एक मई से शुरू होगा नया शैक्षणिक सत्रा- प्रो. देवनानी

v devnani 1अजमेर, 03 अप्रेल। शिक्षा राज्य मंत्राी प्रो. वासुदेव देवनानी ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को आगामी एक मई से शुरू होने वाले नए शैक्षणिक सत्रा में प्रवेशोत्सव मनाने तथा नामांकन वृद्धि के लिए गम्भीरता से प्रयास करने के निर्देश दिए हंै। आगामी शैक्षणिक सत्रा प्रारम्भिक शिक्षा में गुणवत्ता में सुधार वर्ष के रूप में मनाया जाएगा।
शिक्षा राज्य मंत्राी प्रो.वासुदेव देवनानी ने आज शिक्षा विभाग के अधिकारियों को इस संबंध में निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि राज्य में शिक्षण व्यवस्था में सुधार एवं विभिन्न शिक्षण एजेन्सियों में समन्वय के लिए शिक्षा विभाग ने एक मई से सत्रा शुरू करने का निर्णय लिया है। इस बार एक मई से दस मई तक प्रवेशोत्सव मनाया जाएगा एवं स्कूल की अन्य गतिविधियां सम्पन्न होंगी। गर्मी की छुट्टियां 11 मई से 20 जून तक रहेंगी। इसके पश्चात 21 जून को अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर स्कूल पुनः शुरू होंगे । स्कूलों में 21 जून से 30 जून तक प्रवेशोत्सव रहेगा। एक जुलाई से पुनः शिक्षण प्रारम्भ होगा।
शिक्षा राज्य मंत्राी प्रो. देवनानी ने कहा कि प्रदेश के सरकारी स्कूलों में शैक्षणिक गुणवत्ता को और बढ़ाने के लिए नया शिक्षण सत्रा “प्रारम्भिक शिक्षा में गुणवत्ता सुधार वर्ष“ के रूप में मनाया जाएगा। प्रदेश की सभी ग्राम पंचायतों में एक उच्च प्राथमिक विद्यालय को आदर्श विद्यालय के रूप में विकसित किया जाएगा। पिछले साल नामांकन में 9 लाख विद्यार्थियों की वृद्धि हुई । हमें इस शैक्षणिक सत्रा में नामांकन को और अधिक बढ़ाना है।
उन्होंने बताया कि प्रारम्भिक शिक्षा में गुणवत्ता सुधार वर्ष के तहत वर्ष भर विभिन्न नवाचारों एवं लगातार निरीक्षण के जरिए विद्यालयों में शैक्षणिक स्तर की जानकारी ली जाएगी। स्कूलों व शिक्षकों की गे्रडिंग होगी। जिम्मेदारी सभी की तय की जाएगी चाहे वह शिक्षक हो या अधिकारी ।
शिक्षा राज्य मंत्राी ने अधिकारियों से कहा कि वे स्कूलों के निरीक्षण कार्यों को और अधिक प्रभावी व नियमित बनाएं। ब्लाॅक स्तर पर निरीक्षण की कार्य नीति तय कर काम किया जाए। सभी अधिकारी अपने दिए हुए कार्य को तय समय में पूरा करें। सभी आज से ही तय कर लें कि स्कूल समय पर पहुंचेंगे और अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान देंगे। विद्यालय प्रबन्धन समिति स्कूलों के विकास के लिए महत्वपूर्ण है। संस्था प्रधान इन समिति की बैठकों को गम्भीरता से लें तो इसके शानदार परिणाम सामने आएंगे। आगामी शैक्षणिक सत्रा में प्रत्येक ग्राम पंचायत में एक मिडिल स्कूल को आदर्श विद्यालय के रूप में विकसित किया जाएगा। यह प्रयोग उच्च माध्यमिक विद्यालयों में बेहद सफल रहा है।

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