अजमेर, 24 फरवरी। मुख्यमंत्राी श्रीमती वसुन्धरा राजे के निर्देशानुसार महर्षि दयानन्द सरस्वती विश्वविद्यालय, अजमेर के उद्यमिता एवं लघु व्यवसाय प्रबन्ध केन्द्र के निदेशक प्रो. बी.पी. सारस्वत ने श्री कलराज मिश्र, केन्द्रीय मंत्राी सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय से 23 फरवरी को नई दिल्ली में मुलाकात की।
प्रो. सारस्वत ने विश्वविद्यालय के उद्यमिता केन्द्र की दस वर्षों की गतिविधियों जिसमें अल्पकालीन, दीर्घकालीन, उद्यमिता पाठ्यक्रम, उसके लाभार्थियों एवं सामाजिक सरोकार, केन्द्र की वित्तीय स्थिति आदि विषयों की विस्तृत जानकारी दी। कलराज मिश्र ने उद्यमिता केन्द्र से बड़ी संख्या में अध्ययन प्राप्त छात्रों द्वारा स्वरोजगार एवं पारिवारिक व्यवसाय अपनाने पर संतोष व्यक्त किया। साथ ही केन्द्र द्वारा सम्पन्न कराये जा रहे विभिन्न प्रकार के अल्पकालीन उद्यमिता एवं कौशल विकास कार्यक्रमों में प्रशिक्षण प्राप्त लाभार्थियों की संख्या को महत्वपूर्ण बताया। उद्यमिता केन्द्र के स्ववित्त पोषित के रूप में कार्य करते हुए विभिन्न गतिविधियों को सम्पन्न करने के बाद केन्द्र की मजबूत वित्तीय स्थिति पर प्रसन्नता व्यक्त की।
प्रो. सारस्वत ने कलराज मिश्र को यह भी जानकारी दी कि यह केन्द्र 2002 में तत्कालीन केन्द्रीय मंत्राी एवं वर्तमान मुख्यमंत्राी श्रीमती वसुन्धरा राजे की प्रेरणा एवं प्रयासों से स्थापित हुआ था। आज भी श्रीमती राजे इस केन्द्र की गतिविधियों एवं इसके विकास मंे रूचि लेती हैं । राज्य सरकार की मंशा है कि राजस्थान में कौशल विकास एवं स्वरोजगार से विश्वविद्यालयों के विद्यार्थी लाभान्वित हों केवल डिग्री लेकर सरकारी नौकरियों के पीछे न भागें बल्कि स्वयं अपना उद्यम अथवा व्यवसाय प्रारम्भ करें एवं अन्य लोगों को भी रोजगार देने की स्थिति में आयें।
प्रो. सारस्वत ने कलराज मिश्र से निवेदन किया कि राजस्थान के अन्य विश्वविद्यालयों को भी ऐसे उद्यमिता केन्द्र की स्थापना के लिए अनुदान दिया जाए जिस पर श्री कलराज मिश्र ने अपने विभाग के अधिकारियों को राजस्थान से आने वाले प्रस्तावों पर सकारात्मक कार्यवाही करने के निर्देश दिये हैं ।
