समाज में सनातन संस्कारों का ज्ञान, सिन्धु संस्कृति की पहचान देनी है

राज्य स्तरीय सिन्धी पंचायत (मुखी) सम्मेलन से पुष्कर में षुभारम्भ
jhulelalअजमेर। पूज्य पंचायतों के अध्यक्ष, मुखी व पदाधिकारियों को मिलकर समाज में सनातन धर्म की पूजा व ज्ञान के साथ प्राचीनतम सिन्धु संस्कृति की पहचान युवा पीढी तक पहुचानी है। ऐसे आर्षीवचन भारतीय सिन्धु सभा की ओर से राज्य स्तारी पूज्य सिन्धी पंचायत (मुखी) सम्मेलन प्रेम प्रकाष आश्रम, पुष्कर में उदघाटन सत्र में मार्गदर्षक कैलाषचन्द जी, ईष्वर मनोहर उदासीन आश्रम के महन्त स्वामी स्वरूपदास, निर्मलधाम के स्वामी आत्मदास, जतोई दरबार के भाई फतनदास, प्रेम प्रकाष आश्रम के दादा नारायणदास ने किये। अध्यक्षता करते हुये प्रदेषाध्यक्ष श्री लेखराज माधू ने कहा कि सभा के कार्यकर्ता सतत प्रवास कर समाज में सेतू का कार्य कर रहा है और हमारी कल्पना है कि सिन्ध मिलकर अखण्ड भारत बने। हरिषेवा धाम उदासीन आश्रम, भीलवाडा के श्रीमहन्त हंसराम उदासीन के आषीष पत्र को पढकर सुनाया गया जिसमें पंचायत अध्यक्ष (मुखियों)को समाज का माली बनकर समाज के पौधों को हरा भरा करने साथ कार्य करना है हमें समाज रोटी, नियाणुयूं व कूल्हे को मिलकर आगे बढे। कन्या पूजन, गौमाता व तुलसी माता की पूजा अवष्य करें।
कार्यक्रम संयोजक महेन्द्र कुमार तीर्थाणी ने बताया कि सम्मेलन में सम्मिलित होने के लिए राज्यभर से नगर, महानगरों की पंचायतों अध्यक्ष, सचिव व मुखी सहित अजमेर सिन्धी सेन्ट्रल पंचायत, पूज्य सिन्धी पंचायत, पंचषील नगर, सिन्धी सेवा समिति, वैषाली नगर, अजयनगर सिन्धी समाज, पूज्य सिन्धी पंचायत, नाका मदार, पूज्य सिन्धी पंचायत धोला भाटा, पुष्कर की विभिन्न पंचायतों के प्रतिनिधि सम्मिलित होकर अपने विचार प्रकट कर रहे है जिसमें सिन्ध से आये सभी सिन्धी बिरादिरी के प्रतिनिधि सम्मिलित हुये है।
प्रदेष संगठन महामंत्री मोहनलाल वाधवाणी ने अलग अलग सत्रों में समाज उत्थान पर चर्चा पर सभा की भूमिका रखते हुये बाल संस्कार षिविरों में मिले भरपूर सहयोग के लिए पंचायतों को इस आगे बढाने पर विचार रखे, जिसमें उदयुपर पंचायत के प्रतापराय चुग, सुरेष कटारिया, जयपुर के चन्द्र वरियाणी, भीलवाडा के भगवानदास नथराणी, हनुमानगढ संभाग प्रभारी किषनचन्द ककवाणी, गंगानगर के घनष्यामदास हरवाणी, बीकानेर के ष्याम आहूजा, कोटा के मूलचन्द तलरेजा, नसीराबाद के मोहनलाल आलवाणी, अजयनगर सिन्धी समाज के भगवान कलवाणी, वैषाली सिन्धी सेवा समिति के सचिव प्रकाष जेठरा सहित कई प्रतिनिधियों ने अपने विचार रखे। इसके साथ ही प्रमुख विषय सिन्धी पंचायत जे गठन जो उद्धेष्य ऐ कार्य पद्धति, सिन्धी समाज जी मजबूतीअ लाए कार्यक्रमन और विचार, सिन्धी पंचायतन जी समस्याउ ऐं चुनौतियूं पर मिलकर कार्य करने के विचार प्रकट किये गये। राष्ट्रीय उपााध्यक्ष नवलराय बच्चाणी व सह-संगठन मंत्री गोविन्द रामनाणी ने सामूहिक विवाह सहित षुरूआत से ही पंचायतों के महत्व पर विचार रखे।
सम्मेलन के ष्षुभारम्भ में ईष्टदेव झूलेलाल, सिन्ध, भारत माता, महाराजा दाहरसेन के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्जवलन से किया गया, पुष्कर पूजन व जगत्ब्रहम्मा जी का आर्षीवाद भी लिया गया। स्वागत भाषण अजमेर सिन्धी सेन्ट्रल महासमिति के अध्यक्ष नरेन षाहणी भग्त ने करते हुये सेवा कार्याें में पंचायत की बात कही। रास्सेसंघ केे विभाग प्रचार प्रमुख निरंजन षर्मा ने भी अपने विचार प्रकट किये।
सिन्धुगौरव (जयपुर)के दादा नारायणदास पारवाणी, जय अमरलाल (जोधपुर) के अषोक मूलचंदाणी ने अपने समाचार पत्रों में पंचायत के कार्याें को विषेष उल्लेखित कर वितरित किये। पुलिस उप-अधीक्षक श्री विष्णुदेव सामताणी ने युवाओं को प्रषासनिक पदों पर भी अवसर हेतु विचार रखे। सत्रों का संचालन डॉ. प्रदीप गेहाणी, जयकुमार चंचलाणी, मास्टर गिरधारीलाल ने किया।
अतिथियों को स्वागत सभा के संभाग प्रभारी नरेन्द्र बसराणी, महानगर अध्यक्ष मोहन तुलस्यिाणी, कमलेष षर्मा, भगवन दास, बालकिषन खत्री, किषन केवलाणी, राजू किषनाणी, वासुदेव मंघाणी, दौलतराम थदाणी, मुकेष आहूजा, मनीष ग्वालाणी ने किया।
सिन्धु संस्कृति की प्रदर्षनी को खूब सराहा-
महानगर मंत्री महेष टेकचंदाणी ने आज कार्यकर्ताओं के साथ पारीक भवन में सभा स्थल को सिन्धु सभ्यता व संस्कृति की प्रदर्षनी को सभी ने सराहा व ज्ञानवर्धक बताया। हरीषेवाधाम भीलवाडा के गुलाबराय मीरचंदाणी के सहयोग से प्रकाषित प्रचार सामग्री भी वितरित किये, जगद्गुरू श्रीचन्द्र भगवान, महाराजा द्ाहरसेन, चचनामा आदि किताबें थी।
सांस्कृतिक कार्यक्रम झूमने के साथ नाटक मंचन किया गया-
सह-संयोजक सतरामदास मंधनाणी ने बताया कि सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ भजन गायन होगा एवं सुरेष हिन्दुस्तानी बीकानेर द्वारा सिन्धी भाषा के ज्ञान हेतु एक लघु नाटक का मंचन भी किया। इसमें अजमेर के भगत घनष्याम, के.जे.ज्ञानी, मोहन कोटवाणी, ब्यावर के नरेन्द्र नरेष, हनुमानगढ के किषनचन्द ककवाणी, रमेष मूलाणी भी अपनी प्रस्तुति देकर सभी को मिलकर झुमाया व छेज लगाई।
सम्मेलन का समापन कल दोपहर 12.00 बजे से
दो दिवसीय राज्य स्तरीय सम्मेलन का समापन कल दोपहर 12 बजे से किया जायेगा। इससे पूर्व सुबह झूलेलाल घाट पर पुष्कर पूजन किया जायेगा। समापन अवसर पर अजमेर स्थित सिन्धुपति महाराजा द्ाहरसेन स्मारक पर हिंगलाज माता पूजन के साथ श्रद्धासुमन अर्पित किये जायेगें।

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