सन्तों के जीवन से प्रेरणा व संस्कार मिलते हैं

भक्ति करने से आत्मा को शान्ति व परिवारभाव बढता है
श्रीमहन्त मनोहरदास का दो दिवसीय 81वां प्राकट्य महोत्सव सम्पन्न

Untitledअजमेर। श्री ईश्वर मनोहर उदासीन आश्रम, अजयनगर में चल रहे दो दिवसीय श्रीमहन्त मनोहरदास के 81वें प्राकट्य महोत्सव के अवसर पर बालकधाम किशनगढ के स्वामी श्यामदास जी, महन्त स्वरूपदास उदासीन, स्वामी रामदास जी, स्वामी ईसरदास जी, स्वामी आत्मदास जी सांई किशनलाल माखीजानी, दादा नारायणदास ने आर्शीवचन देते हुये कहा कि हम भाग्यशाली है कि ऐसे संतो के बताये ज्ञान मार्ग का सहारा लेकर चल रहे हैं और स्वामी मनोहरदास जी ने पूरा जीवन समाज कल्याण में लगाकर देश दुनिया में धर्म का प्रचार किया। सभी संतो द्वारा धार्मिक ध्वजा फहराकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। 56 भोग की झांकी सजाकर भोग लगाया गया। मशहूर कलाकार अशोक सोनी, रमेश नारवाणी नीगर ने प्रस्तुत भजनों में -सांई मनोहरदास असांखें पहिंजी चादर में ढकजा, संतन जा मेला लग्दां हुआ, ठार माता ठार पहिंजे ब्चरन खे ठार पर सभी को झूमाकर माहौल आनंदमयी बना दिया। पल्लव व आम भण्डारा के साथ महोत्सव का समापन किया गया।
सन्त गौतमदास ने बताया कि श्री ईश्वर मनोहर सेवा समिति, स्वरूप मनोहर रिलिज्यस चैरीटेबल ट्रस्ट सहित विभिन्न सामाजिक व धार्मिक संगठन के कार्यक्रर्ता लखमीचन्द किशनाणी(जोधपुर), किशनचन्द (जयपुर), भगवानदास, महेन्द्र कुमार तीर्थाणी, घनश्यामदास, शंकर सबनाणी, अजयनगर सिन्धी समाज के अध्यक्ष भगवान कलवाणी, तुलसी सोनी, पार्षद मोहनलाल लालवाणी, पूर्व पार्षद खेमचन्द नारवाणी, मोहन कल्याणी सहित कई सेवाधारी उपस्थित थे।

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