्याशी हारते हैं। वजह साफ है कि गुटबाजी के अनुसार टिकटों का वितरण होता है। अजमेर की गंगा-जमनी संस्कृति में मुस्लिम मौहल्लों में भी गैर मुस्लिम निष्ठावान कांग्रेसी कार्यकर्ताओं की मजबूत पकड़ है। गैर मुस्लिम कार्यकर्ताओं से राय लेकर टिकट वितरण करने पर गुटबाजी से उपर उठकर निर्णय हो पायेगा और कांग्रेस को जिताउ प्रत्याशी मिल सकेंगे।
4. इतिहास यह बताता है कि कांग्रेस का नगर निगम अजमेर में सिर्फ महिला प्रत्याशीयों की जीत नहीं होने के कारण ही बोर्ड नहीं बन पाता है वजह साफ है गुटबाजी रखने वाले लोग समाज के समक्ष गुणवत्ता व स्तर रखने वाला प्रत्याशी नहीं देकर अपने चहेतों के परिवार से ही महिलाओं को लाकर टिकट दिलवा देते हैं। भाजपा इस बारे में गहन विचार करके कर्मठ व उच्च शिक्षित और समाज में प्रतिष्ठा रखने वाली महिलाओं को प्रत्याशी बनाती है। इसके लिये जरूरी है कि महिला कांग्रेस को विश्वास में लेकर राजनैतिक रूप से सक्रिय और समाज में प्रतिष्ठित महिलाओं को ही टिकट दिया जाये। जो महिलाएं राजनैतिक कार्यक्रमों में बढ़-चढ़ कर भाग लेती हैं और महिला कांग्रेस को मजबूती प्रदान करती है ऐसी महिलाओं को ही प्राथमिकता दी जाये।
5. आरक्षण की वजह से जातिगत समीकरण भी बनते बिगड़ते हैं अजमेर में पिछड़े वर्ग में भी माली समाज का वर्चस्व है। अजमेर में थोक मालियान और थोक तेलियान की पहचान निर्विवादित है। उचित यही होगा कि पिछड़े वर्ग के लिये आरक्षित टिकटों का वितरण करते समय माली व तेली समाज के प्रतिष्ठित व्यक्तियों से रायशुमारी कर इन व्यक्तियों को अपना हक दिया जाये।
6. राहुल गांधी का सपना यह है कि अनुभव के साथ ही नई उर्जा को भी अवसर मिले। युवाओं को जोश के साथ कांग्रेस से जोड़ना है इसके लिये आवश्यक है कि युवक कांग्रेस व एन.एस.यू.आई. के पदाधिकारियों से विचार विमर्श करके अधिक से अधिक टिकटों का वितरण युवा पीढ़ी को किया जाये। जहां तक अनुभव का प्रश्न है प्रारम्भ से ही कांग्रेस से जुड़े हुए मेरी पीढ़ी के लोग अब अपने अनुभव के आधार पर राय देने के लिये आपके समक्ष मौजूद हैं। पूर्व प्रदेश अध्यक्षों, जिला अध्यक्षों, मुख्यमंत्रीयों, मंत्रीयों, वरिष्ठ विधायकों से लेकर मुझ तक के वरिष्ठ नागरिकता प्राप्त कर चुके कांग्रेसजनों के अनुभव का लाभ उठाईये। हमारी पीढ़ी अब चुनाव की जिम्मेदारी उठाने के लिये सक्षम व सफल नहीं है बल्कि राय देकर युवाओं को आगे बढ़ाने के लिये ही महत्वपूर्ण योगदान दे सकती है।
7. इन सबसे महत्पूर्ण है सत्यता की बजाय चापलूसीपूर्ण सलाह देने वाले रायबहादुरों से दूर रहकर सच का सामना करते हुए निर्भीकता और निष्पक्षता से टिकट वितरण की कवायद। इसके लिये जरूरी है कि आप कथित रूप से कमेटी बनाकर उनको ही जिताने की जिम्मेदारी देकर हार की संभावित आशंका से भयभीत होकर रणछोड़दास बनने की बजाय पूरी जिम्मेदारी लेकर एक-एक टिकट पर पूर्ण विचार करके तब प्रत्याशी बनाया जाये और उसको जिताने के लिये नगर के प्रत्येक कांग्रेसजन में उर्जा का संचार करके जीत के लिये कार्यकर्ताओं को संकल्पित करने की।
8. मेरी विनम्र राय यह भी है कि भूलकर भी अवसरवादी व चापलूसों का भरोसा मत कर लेना। भाजपा ने सरकार में होने का फायदा लेते हुए पहले ही वार्डों के परिसीमन में मनमर्जी से काट-छांट कर आधी लड़ाई जीत ली है। जब भाजपा परिसीमन में गड़बड़ी कर रही थी उस समय यह अवसरवादी चापलूस ऐतराज करने की बजाय कुम्भकरणी नीन्द सो रहे थे। अब जरूरत है ऐसे लोगों से दूर रहकर जीवित जाग्रत कार्यकर्ताओं के सहारे चुनाव वेतरणी पार करने का।

इसी सद्भावना से मैं आपको यह सुझाव देकर उम्मीद करता हूं कि आप इन सुझावों पर अमल करेंगे। राहुल गांधी की आम कार्यकर्ताओं को जोड़कर कांग्रेस को नया अवतार देने की परिकल्पना को साकार करेंगे और अजमेर नगर निगम में आगामी चुनाव में कांग्रेस के बोर्ड गठन का मार्ग प्रशस्त करेंगे। यहां पर मैं विशेष रूप से यह करबद्ध प्रार्थना और करना चाहता हूं कि मैंने यह पत्र किसी राजनैतिक महत्वकांक्षा से नहीं लिखा है मुझे या मेरे किसी परिवारजन, मित्र, स्नेही को चुनाव में टिकट की अभिलाषा नहीं है। मेरी तमन्ना सिर्फ यह है कि आप पुरानी गलतियों से सीख लेकर अजमेर में कांग्रेस को फिर से एक करके कांग्रेस के परम्परागत वोटों को फिर से कांग्रेस की ओर मोड़कर नगर निगम अजमेर में कांग्रेस का मेयर बैठाएं। मेरे सुझाव इस पुनीत कार्य में निश्चित रूप से सहायक सिद्ध होंगे। मेरे जैसे निष्ठावान कांग्रेसी को यदि आपने यह सौगात दे दी तो कांग्रेस को फिर से पुर्नस्थापित होने से दुनिया की कोई ताकत नहीं रोक पायेगी।
सादर……..

राजेश टण्डन
पूर्व सचिव राज. प्रदेश कांग्रेस कमेटी, जयपुर

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