चौरसिया स्मृति प्रतिभा सम्मान समारोह सम्पन्न
अजमेर /किसी भी शारीरिक अक्षमता से निराश होने के बजाय उसे चुनौति मानकर जीवन में आगे बढ़ने का हौसला जगाने की आवश्यकता होती है। ईश्वर ने यदि किसी को कोई कमी दी है तो यह भी निश्चित है कि उसे कहीं कोई अतिरिक्त विशेष योग्यता भी अवश्य दी है। इसीलिए उन्हें विशेष योग्यजन भी कहा जाता है। बधिर विद्यार्थियों को यह प्रेरक संदेश देते हुए कवि-पत्रकार डॉ रमेश अग्रवाल ने कहा कि निःशक्तजन को अपनी उसी विशेष योग्यता को पहचान कर जीवन में श्रेष्ठता अर्जित करने का प्रयास करना चाहिए। वे वैशाली नगर स्थित बधिर विद्यालय में सोमवार 21 दिसम्बर 2015 को दोपहर नाट्यवृंद संस्था द्वारा आयोजित समारोह में प्रतिभावान बधिर विद्यार्थियों को ‘श्री रामदयाल चौरसिया स्मृति प्रतिभा सम्मान‘ से सम्मानित करते हुए मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे।
सरकारी व समाजसेवी संस्थानों द्वारा संचालित स्कूलों की प्रतिभाओं को प्रोत्साहन देने की दृष्टि से ़कानूनविज्ञ एवं समाजसेवी स्व. श्री रामदयाल चौरसिया की स्मृति में प्रति वर्ष दिये जाने वाले पुरस्कार के तहत इस बार बधिर विद्यालय की कक्षा 7 की पूजा सियाक को कला क्षेत्र, कक्षा 8 के अनुज चतुर्वेदी को शिक्षा तथा कक्षा 6 के निकुन्त जांगिड़ को खेल में हासिल विशेष उपलब्धियों के लिए प्रशस्ती पत्र एवं रजत पदक देकर पुरस्कृत किया गया। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ पत्रकार एस.पी.मित्तल ने कहा कि इन बधिर बच्चों में भी कोई न कोई हुनर छिपा हुआ है उसे सही दिशा देने से इनका जीवन सार्थक बन सकता है। ये बच्चे चाहे बोल नहीं पाते हों पर उनकी प्रतिभा को इस तरह सम्मान मिलने पर इनके चेहरे पर जो खुशी झलकती है वह सब कुछ कह देती है। डॉ अनन्त भटनागर ने कहा कि बधिर विद्यार्थियों की योग्यता को प्रोत्साहित करने के लिए विद्यालय उल्लेखनीय कार्य कर रहा है। प्रारंभ में प्रधानाध्यापक एस.के.सिंह ने सभी का स्वागत किया और संयोजक उमेश कुमार चौरसिया ने आभार व्यक्त किया। संचालन मंजू अग्रवाल ने किया। अतिथियों के विचार बधिर बच्चों को सांकेतिक भाषा में समझाने में राजेन्द्र शर्मा का विशेष योगदान रहा तथा पंकज शर्मा व देवेन्द्र सिंह चौहान ने आयोजन में सहयोग किया। इस अवसर पर बधिर छात्र-छात्राओं ने मूकाभिनय आधारित लघु नाटक भी प्रस्तुत किया।
उमेश कुमार चौरसिया
संयोजक संपर्क-9829482601
