मुख्यमंत्राी ने शैक्षिक प्रौद्योगिकी विभाग का किया अवलोकन

पुष्कर मेले की संरक्षित फिल्म को भी देखा

वसुन्धरा राजे अजमेर के शैक्षिक प्रौद्योगिकी विभाग की फिल्म लाईब्रेरी में     संधारित वीडियो, डाक्यूमेन्टरी व फिल्मस् के बारे में जानकारी लेते हुए।
वसुन्धरा राजे अजमेर के शैक्षिक प्रौद्योगिकी विभाग की फिल्म लाईब्रेरी में
संधारित वीडियो, डाक्यूमेन्टरी व फिल्मस् के बारे में जानकारी लेते हुए।
मुख्यमंत्राी श्रीमती वसुन्धरा राजे शैक्षिक प्रौद्योगिकी विभाग की फिल्म लाईब्रेरी में प्रोजेक्टर पर     पुष्कर की वर्ष 1969 की संधारित फिल्म को देखते हुए
मुख्यमंत्राी श्रीमती वसुन्धरा राजे शैक्षिक प्रौद्योगिकी विभाग की फिल्म लाईब्रेरी में प्रोजेक्टर पर
पुष्कर की वर्ष 1969 की संधारित फिल्म को देखते हुए
अजमेर 23 नवम्बर। मुख्यमंत्राी श्रीमती वसुन्धरा राजे ने सोमवार को अजमेर में शैक्षिक प्रौद्योगिकी विभाग का अवलोकन किया और विभाग की फिल्म लाईब्रेरी में संरक्षित की गई प्राचीन, दुर्लभ व शैक्षिक फिल्मों के बारे में जानकारी हासिल की। इस अवसर पर उन्होंने विभाग द्वारा संरक्षित की गई पुष्कर मेले की वर्ष 1969 की वृत्त चित्रा फिल्म को देखा एवं इस अमूल्य धरोहर को सहेज कर रखने की आवश्यकता जताई। उन्होंने कहा कि इन दुर्लभ फिल्मों को संरक्षित का आज की पीढ़ी को हमारी ऐतिहासिक विरासत एवं संस्कृति से रूबरू करवाया जा सकता है।
श्रीमती राजे ने लाईब्रेरी में कई वर्षों पुरानी दुर्लभ व प्राचीन फिल्में, वृत्त चित्रा एवं शैक्षिक फिल्मों के संधारण एवं संरक्षण के संबंध में विस्तार से जानकारी लेते हुए इन दुर्लभ फिल्मों को संरक्षित करने की योजना के बारे में भी जानकारी ली।
जिला कलक्टर डॉ. आरूषी मलिक एवं विभाग के फिल्म मैकेनिक श्री निगम चन्द ने मुख्यमंत्राी को जानकारी देते हुए बताया कि शैक्षिक प्रौद्योगिकी विभाग वर्ष 1952 में शैक्षिक कारवां के नाम से केन्द्रीय लाईब्रेरी के रूप में स्थापित किया गया था जिसका उपयोग शहरी व ग्रामीण मेलों में केन्द्र एवं राज्य सरकार की योजनाओं व उपलब्धियों के प्रचार-प्रसार करने में किया जाता था, जिससे आमजन जागरूक हो सकें।
वर्तमान में विभाग की फिल्म लाईब्रेरी में कुल 4 हजार 225 फिल्में हैं, जिनमें से 2 हजार 543 सही अवस्था में है जिनको डिजीटलाइज्ड कर संरक्षित करने की आवश्यकता है। इन फिल्मों का उपयोग पर्यटकों तथा आम नागरिकों को हैरिटेज एवं इतिहास से अवगत कराने के लिए किया जा सकता है।
मुख्यमंत्राी ने शैक्षिक प्रौद्योगिकी विभाग की फिल्म लाईब्रेरी में प्रोजेक्टर पर फिल्म रोल लगाने की प्रक्रिया की जानकारी भी ली। इस अवसर पर उन्होंने पुष्कर मेले की वर्ष 1969 की वृत्त चित्रा फिल्म को देखा, जिसमें सड़कों की स्थिति, पुष्कर घाटी की हरियाली, पुष्कर के घाटों, मेला स्थल एवं पुष्कर मेले के विभिन्न रूप तथा संस्कृति को बड़ी जिज्ञासा से देखा और संरक्षित फिल्म की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि इन दुर्लभ फिल्मों को संरक्षित कर आज की पीढ़ी को ऐतिहासिक विरासत से रूबरू करवाया जा सकता है।

कालबेलिया मदननाथ को मिली शाबासी

मुख्यमंत्राी श्रीमती वसुन्धरा राजे शैक्षिक प्रौद्योगिकी विभाग के परिसर में स्वच्छ भारत अभियान के     तहत शौचालय निर्माण के लिए कालबेलिया बस्ती को प्रेरित करने वाले कालबेलिया मदननाथ को     शाबासी देते हुए।
मुख्यमंत्राी श्रीमती वसुन्धरा राजे शैक्षिक प्रौद्योगिकी विभाग के परिसर में स्वच्छ भारत अभियान के
तहत शौचालय निर्माण के लिए कालबेलिया बस्ती को प्रेरित करने वाले कालबेलिया मदननाथ को
शाबासी देते हुए।
शैक्षिक प्रौद्योगिकी विभाग के परिसर में जिला परिषद द्वारा स्वच्छ भारत अभियान संबंधी प्रदर्शनी स्थल पर मुख्यमंत्राी श्रीमती वसुन्धरा राजे ने अजमेर जिले की पीसांगन पंचायत समिति की ग्राम पंचायत गनाहेड़ा के कालबेलिया श्री मदननाथ को कालबेलिया बस्ती को खुले में शौच के अभिशाप से मुक्त कराने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करने पर शाबासी दी।
जिला कलक्टर डॉ. आरूषी मलिक ने कालबेलिया मदननाथ के बारे में मुख्यमंत्री श्रीमती राजे को बताया कि उसने कालबेलिया बस्ती के समस्त घरों में शौचालय निर्माण करवाने की शपथ ली थी। कालबेलिया बस्ती को मदननाथ ने प्रेरित कर प्रत्येक घर में शौचालय निर्माण में अहम भूमिका निभाते हुए प्रेरक का कार्य किया। जिस पर मुख्यमंत्री ने मदननाथ को शाबासी देते हुए प्रत्येक नागरिक को स्वच्छ भारत एवं स्वच्छ राजस्थान बनाने में सहभागिता निभाने का आह्वान किया।
इस मौके पर जिला प्रमुख सुश्री वंदना नोगिया, मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद श्री राजेश चौहान, शैक्षिक प्रौद्योगिकी विभाग के प्रभारी श्री कृपाल सिंह भी मौजूद थे।

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