-भगवानसिंह रावत- जवाजा। ग्रामीण क्षेत्र में अब 10 वीं पास महिलाएं ही आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बन सकेगी। इससे ग्रामीण क्षेत्र में बच्चों के कुपोषण की जांचें, माप समय.समय पर पोषाहार देने की अधिकारियों को आसानी से जानकारी मिल सकेगी। ग्रामीण क्षेत्र में कई स्थानों पर पंचायतों के प्रस्तावों पर कम पढ़े.लिखे चहेतों को लगाने से विभाग को परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। इस परेशानी को दूर करने के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से गाइड लाइन जारी कर नए केंद्रों पर 10वीं पास अभ्यर्थी का ही चयन करने के आदेश दिए हैं। नई गाइड लाइन से सीधी भर्ती का रास्ता भी बंद कर दिया है। नई भर्तियां विज्ञापन के माध्यम से ही की जा सकेंगी। गत दो माह से राज्य सरकार ने महिला एवं बाल विकास विभाग में आंगनबाडी कार्यकर्ता के चयन पर रोक लगा रखी थी। पूर्व में योग्यता अनुभव के आधार पर 8वीं पास महिला का ही चयन कर लिया जाता था। पहल ेऐसे होता था आवेदन
पहले आंगनबाड़ी केंद्र के रिक्त पदों के लिए कार्यकर्ता का प्रस्ताव ग्राम पंचायत की सभा में ग्रामीणों की मौजूदगी में लिए जाते थे। अनुमोदन के बाद सीडीपीओ के पास भिजवाया जाता था। इसके बाद सीडीपीओ प्रशिक्षण के लिए नाम नामांकित करता था। इसमें एक माह के प्रशिक्षण के बाद या बी ग्रेड के कार्यकर्ताओं का चयन आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए होता था। सी डी ग्रेड को दोबारा मौका सिर्फ ग्राम सभा के अनुमोदन पर ही मिलता था। नए नियम आने के बाद सीडीपीओ ही दोबारा प्रशिक्षण के लिए अनुशंसा कर सकेंगे। अब विज्ञापन के जरिए भर्ती
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं की नियुक्तियां अखबार में सूचना देने के बाद ही होगी। इससे पंचायतों में होने वाले पक्ष पात से भी छुटकारा मिलेगा। संबंधित ब्लॉक के सीडीपीओ अपने अपने क्षेत्र में रिक्त पदों लिए अखबारों में विज्ञापन जारी कर सकेंगे। आवेदक फार्म सीडीपीओ कार्यालय या संबंधित ग्राम पंचायत में भी जमा करवा सकते हैं।
‘राज्य सरकार ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के चयन के लिए मानदेय के आधार पर 10 वीं पास को ही योग्य माना है। सरकार की यह अच्छी सोच है। इससे नए केंद्रों पर अधिक पढ़े लिखे कार्यकर्ताओं को कार्य करने का मौका मिलेगा। वहीं विभाग को भी सूचनाएं लेने में आसानी रहेगी।
-दुर्गेशशर्मा, सीडीपीओ, महिला एवं बाल विकास विभाग