अक्टूबर माह से सभी तहसीलों मंे काश्तकारों के खातों के विभक्तिकरण (सेग्रिगेशन) के लिए अभियान चलेगा
राजस्व मंडल अध्यक्ष ने अजमेर संभाग के कलक्टर एवं अन्य अधिकारियों की बैठक ली
बैठक को सम्बोधित करते हुए पास बैठे है संभागीय आयुक्त डाॅ. धर्मेन्द्र भटनागर ।
राजस्व मंडल की अध्यक्ष सुश्री जौहरी आज अजमेर संभाग के चार जिलों अजमेर, नागौर, भीलवाड़ा व टोंक के जिला कलक्टर की संभागीय आयुक्त कार्यालय मंे आयोजित बैठक को सम्बोधित कर रही थी। बैठक में संभागीय आयुक्त डाॅ. धर्मेन्द्र भटनागर, नागौर के जिला कलक्टर राजीव विशाल, टांेक की कलक्टर रेखा गुप्ता, अजमेर के अतिरिक्त कलक्टर किशोर कुमार, भीलवाड़ा के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद के.के.शर्मा सहित इन जिलों के सूचना विज्ञान अधिकारी मौजूद थे।
राजस्व मंडल के अध्यक्ष ने जिला कलक्टर्स को निर्देश दिए कि अक्टूबर माह में काश्तकारों के खातों के विभक्तिकरण (सेग्रिगेशन) के कार्य हेतु अभियान चलाया जाएंगा जो आगामी 6 माह तक चलेगा। उन्होंने कहा कि इस अभियान के लिए प्रारम्भिक कार्य और तैयारियां तत्काल प्रारम्भ करनी होगी। अजमेर संभाग मंे भीलवाड़ा व टोंक जिले को इसमें पायलट जिले के रूप में चुना गया है। उन्होंने कहा कि इस अभियान के लगातार मोनीटरिंग जिला कलक्टर द्वारा की जाएगी और प्रत्येक जिले के लिए एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य के सभी जिला कलक्टर अपने नोडल अधिकारियों की सूचना उनके मोबाईल नम्बर सहित राजस्व मंडल को तत्काल भिजवाएंगे जिससे मंडल अपने स्तर पर इनसे नियमित जानकारी लेगा।
उन्होंने कहा कि डाटा सेग्रिगेशन का कार्य पटवारी तथा भू-अभिलेख निरीक्षक द्वारा सोच समझकर किया जाना है। तहसील स्तर पर इनका पूरा डाटा तैयार होगा। यदि किसी स्तर पर इन्हें प्रशिक्षण की आवश्यकता होगी तो एन.आई.सी द्वारा इन्हें प्रशिक्षित किया जाएंगा। इस प्रकार तैयार की गई जमाबंदी के सभी खातों की जांच भू-अभिलेख निरीक्षक द्वारा की जाएगी तथा 25 प्रतिशत खातांे की जांच तहसीलदार व नायब तहसीलदार द्वारा की जाकर प्रमाणित की जाएंगी।
राजस्व मंडल अध्यक्ष ने बताया कि डाटा सेग्रिगेशन के लिए प्रत्येक तहसील के लिए दो कम्प्यूटर मशीन विद मैन उपलब्ध कराने के प्रस्ताव राज्य सरकार को स्वीकृति हेतु भिजवाएं गये हैं जिसके शीघ्र प्राप्त होने की संभावना है।
उन्हांेने बताया कि डाटा सेग्रिगेशन के लिए राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र राजस्थान द्वारा विशेष तौर पर साॅफ्टवेयर तैयार किया गया है जो सभी जिलों के जिला सूचना विज्ञान अधिकारियों को उपलब्ध कराया जा रहा है। उन्होंने जिला कलक्टर से कहा कि वे अपने जिले में यह सुनिश्चित करें कि वहां तरमीम का कार्य पूरा हो चुका है। इस अभियान की तहसील स्तर पर निगरानी आवश्यक है। उन्होंने यह भी कहा कि तरमीम का कार्य भी निरन्तर कार्य की श्रेणी में आता है।
राजस्व मंडल अध्यक्ष ने जिला कलक्टर से यह भी कहा कि एन.एल.आर.एम.पी. के तहत डिजीटाईजेशन आॅफ कैडस्ट्रल मैप भूप्रबध विभाग द्वारा तैयार किए गए नक्शों को डिजीटाईजेशन हेतु काम में लिया जाएगा। खसरा,नक्शों को जमाबंदी के आधार पर आदिनांक तक शतप्रतिशत तरमीम कराएं। पटवारी एवं भू अभिलेख निरीक्षक द्वारा डिजीटाईज नक्शों की जांच की जाएगी।
संभागीय आयुक्त डाॅ. धर्मेन्द्र भटनागर ने विश्वास दिलाया कि अजमेर संभाग एन.एल.आर.एम.पी. कार्यक्रम में राज्य मंे सबसे अग्रणी रहकर डाटा सेग्रिगेशन का कार्य युद्ध स्तर पर कराएगा। टोंक व भीलवाड़ा को इसके लिए पायलट जिले के रूप में रखने के लिए उन्होंने धन्यवाद देते हुए कहा कि टोंक जिले की उनियारा तहसील में इसके तहत सर्वाधिक अच्छा कार्य हुआ है।
राजस्व मंडल के निबन्धक श्री सी.आर.मीना ने एन.एल.आर.एम.पी. के तहत सम्पूर्ण राजस्थान की तहसीलों में चलाए जा रहे अभियान के बारे में जानकारी दी और जिला कलक्टर द्वारा रखी गई शंकाओं का समाधान किया। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम को गति देने के लिए राजस्व मंडल की अध्यक्ष द्वारा सभी संभाग मुख्यालयों पर बैठकें आयोजित की जा रही है। अभी तक जयपुर एवं अजमेर की संभाग स्तरीय बैठक हुई है।
मंडल के संयुक्त निदेशक श्री आर. वरदराजन ने एन.एल.आर.एम.पी. का विस्तार में पावर प्रेजेन्टेशन देते हुए सभी अधिकारियों को इसके तहत किए जाने वाले कार्यों को समझाया।
नागौर के जिला कलक्टर राजन विशाल व टांेक की जिला कलक्टर रेखा गुप्ता ने उनके जिले में किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी। भीलवाड़ा व अजमेर की जानकारी जिला परिषद भीलवाड़ा के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री के.के. शर्मा ने दी एवं अजमेर के अतिरिक्त कलक्टर श्री किशोर कुमार ने दी। कार्य योजना के बारे में बताया।
