स्वच्छ भारत अभियान: खुले मे शौच करने पर बजेगी सीटी

जिले की श्रीनगर व सरवाड़ पंचायत समिति का सघन दौराः आमजन को शौचालय निर्माण की दी प्रेरणा

अतिरिक्त जिला कलक्टर श्री किशोर कुमार सरवाड पंचायत समिति की ग्राम पंचायत फतेहगढ  में स्कूली बालक-बालिकाओं को सीटी का वितरण कर खुले में शौच करने वालों को हतोत्साहित करने की सीख देते हुए।
अतिरिक्त जिला कलक्टर श्री किशोर कुमार सरवाड पंचायत समिति की ग्राम पंचायत फतेहगढ में स्कूली बालक-बालिकाओं को सीटी का वितरण कर खुले में शौच करने वालों को हतोत्साहित करने की सीख देते हुए।
अजमेर 8 सितम्बर। स्वच्छ भारत अभियान के तहत जिले की श्रीनगर व सरवाड़ पंचायत समिति की विभिन्न ग्राम पंचायतों के अटल सेवा केन्द्रों मंे आयोजित बैठक में आज ग्रामवासियों को घरों में शौचालय निर्माण हेतु प्रेरित किया गया। इस मौके पर बच्चों को सीटी का वितरण किया गया जिससे खुले में शौच के लिए जाने पर सीटी बजाकर लोगों को हतोत्साहित किया जाएगा।
अतिरिक्त जिला कलक्टर श्री किशोर कुमार ने श्रीनगर व सरवाड पंचायत समिति की ग्राम पंचायत क्रमशः दिलवाड़ा, देरांठू, लोहरवाड़ा, शोकलिया, गोयला एवं फतेहगढ़ के अटल सेवा केन्द्रों में आयोजित बैठक में ग्रामवासियों व अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि जिले में स्वच्छ भारत अभियान के तहत महत्वपूर्ण कार्य हुआ है, जिसके चलते अजमेर जिला 52 हजार शौचालय निर्माण के वार्षिक लक्ष्य को समयावधि से पूर्व ही प्राप्त कर चुका है। इस प्रकार प्रदेश में शौचालय निर्माण के लक्ष्य की प्राप्ति में अजमेर प्रथम स्थान पर बना हुआ है। उन्होंने बताया कि जिले की 13 ग्राम पंचायतों को खुले में शौच से मुक्त किया जा चुका है, लेकिन अभी भी कई ग्राम पंचायतों में लोग खुले में शौच जाने की आदत को छोडने को तैयार नही है, ऐसे लोगों को हतोत्साहित करने के लिए गांव के स्कूली बच्चों को सीटियों का वितरण किया गया। इस प्रकार जब भी कोई खुले में शौच करने जाएगा तो बच्चें सीटी बजाकर हतोत्साहित करते हुए शौचालय निर्माण हेतु प्रेरित करेंगे।
उन्होंने बताया कि घर में शौचालय नही होने से सबसे ज्यादा समस्या घर की बहू-बेटी को होती है, वे शौच जाने के लिए अंधेरा होने का इंतजार करती है, जिससे उनको कई शारीरिक बीमारियां लगने की संभावना बनी रहती है, साथ ही उनके साथ कोई अनहोनी होने की आशंका भी बनी रहती है। अतः आवश्यकता इस बात की है कि जिले में जारी स्वच्छता के इस यज्ञ में प्रत्येक नागरिक सहभागी बने। साथ ही उन्होंने कहा कि जो लोग कई मर्तबा समझाईश के बाद भी खुले में शौच करने जाएंगे उन्हें गांव के बच्चे सीटी बजाकर खुले में शौच करने से रोकेंगे। श्री कुमार ने का कि स्वच्छता को आदत बनाना आवश्यक है। जिन घरों में शौचालय बने है वे सभी उनका उपयोग भी करें, यदि शौचालय का उपयोग करेंगे तो स्वच्छता बनी रहेगी और बीमारियों से बचाव होगा।
अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद श्री जगदीश चन्द्र हेडा ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत देश को वर्ष 2018 तक खुले में शौच से मुक्त करने का लक्ष्य है, लेकिन प्रदेश की मुख्यमंत्राी श्रीमती वसुंधरा राजे ने मार्च 2017 तक प्रदेश को खुले में शौच से मुक्त करने का निर्णय किया है। इस जनकल्याणकारी निर्णय को सफल बनाने हेतु प्रत्येक नागरिक की सक्रिय भागीदारी आवश्यक है, अजमेर जिला भी इससे अछूता नही है। जिले में इस वर्ष 52 हजार शौचालय के निर्माण का लक्ष्य था, जिसमें से अब तक लगभग 53 हजार शौचालयों का निर्माण कर लिया गया है। इस प्रकार अजमेर जिला शौचालय निर्माण के लक्ष्यों की प्राप्ति में प्रदेश में प्रथम स्थान पर है।
उन्होंने कहा कि जिले में अभी भी कई ग्राम पंचायतों में शौचालय निर्माण हेतु लोगों में जागरूकता की कमी है, इसके लिए वार्ड स्तर पर टीमें बनाकर लोगों को जागरूक करने की आवश्यकता है। साथ ही उन्होंने कहा कि कि खुले मंे शौच सभ्य समाज के लिए अभिशाप है, हमें अपने घर की महिलाओं की गरिमा व सम्मान की रक्षा हेतु उन्हें खुले में शौच के अभिशाप से मुक्त करना नितान्त आवश्यक है। जिले को इस अभिशाप से मुक्त करने हेतु प्रत्येक नागरिक की सक्रिय भागीदारी आवश्यक है।
इस अवसर पर पंचायत समिति श्रीनगर की ग्राम पंचायत दिलवाडा, देरांठू एवं लोहरवाडा एवं पंचायत समिति सरवाड की ग्राम पंचायत लोहरवाडा, शोकलिया, गोयला एवं फतेहगढ में बिजली, पानी, सडक व स्वास्थ्य से जुडी समस्याओं की जनसुनवाई करते हुए संबंधित विभाग के अधिकारियों को शिकायतों का त्वरित निस्तारण के निर्देश भी दिए गए। इस मौके पर जिला परियोजना समन्वयक स्वच्छ भारत मिशन श्री विजेन्द्र सिंह ने विभिन्न ग्राम पंचायतों में स्वच्छ भारत मिशन के तहत किए गए कार्याें की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए ग्रामवासियों को घरों में शौचालय निर्माण के लिए प्रेरित किया।
बैठक में सरपंच, उपखण्ड अधिकारी, तहसीलदार, विकास अधिकारी, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. लक्ष्मण हरचंदानी, छात्रा-छात्राएं, ग्रामवासियों समेत कई अधिकारी भी मौजूद थे।

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