अजमेर, 9 जनवरी। जिले के प्रभारी मंत्राी एवं शिक्षा राज्य मंत्राी प्रो. वासुदेव देवनानी ने डिजाईन ई’काॅल महाविद्यालय के वार्षिक उत्सव समारोह के अवसर पर जवाहर रंगमंच में कहा कि भारत विश्व गुरू था, है और रहेगा। हमारी मेहनत ने हमें इस मुकाम तक पहुंचाया है। हमारी योग्यता सदैव सर्वश्रेष्ठ ही है।
प्रो. देवनानी ने कहा कि बाजार तथा उद्योगों की मांग के अनुसार कौशल विकसित करने से विद्यार्थियों को रोजगार आसानी से उपलब्ध होते हैं। बिना कौशल के प्र्राप्त किये गये प्रमाण-पत्रों का कोई मोल नहीं होता है। फैशन डिजाइनिंग, आन्तरिक सज्जा और कम्पयूटर अनुप्रयोग में स्नातक जैसे पाठ्यक्रम रोजगारपरक हैं और वर्तमान समय की मांग को पूर्ण करने वाले हैं। केवल पढ़ना, याद करना और परीक्षा में लिख देने से आगे भी नई दुनियां है। उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति डाॅ. कलाम की पंक्तियों ‘सपने रात को नहीं दिन में देखें और तब तक पीछा करो जब तक कि सपने पूरे नहीं कर लो।’ को उद्धृत करते हुए विद्यार्थियों से जी जान के साथ मेहनत करने का आवाह्न किया।
उन्होेंने आंग्ल वर्णमाला के ‘आई’ के चार रूप बताये और कहा कि चैथे रूप इन्टेलिजेन्सी को प्राप्त करने के लिए प्रथम इनिशिएशन, द्वितीय इनोवेशन तथा तृतीय इन्टीग्रेटी की आवश्यकता है। इसी प्रकार अक्षर ‘सी’ पर भी उन्होंने कहा कि तीन ‘सी’ क्रिएटीविटी, काॅन्फिडेन्स तथा कम्यूनिकेशन भी हैं। इन सब को आत्मसात करने से सम्पूर्ण व्यक्तित्व निखर कर आता है। सूचना प्रौद्यौगिकी ‘आईटी’ पढ़ने की वास्तविक उपयोगिता ‘टीआई’ थिंक इण्डिया पढ़ने में है।
उन्होंने कहा कि भारतीय प्रतिभा का लौहा आज सम्पूर्ण विश्व मान रहा है। यहां के शिक्षण संस्थानों में प्रतिभा को तराशकर निखारा जाता है। वर्तमान पीढ़ी अपनी प्रतिभा के बल पर मेक इन इण्डिया को आगे बढ़ाएगी। उन्होंने युवाओं का आवाह्न किया कि राष्ट्र को पढ़ें, राष्ट्र को जानें, राष्ट्र पर गर्व करें और उसे आगे बढ़ाने में सर्वस्व योगदान प्रदान करें।
इस अवसर पर महाविद्यालय के निदेशक अमित माथुर तथा प्राचार्या विनीता माथुर के साथ विद्यार्थी एवं अभिभावक भी उपस्थित थे।