अजमेर 12 जनवरी। जवाहर लाल नेहरू मेडिकल काॅलेज के नशा मुक्ति केन्द्र मनोचिकित्सा विभाग में विवंकानन्द जयन्ती के अवसर पर 3 दिवसीय हार्टफुलनेस मेडिटेशन की कार्यशाला का आरम्भ मंगलवार को युवा दिवस मनाने के साथ किया गया। महाविद्यालय में मनोचिकित्सा विभागाध्यक्ष डाॅ. महेन्द्र जैन ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कहा कि इस पद्धति के द्वारा ध्यान करने से चिन्ता, तनाव तथा अवसाद जैसे मानसिक रोगों से छूटकारा पाया जा सकता है। हार्टफुलनेस मेडिटेशन अर्थात हृदय से जीवन जीने का अभ्यास 13 तथा 14 जनवरी को भी प्रातः 11 बजे से 1.30 बजे तक करवाया जाएगा। कार्यशाला के प्रथम दिवस मस्तिष्क को रिलेक्स करने वाली ध्यान तकनीक का लाईव प्रदर्शन तथा व्याख्यान आयोजित किए गए।
उन्होंने कहा कि मानव अपने हृदय से जुड़कर स्थिरता तथा शक्ति प्राप्त कर सकता है। इससे विकसित होने वाली आन्तरिक समझ हमें जीवन को सकारात्मक दिशा में ले जाने के लिए प्रेरित करती है। जीवन में आने वाली चुनौतिया हृदयानुभूति के पश्चात सहज ही स्वीकार हो जाती है। यह अभ्यास हमें वह बनाता है जो हमें वास्तव बनना चाहिए। कार्यशाला में शिथिलीकरण तथा ध्यान की प्रक्रिया बतलाकर अनुभूति करवाई जाएगी। शिथिलीकरण से शरीर तथा ध्यान से मन और आत्मा तनाव से मुक्त हो जाते हैं। कार्यशाला का संचालन आयुर्विज्ञान महाविद्यालय के वरिष्ठ चिकित्सक डाॅॅ. विकास सक्सेना, श्रीमती नेहा गहलोत तथा अमिन्दर मैक कर रहे है। इस अवसर पर महाविद्यालय के आचार्य रेजीडेन्ट डाक्टर्स, चिकित्सक तथा विद्यार्थी उपस्थित थे।
