अतुल्य भारत की धरोहर है योग

DSC_1275द्वितीय अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के परिप्रेक्ष्य में विष्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा संपोषित ‘योग द्वारा शारीरिक, मानसिक एवं आध्यात्मिक स्वास्थ्य का उन्नयन’ विषय पर एक कार्यषाला के तृतीय दिवस के अवसर पर बीएस.सी इन योगा, डिप्लोमा एवं पीजी के छात्र छात्राओं की ओर से योग के माध्यम से अतुल्य भारत का रंगारंग चित्रण प्रस्तुत किया गया। इस कार्यक्रम का शुभारंभ महबूब हुसैन द्वारा प्रस्तुत गणेष वन्दना द्वारा हुआ। सूर्यनमस्कार की विभिन्न स्थितियों का सजीव एवं मोहक चित्रण पुखराज, मेघनाद, सरदार सिंह, गीतिगा एवं रूचि एवं अन्य साथियों द्वारा किया गया। रस्सी के माध्यम से विभिन्न योग मुद्राओं यथा नटराज आसन, पदमासन, सर्वांगआसन, पष्चिमोत्तानासन, हलासन, एकपाद राजकपोत आसन का प्रदर्षन किया गया। राधा शर्मा द्वारा भक्ति योग को गीत एवं नृत्य के माध्यम से प्रस्तुति दी गई। छात्र मिलिंद वर्मा ने आर्टिस्टिक योग का बड़ी सहजता से प्रदर्षन किया। छात्रों के द्वारा भारतीय परम्परागत खेल, लट्टू चालन, लाठी चालन, तलवार चालन किया गया।
इस अवसर पर योग विभाग के डॉ. लारा शर्मा ने बताया कि योग उत्सव के तहत किए गए सांस्कृतिक समागम का उद्देष्य विभिन्न भारतीय परम्पराओं पर आधारित खेल एवं उनसे जुड़ी एकाग्रता को विकसित करना एवं भारतीय संस्कृति को अक्षुण्ण रखना तथा योग के क्षेत्र में नवीन प्रयोग करते हुए आज के तनावपूर्ण माहौल को दूर करने का प्रयास करना था। उन्होंने बताया कि योग विभाग द्वारा पिछले 17 वर्षों से योग में विभिन्न पाठ्यक्रमों का संचालन सफलता पूर्वक कर रहा है तथा यहाँ से उत्तीर्ण अनेक छात्र छात्राएं देष एवं विदेष में योग कक्षाओं का सफल संचालन कर रहे हैं तथा विभिन्न कॉरपोरेट सैक्टर में भी अपनी महत्वपूर्ण सेवाएं दे रहे हैं।
कार्यषाला निदेषक ए जयन्ती देवी ने बताया कि योग उत्सव के तहत 21 जून को विष्वविद्यालय प्रांगण में योग दिवस का आयोजन बड़े पैमाने पर किया जाना भी निष्चित किया गया है।
डॉ. लारा शर्मा
9414499727

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