राज्यपाल ने मोहामी गांव के ग्रामीणों से सीधे बातचीत की

aqअजमेर 6 अक्टूबर। राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्री कल्याण सिंह ने महर्षि दयानन्द सरस्वती विश्वविद्यालय अजमेर द्वारा गोद लिए गए ‘‘मोहामी गांव‘‘ के ग्रामीणो ंसे सीधे तौर पर बातचीत करते हुए गांव की शिक्षा, विकास, कृषि, पशुपालन, शराब सेवन, आपसी व्यवहार, सांप्रदायिक सद्भाव के हालात जानंे और लड़के-लड़कियों की पढ़ाई की पूरी जानकारी ली।
राज्यपाल ने अपने अजमेर के तीन दिवसीय दौरे के आज अन्तिम दिन मोहामी ग्रामवासियों से बातचीत करते हुए कहा कि वे स्वयं गांव के रहने वाले हंै और उन्होंने अपने हाथों से अपने पिताजी के साथ खेती की है। ग्रामीणों से उन्होंने पूछा कि उनके गांव की क्या स्थिति है ? गांव का मुख्य रोजगार क्या है ? खेती की क्या स्थिति है ? और कितनी फसल ली जाती है। पशुपालन से कितने ग्रामीण जुड़े हुए हैं ? और दुग्ध उत्पादन कितना होता है। उन्होंने ग्रामीणांे से कहा कि वे सही तौर पर बताएं कि गांव में आपसी झगड़े होते है क्या ? क्या मामले पुलिस थाना व न्यायालयों तक पहुंचते है क्या ? उन्होंने इन सवालों के जवाब पर ग्रामीणो ंसे खुलकर बाताने को कहा।
मोहामी के एक युवक विक्रम सिंह ने बताया कि गांव में बीसलपुर पेयजल योजना की पाइप लाइन पहुंच चुकी है परन्तु घर-घर मे ंपानी के कनेक्शन अभी तक नहीं दिए जा रहे हैं जिन्हें शुरू किया जाए। उन्होंने गांव के बीच में स्थित शराब के ठेके को ग्राम से बाहर भेजने का अनुरोध किया। इससे अधिकांश झगड़े खत्म हो जाएंगे और गांव का वातावरण सुधरेगा।
राज्यपाल ने मौके पर ही मौजूद जिला कलक्टर डाॅ. आरूषी मलिक से इस संबंध में कार्यवाही करने को कहा। जिला कलक्टर ने भी तत्परता दिखाते हुए आबकारी विभाग के उपायुक्त से मोबाइल पर बातकर तत्काल कार्यवाही करने को कहा। जिस पर उपायुक्त ने इसी सप्ताह में कार्यवाही कर शराब का ठेका गांव के बाहर स्थापित कर देने को कहा। जिला कलक्टर द्वारा राज्यपाल को इसकी जानकारी दी गई और स्वयं राज्यपाल ने ग्रामीणों को अपने उद्धबोधन में कहा कि शीघ्र मोहामी गांव के बीच स्थित शराब का ठेका गांव के बाहर चला जाएगा तो यहां मौजूद पूरे गांव के महिला, पुरूष और बच्चों ने जोरदार ताली बजाकर स्वागत किया।
मोहामी गांव की ही एम.ए. , बी.एड शिक्षा प्राप्त ज्योति रावत ने बालिका शिक्षा के विकास हेतु ग्राम में माध्यमिक स्कूल को उच्च माध्यमिक तक क्रमोन्नत करने और अवागमन के साधन चलाने का अनुरोध किया। गांव की ही अनपढ़ महिला मोती देवी ने भी गांव की समस्याओं का जिक्र किया। निकटवर्ती ग्राम कुचील की स्कूली छात्रा तस्मीन ने कुचील ग्राम की समस्या के बारे में बताया। बीरम सिंह रावत व लाल सिंह रावत ने बताया कि मोहामी गांव सांप्रदायिक सदभाव का उदाहरण है। यहां होली, दीवाली पर पूरा गांव एकहथाई पर एकत्रित होकर गांव के विकास पर चर्चा करते हैं और आपसी मनमुटाव को दूर करते हैं।
राज्यपाल ने ग्रामीणों से अपने संवाद में कहा कि कोई भी ग्रामीण व्यक्ति अपनी समस्या लिखकर राजभवन भिजवा सकते हैं, उस पर शीघ्र कार्यवाही करने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने ग्रामीणों को सुझाव दिया कि वे हर तीन माह में निश्चित तारीख पर सभी एकत्रित होकर गांव के विकास पर चर्चा करें और आपसी झगड़े और मनमुटाव को बातचीत के माध्यम से दूर करें। इससे एक वर्ष में ही गांव में परिवर्तन आ जाएगा।
उल्लेखनीय है कि राज्यपाल श्री कल्याण सिंह ने राजस्थान के सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों से कहा था कि वे अपने सामाजिक सरोकार का निवर्हन करते हुए अपने क्षेत्रा का एक गांव गोद लेकर उसका सर्वांर्गींण विकास कराए। इसी संदर्भ में राज्यपाल राज्य के प्रत्येक विश्वविद्यालय के होने वाले दीक्षान्त समारोह के दूसरे दिन अधिकांश समय गोद लिए गए गांव में बिताते हंै और ग्रामीणों के बीच बैठकर उनसे सीधी बातचीत करते हैं। ग्रामीणों से सीधे संवाद के इस मौके पर शिक्षा राज्य मंत्राी प्रो. वासुदेव देवनानी, पुष्कर के विधायक श्री सुरेश सिंह रावत, जिला कलक्टर डाॅ. आरूषी मलिक, राज्यपाल के विशेषाधिकारी श्री अजय पाण्डे, पंचायत समिति श्रीनगर की प्रधान श्रीमती सुनिता रावत, ग्राम पंचायत बूबानी की सरपंच श्रीमती आरती देवी तथा महर्षि दयानन्द सरस्वती विश्वविद्यालय के कूलपति प्रो. कैलाश सोडाणी मौजूद थे।

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