गार्गी पुरस्कार वितरण समारोह आयोजित
अजमेर, 12 फरवरी। शिक्षा राज्य मंत्राी प्रो. वासुदेव देवनानी ने बसंत पंचमी पर आयोजित गार्गी पुरस्कार वितरण समारोह 2015-16 के अवसर पर मुख्य अतिथि के तौर पर संबोधित करते हुए माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के सभागार में पुरस्कार प्राप्त छात्राओं का आह्वान किया कि स्वयं पढ़ने के साथ-साथ अपनी एक सहेली को भी जिम्मेदारी लेकर पढ़ाए और उसे आगामी बोर्ड परीक्षा में 75 प्रतिशत से अधिक अंक हासिल करने में सहयोग करे। जिससे की वह भी आपके साथ बालिका प्रोत्साहन पुरस्कार प्राप्त कर सके।
प्रो. देवनानी ने अपने संबोधन में कहा कि प्रतिभाओं को तराशा गया है इसलिए वे आज के पुरस्कार वितरण समारोह में भाग ले रही है। संबंधित विद्यालय और अध्यापकों का दायित्व है कि इन प्रतिभाओं को निखारे। बालिकाओं को समय प्रबंधन के साथ अध्ययन करना चाहिए। प्रत्येक क्षण का सदुपयोग करें। भविष्य को उज्जवल बनाने में समय प्रबंधन प्रथम प्राथमिकता होती है। उन्होंने कहा कि शिक्षा किताबी ज्ञान तथा संस्कारांे का सम्मिलित रूप है। घर और मन्दिर को स्वच्छ रखने का संस्कार अपने परिवार से मिलते है। स्वच्छ भारत मिशन के अन्तर्गत हमंे विद्यालय को स्वच्छ रखकर शिक्षा की सम्पूर्णता को साकार करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि महिलाएं अपनी सबलता का उपयोग करके समाज को नई दिशा दे रही है। समस्त बालिकाओं को जीवन्त पीसी (पर्सनल कम्प्यूटर) बनना चाहिए। पी का अर्थ परफेक्टनेस (निपुणता), पेशेन्स् (धैर्य), पाॅलाइटनेस (विनम्रता) तथा सी का अर्थ क्रियेटिवीटी (सृजनात्मकता), काॅन्फिडेंस (आत्मविश्वास) एवं कम्यूनिकेशन (संचार) हमंे ग्रहण करना चाहिए। उन्होंने गार्गी पुरस्कार प्राप्त बालिकाओं की संख्या में लगभग डेढ़ गुणा वृद्धि को अद्वितीय बताया। इसी प्रकार बोर्ड के परीक्षा परिणाम में लगभग 15 प्रतिशत की वृद्धि को शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार का प्रमाण बताया।
तीन शैक्षिक पोर्टलों का लोकार्पण
शिक्षा मंत्राी प्रो. देवनानी ने कहा कि बसंत पंचमी के दिन शिक्षा विभाग द्वारा तीन पोर्टलों का लोकार्पण किया गया। यह विभाग की पारदर्शिता एवं विस्तार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। माध्यमिक शिक्षा का ‘शाला दर्पण’ एवं प्रारम्भिक शिक्षा का ‘शाला दर्शन’ विद्यालय, अध्यापक तथा विद्यार्थियों का विस्तृत चित्राण प्रस्तुत करता है। लोकार्पण के अवसर पर मुख्यमंत्राी श्रीमती वसुन्धरा राजे का पत्रा ई मैल के माध्यम से राज्य के समस्त प्रधानाचार्यों को भेजा गया। इसी प्रकार 12 फरवरी को जन्म लेने वाले लगभग 300 अध्यापकों को शिक्षा मंत्राी द्वारा जन्मदिन की शुभकामनाएं प्रेषित की गई। उन्होंने कहा कि भविष्य में भी अध्यापकों को उनके जन्मदिन तथा सेवानिवृति पर नियमित शुभकामनाएं दी जाएगी। भविष्य में विद्यार्थियों के भामाशाह कार्ड और रक्त समूह की जानकारी को भी अपलोड करने का प्रयास किया जाएगा। तीसरे पोर्टल ‘ई-ज्ञान’ में कक्षा एक से 12 तक की पुस्तकों को लोड किया गया है। इसमें शिक्षाविद पाठ्यक्रम से जुड़ी सामग्री और नोट्स अपलोड भी कर सकते है।
गार्गी पुरस्कार वितरण समारोह की अध्यक्षता करते हुए जिला प्रमुख सुश्री वन्दना नोगिया ने बेटियांे को समाज की अनमोल धरोहर बताया और कहा कि इन्हें पढ़ाने से दो परिवारों का नाम रोशन होता है। पुलिस महानिरीक्षक श्रीमती मालिनी अग्रवाल ने कहा कि बालिकाओं को शिक्षित करके उच्च स्तर तक पहुंचाने में उनके माता-पिता का अहम् योगदान होता है। बालिकाओं को अपनी रूचि तथा हुनर को निखारने में पूरी ऊर्जा लगा देनी चाहिए। माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की सचिव श्रीमती मेघना चैधरी ने बालिकाओं को एक चिंगारी बताया जो मशाल बनकर राष्ट्र मे ंरोशनी फैलाने का जज्बा रखती है। नियमित तौर पर आधा घण्टा ध्यान करने से एकाग्रता के साथ लक्ष्य तय करने में सहायता मिलती है।
इस अवसर पर उपनिदेशक शिक्षा श्री सुरेशचन्द शर्मा, जिला शिक्षा अधिकारी श्री सुशील गहलोत, दीपक जौहरी, राजस्थान विद्यापीठ उदयपुर के श्री जनार्दनराय नागर सहित शिक्षाविद एवं अभिभावक उपस्थित थे।