32 लाख परीक्षार्थियों की परीक्षा आयोजन कराना एक चुनौतीपूर्ण कार्य

v devnani 1अजमेर 15 फरवरी। शिक्षामंत्री प्रो. वासुदेव देवनानी ने कहा है कि केन्द्रीयकृत रूप से एक माह में बत्तीस लाख परीक्षार्थियों की परीक्षा आयोजन कराना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है जो आगामी मार्च माह में राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, शिक्षा विभाग के साथ मिलकर करने जा रहा है। इस माह आयोजित राजस्थान अध्यापक पात्रता परीक्षा (रीट)-2015 के सफल आयोजन ने राजस्थान बोर्ड की कार्यदक्षता, क्षमता और विश्वसनीयता को समाज में सिद्ध किया है, परन्तु बोर्ड की सैकण्डरी, सीनियर सैकण्डरी और आठवीं बोर्ड की परीक्षा उससे भी बड़ी है। इसलिए इन परीक्षाओं के सफल संचालन से समाज की कसौटी पर बोर्ड को एक बार फिर खरा उतरना होगा। राजस्थान बोर्ड की परीक्षाओं की राष्ट्रव्यापी विश्वसनीयता है और बोर्ड कार्मिकों और शिक्षा अधिकारियों का दायित्व है कि यह ख्याति बनी रहे।
प्रो. देवनानी सोमवार को राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के राजीव गाँधी सभागार में बोर्ड की आगामी माह होने वाली आठवीं, दसवीं और बारहवीं के परीक्षा आयोजन के संबंध में राज्य के प्रारम्भिक और माध्यमिक विभाग के शिक्षा उपनिदेशकों, जिला शिक्षा अधिकारी और सन्दर्भ व्यक्तियों की बैठक को सम्बोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि शिक्षा अधिकारी बोर्ड परीक्षाओं के लिए प्रत्येक केन्द्र को संवेदनशील मानकर चले। परीक्षा की विश्वसनीयता के लिए आवश्यक है कि नियमों में किसी भी स्तर पर शिथिलता और सहानूभूति नहीं बरती जाये। निपुणता के लिए ’’सब चलता है‘‘ कि मनोवृत्ति का त्याग करे। उन्होंने कहा कि बोर्ड परीक्षा के लिए निजी विद्यालयों में केन्द्राधीक्षक और अतिरिक्त केन्द्राधीक्षक राजकीय विद्यालयों से लगाये जायेंगे। बोर्ड परीक्षाओं के सत्रांक ऑनलाइन भेजने में किसी भी प्रकार की कोताही हुई तो संस्था प्रधान और संबंधित जिले के जिला शिक्षा अधिकारी को जिम्मेदार मानकर कार्यवाही की जायेगी। सरकार विद्यार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं होने देगी और अपनी जिम्मेदारी के प्रति लापरवाही बरतने वालों से सख्ती से निपटेगी।
प्रो. देवनानी ने कहा कि बोर्ड परीक्षाओं के लिए गठित किये जाने वाले उड़नदस्तों में सिफारिशी और शिकायती लोगों को स्थान नहीं दिया जाये। बोर्ड परीक्षाओं के लिए बनाये जाने वाले उत्तरपुस्तिका संग्रहण केन्द्रों पर दण्डित और खराब रिकॉर्ड वाले कार्मिकों को न लगाया जाये। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार बोर्ड परीक्षाओं को लेकर गंभीर है। इन परीक्षाओं के संचालन के लिए 4,500 पुलिस कर्मी राज्य भर में तैनात किये जा रहे है। इसके अतिरिक्त बड़ी संख्या में होमगार्ड भी परीक्षा केन्द्रों पर तैनात रहेंगे।
बोर्ड के अध्यक्ष प्रो. बी.एल. चौधरी ने कहा कि राजस्थान बोर्ड, परीक्षाओं की पवित्रता बनाये रखने एवं उनके निष्पक्ष आयोजन के लिए कटिबद्ध है। उन्होंने शिक्षा अधिकारियों से कहा कि बोर्ड की परीक्षायें किसी भी विद्यार्थी के लिए पहली सार्वजनिक परीक्षा है, इसलिए शिक्षकों का दायित्व है इन परीक्षाओं का आयोजन पूर्णतः पारदर्शी, गुणवत्तायुक्त और निष्पक्ष हो। बोर्ड परीक्षा से मिले प्रमाण-पत्र पर छोटी उम्र के स्कूली विद्यार्थी की भावी जीवन की दिशा तय होती है।
उन्होंने कहा कि बोर्ड परीक्षाओं से राज्य के एक करोड़ लोगों की भावनायें और बोर्ड परीक्षाओं से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से एक लाख लोग जुड़े है। परीक्षा आयोजन की कड़ी में छोटी सी कमी से पूरी परीक्षा व्यवस्था चरमरा सकती है। उन्होंने कहा कि नवीन व्यवस्था के तहत् इस वर्ष किसी की लापरवाही से कोई प्रश्न-पत्र आउट होने की स्थिति बनती है तो बोर्ड को तत्काल पता चल जायेगा कि यह प्रश्न-पत्र किस परीक्षा केन्द्र का है। उन्होंने शिक्षा अधिकारियों का आह्वान किया है अपनी क्षमताओं का पूरा उपयोग कर बोर्ड परीक्षा के आयोजन को सफल बनाये। उन्होंने कहा कि बोर्ड प्रयोगात्मक तौर पर इस वर्ष सैकण्डरी परीक्षा के अंग्रेजी विषय की उत्तरपुस्तिकाओं के लिए बार कोडिंग व्यवस्था लागू करने जा रहा है। यदि यह व्यवस्था सफल रहीं तो चरणबद्ध रूप से आगामी वर्षों में परीक्षा व्यवस्था में विस्तार किया जायेगा।
माध्यमिक शिक्षा निदेशक बी.एल. स्वर्णकार ने कहा कि वर्तमान समय में प्रश्न-पत्रों की सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण है, किसी भी परीक्षा केन्द्र पर गलत प्रश्न-पत्र खुलने से लाखों विद्यार्थियों, अभिभावकों पर गलत प्रभाव पड़ता है इसलिए शिक्षक प्रश्न-पत्र खोलने में विशेष सावधानी बरते। उन्होंने कहा कि वे स्वयं वर्ष 1975 की बोर्ड परीक्षाओं के टॉपर रहे है। राजस्थान बोर्ड की पाठ्यक्रम और परीक्षा की विश्वसनीयता देश में अव्वल नम्बर की है और इसे अक्षुण रखने का दायित्व शिक्षकों का हैं
बोर्ड की सचिव श्रीमती मेघना चौधरी ने कहा कि शिक्षा अधिकारी इन परीक्षाओं के लिए समस्याओं का पूर्वानुमान करे और जिला प्रशासन के साथ तालमेल कर उनका समाधान करे। शिक्षा अधिकारी अपने क्षेत्र की परीक्षा व्यवस्था का औचक निरीक्षण करे और विशेष रूप से प्रश्न-पत्रों की सुरक्षा व्यवस्था पर ध्यान केन्द्रीत करे। उन्होंने शिक्षा अधिकारियों से कहा कि वे अपने अधीनस्थ प्राचार्यों को निर्देशित करे कि वे अपने क्षेत्र के तहसीलदार और स्थानीय पुलिस स्टेशन के अधिकारियों से परीक्षाओं की व्यवस्था के सन्दर्भ में सहयोग दे। उड़नदस्तों द्वारा किसी भी परीक्षा केन्द्र के संबंध में कन्ट्रोल रूम को दी गयी अनियमितता की शिकायत को तत्काल गंभीरता से देते हुए त्वरित कार्यवाही करते हुए बोर्ड प्रशासन को भी अवगत करावें।
बोर्ड की विशेषाधिकारी श्रीमती प्रिया भार्गव ने कहा कि बोर्ड इस वर्ष विडियोग्राफी व्यवस्था को मजबूत करेगा। इसके तहत् परीक्षा केन्द्र पर पेपर खोलने, परीक्षा संचालन, परीक्ष समाप्ति पर उत्तरपुस्तिका की पैकिंग तक की सम्पूर्ण व्यवस्था का फिल्मांकन किया जायेगा। उन्होंने कहा कि बोर्ड प्रति वर्ष विडियोग्राफी पर भारी राशि व्यय कर रहा है इसका उद्देश्य है की परीक्षा आयोजन में कहीं कोई छोटी चूक न रह जाये। बोर्ड की विडियोग्राफी सुरक्षा व्यवस्था के फिल्मांकन के साथ-साथ एक महत्वपूर्ण साक्ष्य का भी कार्य करती है।
बोर्ड के निदेशक-गोपनीय जी.के. माथुर ने कहा कि राज्य सरकार ने सभी राजकीय सेवारत् व्याख्याताओं को बोर्ड परीक्षाओं के लिए उत्तरपुस्तिका मूल्यांकन करना आवश्यक कर दिया है परन्तु अब तक कई व्याख्याताओं ने उत्तरपुस्तिका के लिए अपनी सहमति से बोर्ड को अवगत नहीं कराया है। उन्होंने शिक्षा अधिकारियों से कहा कि अपने नियंत्रणाधीन व्याख्याताओं को बोर्ड परीक्षाओं की उत्तरपुस्तिका मूल्यांकन के लिए तत्काल बोर्ड को सहमति भेजने के लिए निर्देशित करे। बोर्ड कार्यालय में बोर्ड परीक्षाओं के लिए केन्द्रीय कन्ट्रोल रूम 29 फरवरी से कार्य करना प्रारम्भ करेगा। उन्होंने पावर पाईन्ट प्रजेन्टेशन के माध्यम से सम्पूर्ण परीक्षा संचालन व्यवस्था की जानकारी दी।
इस अवसर प्रो. वासुदेव देवनानी ने राजस्थान बोर्ड के त्रैमासिक शैक्षिक प्रकाशन ’’बोर्ड जर्नल‘‘ का विमोचन किया। उन्होंने इस बात की खुशी जाहिर की, कि नवीन अंक पूर्व राष्ट्रपति स्वर्गीय ए.जी.जे. अब्दुल कलाम को समर्पित किया गया है जो देश के करोड़ों विद्यार्थियों के रोल मॉडल है। इस अवसर पर परीक्षा उपनिदेशक शिवशंकर अग्रवाल, घनश्याम मीणा, कुम्भाराम रेलावत, सहायक निदेशक श्रीमती सुमन सिंह और मनोज उपाध्याय भी उपस्थिति थे।
-राजेन्द्र गुप्ता,
उप निदेषक (जनसम्पर्क)

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