अजमेर 3 जनवरी। सूफी संत हजरत ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिष्ती के वंषानुगत सज्जादानषीन एवं आध्यात्मिक प्रमुख दरगाह दीवान सैय्द जैनुल आबेदीन अली खान ने पठानकोट एयरबेस पर शनिवार को हुऐ आतंवादी हमले की कड़े शब्दों में इसकी निंदा हुऐ इस हमले को भारत पाक के दोतरफा संबंधों को फिर पटरी पर लाने की कोशिशों को नाकाम करने की आई एस आई की साजिष करार दिया है।
दरगाह दीवान ने एक ब्यान जारी कर कहा कि जो लोग भारत और पाकिस्तान के रिश्तों के इतिहास से परिचित हैं वे जानते हैं कि जब भी दोनों देशों के बीच बातचीत होती है तो कुछ न कुछ ऐसा किया जाता है जिससे वार्ता प्रक्रिया को पटरी से उतारा जा सके। इस बार पाकिस्तान में आई एस आई समर्थित आतंकी तत्वों ने हमले के लिए पंजाब को चुना। भारत का यह राज्य इन तत्वों के खास निशाने पर है। वे बातचीत और शांति प्रक्रिया में खलल डालने के साथ-साथ पंजाब में फिर से अशांति पैदा करना चाहते हैं ये दोतरफा बातचीत में बाधा पहुंचाने की कोशिश है।
उनहोने कहा कि जिस तरह पठानकोट एयरबेस पर हमला हुआ, ठीक उसी तरह पाकिस्तानी एयरबेसों पर दो बार हमले हो चुके हैं और इससे जाहिर होता है कि वही हमलावर जिन्होंने पाकिस्तान को निशाना बनाया था, वही भारत में भी घुसपैठ करने में कामयाब रहे। पठानकोट में एयरफोर्स बेस पर हुए आतंकी हमले से केवल पंजाब ही नहीं दहला है, बल्कि पाकिस्तान के साथ संबंधों में सुधार की भारत की उम्मीदों को भी करारा झटका लगा है। शुरुआती जांच के आधार पर इस हमले के लिए पाकिस्तान आधारित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद को जिम्मेदार माना जा रहा है जो पाक खुफिया ऐजेन्सी आई एस आई के इषारों पर भारत आतंकी वारदातें अंजाम दे रहा है।
उन्होने कहा कि मोदी की लाहौर यात्रा से दोनों देषों के बीच अच्छा माहौल बना था। अब फिर पाकिस्तान के प्रति नीति के मामले में मोदी सरकार को राजनीतिक इम्तिहान देना होगा। अगर इस तरह के हमले जारी रहते हैं तो फिर केंद्र सरकार को पाकिस्तान के साथ संबंध सुधार की अपनी कोशिश पर पुनर्विचार करना चाहिये। उन्होने कहा कि पाकिस्तानी सेना और अन्य संस्थाओं में कट्टरपंथ के प्रसार की जो प्रक्रिया जिया उल हक ने शुरू की थी वह अब पूरी हो गई है। यह जानकर आश्चर्य हो सकता है कि आतंकी सरगना हाफिज सईद अपने देश के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से भी अधिक ताकतवर है जिससे यह साबित हो रहा है कि पाक हुकूमत आतंकवादियों के चगुल में है।
वंषानुगत सज्जादानषीन एवं आध्यात्मिक प्रमुख
दरगाह दीवान सैय्द जैनुल आबेदीन अली खान द्वारा जारी