लोक कला संस्थान की और से सूचना केंद्र में आयोजित चितेरी चिड़क्लियां कला प्रदर्शनी के समापन समारोह के अवसर पर आई. जी. पुलिस मालिनी अग्रवाल ने सभी कलाकारों की प्रशंसा करते हुए कहा की यहाँ प्रदर्शित पेंटिंग्स राष्ट्रीय- अंतर्राष्ट्रीय स्तर से कही कम नहीं है। इस श्रंखला को अजमेर से बाहर बड़े शहरो में भी प्रदर्शित करना चाहिए और इनसे आय भी करनी चाहिए। लोक कलाओ के साथ मॉर्डन आर्ट का समावेश करके विभिन्न थीम पर जो कार्य किया है वो अदभुत है।
डी. आई. जी. स्टाम्प प्रियंका जोधावत ने कहा की कल्पनाओ, विचारो, संस्कारो, की अप्रतिम उड़ान का साकार रूप प्रदर्शनी में देखने को मिला। घर, शिक्षण संस्थान, अध्यापन और विद्यार्थी वर्ग से निकली इन प्रतिभाओ ने निःसंदेह अजमेर में कला सृजन की नवीन परंपरा को दिशा दी है। लोक सेवा आयोग के मीडिया सलाहकार प्यारे मोहन त्रिपाठी ने कहा की अजमेर की सांस्कृतिक गतिविधियों व कला के विकास में लोक कला संस्थान की सक्रिय भूमिका सराहनीय है।
इससे पूर्व अतिथियों ने प्रदर्शनी का अवलोकन करते हुए कलाकारों से परिकल्पना, रंगो के मिश्रण, और विविधताओं पर चर्चा की। मिनाक्षी मंगल, प्रियंका सेठी, रोमिना गर्ग ने अतिथियों का स्वागत किया। प्रदर्शनी के सयोजक संजय कुमार सेठी ने कहा की लोक कला संस्थान छिपी हुई प्रतिभाओ को मंच प्रदान कर आगे लाने का प्रयास कर रही है ताकि महिलाये आत्मनिर्भर बने और कला क्षेत्र को जीविकोपार्जन से भी जोड़ सके। अतिथियों ने सभी कलाकारों को स्मृति चिन्ह व प्रमाण पत्र प्रदान किये। सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग के उप निदेशक महेश चंद शर्मा ने आभार प्रदर्शन किया। कार्यक्रम का सञ्चालन दीपक शर्मा ने किया। कार्यक्रम में आचार्य मोक्षराज, रंगकर्मी राजेंद्र सिंह, जयदीप सिंह, राजेश कश्यप भी मौजूद थे।
आखिरी दिन उमड़ी भीड़- मंगलवार को ब्लॉसम स्कूल, डीएवी कॉलेज, सावित्री कॉलेज, शुभदा स्पेशल स्कूल और मीनू विकास केंद्र आदि संस्थानों के विद्यार्थीयो सहित बड़ी संख्या में दर्शक प्रदर्शनी देखने पहुंचे। पांच दिवसीय प्रदर्शनी के दौरान कई नए कलाकारो ने भी आगामी प्रदर्शनियों में भाग लेने की इच्छा जाहिर की।