सरवाड़ बनेगी जिले की पहली खुले में शौच से मुक्त पंचायत समिति

जिला कलक्टर ने सोकलिया, गोयला, सरवाड़ एवं जसवंतपुरा में दिलवाया संकल्प
खुले में शौच से मुक्ति, बाल विवाह पर रोक, बच्चों को स्कूल भेजने, शत प्रतिशत टीककरण एवं असुरक्षित प्रसव पर रोक के लिए जगायी अलख

PROAJM Photo (1) Dt. 22 Sept. 2015अजमेर, 22 सितम्बर। जिला कलक्टर डाॅ. आरूषी मलिक ने विभिन्न क्षेत्रों में ग्रामीणों से सीधा सम्पर्क साधकर उन्हें अपने गांव और शहर को खुले में शौच से मुक्ति दिलाने का संकल्प दिलाया। सरवाड़ पंचायत समिति के सभी अधिकारियों, सरपंच, ग्राम सचिव, पटवारी एवं राशन विक्रेताओं ने वादा किया कि वे आगामी 31 अक्टूबर तक सरवाड़ को खुले में शौच से मुक्त पंचायत समिति घोषित करवाएंगे। डाॅ. मलिक ने ग्रामीणों को बाल विवाह नहीं करने, सभी बच्चों को स्कूल भेजने, टीकाकरण एवं असुरक्षित प्रसव को हतोत्साहित करने का भी संकल्प दिलवाया।
जिले में चल रहे खुले में शौच से मुक्ति अभियान के तहत जिला कलक्टर डाॅ. आरूषी मलिक ने आज सोकलिया, गोयला, सरवाड़ एवं लोहरवाड़ा के जसवंतपुरा गांवों में ग्रामीणों से सीधा संवाद किया। उन्होंने गांवों की विभिन्न समस्याओं की सुनवाई कर अधिकारियों को तत्काल निराकरण के आदेश दिए। उन्होंने कहा कि खुले में शौच समाज के लिए अभिशाप है। बहू-बेटियों और बुजुर्गों को इस अभिशाप के कारण रोजना परेशानियों से जूझना पड़ता है। महिलाओं के लिए तो यह बेहद शर्मिंदर्गी भरा है। हमें अपनी बहू बेटियों को इस शर्मिंदगी से निजात दिलाने के लिए पूरी गंभीरता के साथ प्रयास करना होगा।
डाॅ. मलिक ने कहा कि अजमेर जिला खुले में शौच से मुक्ति की ओर अग्रसर है। अब तक जिले की 18 ग्राम पंचायतों को निर्मल ग्राम पंचायत घोषित किया जा चुका है। आगामी 2 अक्टूबर तक जिले की कई और ग्राम पंचायतों को पूरी तरह खुले में शौच से मुक्ति घोषित कर दिया जाएगा।
सरवाड़ पंचायत समिति में आयोजित बैठक को संबोधित करते हुए जिला कलक्टर ने उपखण्ड अधिकारी, तहसीलदार, विकास अधिकारी, ग्राम सचिव, पटवारी, सरपंच एवं क्षेत्रा के सभी राशन विक्रेताओं से आग्रह किया कि वे आगामी 31 अक्टूबर तक पंचायत समिति की सभी 20 ग्राम पंचायतों को खुले में शौच से मुक्त करने में सक्रिय सहयोग करें। सभी ने एक स्वर में विश्वास दिलाया कि सरवाड़ जिले की पहली खुले में शौच से मुक्त पंचायत समिति होगी।
जिला कलक्टर ने कहा कि इसके साथ ही गांव में बाल-विवाह पर सम्पूर्ण रोक, बच्चों का स्कूलों में शत-प्रतिशत नामांकन, टीकाकरण एवं ग्रामीण क्षेत्रों में असुरक्षित प्रसवों पर रोक जरिए जच्चा-बच्चा की सुरक्षा भी हमें करनी है। इसके लिए गांव के सभी लोगों को संकल्प लेना होगा।
डाॅ. मलिक ने कहा कि कोई भी काम मुश्किल नहीं है। सभी कामों में पहले उपहास उड़ाया जाता है। फिर जब हम पूरे मनोयोग से काम को करने लगते है तो लोगों को विश्वास होने लगता है और फिर काम पूरा होने पर वही लोग साधुवाद भी देते हंै।
जिला कलक्टर ने सोकलिया के पीपरोली में दलित बस्ती में पानी की समस्या, माधोपुरा में टंकी में पानी पहुंचाने, माधोपुरा में स्कूल में छत से पानी टपकने सहित अन्य समस्याओं का तत्काल निराकरण करने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए। इसी तरह गोयला में भी बिजली, पानी सहित अन्य समस्याओं के निराकरण के निर्देश दिए गए। दोनों ही गांवों में अवैध कनेक्शनों को तुरन्त कटवाकर दोषियों के खिलाफ एफ.आई.आर. दर्ज कराने के निर्देश दिए गए।
ग्रामीणों को संबोधित करते हुए जिला परिषद के अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री जगदीश चन्द्र हेडा ने कहा कि हमें जिले को खुले में शौच से मुक्ति दिलाने के इस अभियान को सफल बनाने के लिए पूरे मनोयोग से कार्य करना होगा। इसमें किसी भी प्रकार का दबाव सहन नहीं किया जाएगा। अभियान से जुड़े सभी अधिकारी, कर्मचारी एवं जनप्रतिनिधि लगन से कार्य करे तो निस्संदेह सफलता हासिल होगी। इस अवसर पर सरवाड़ उपखण्ड अधिकारी सहित अन्य अधिकारी, सरपंच एवं जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।

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