अजमेर, 10 मई। विद्युत दुर्घटनाओं से सुरक्षित रहने व सुरक्षित विद्युत तंत्रा बनाए रखने के उद्देश्य से 16 मई से 15 जून तक सुरक्षित बिजली अभियान चलाया जाएगा।
डिस्काॅम्स अध्यक्ष श्री संजय मल्होत्रा ने एक आदेश जारी कर इस संबंध में आवश्यक दिशा निर्देश दिए हैं। आदेश के तहत सुरक्षित बिजली अभियान के दौरान विद्युत अधिनियम-2003 एवं विद्युत नियम 2005 के अनुरूप सुरक्षा संबंधी जानकारियां उपभोक्ता व कर्मचारियों को देने, सुरक्षा साधनों का उपयोग करने एवं 33 केवी उपपारेषण व 11 केवी तंत्रा तथा एल.टी. सिंगल फेज व थ्री फेज लाईनों, केबिलों, पिलर बाॅक्स, एल.टी. फ्यूज सिस्टम की जांच कर, सुरक्षा के लिए खतरनाक स्थानों को, आबादी क्षेत्रा, राष्ट्रीय व राज्य राजमार्ग, स्थानीय कच्ची-पक्की सड़को/मार्गों, खेतों में जा रही लाईनों का सर्वे कर संवेदनशील स्थानों का चिन्हीकरण कर सुधार कार्य पूर्ण किया जाए। उन्होंने इस अभियान के अन्तर्गत सभी संबंधित अधिकारियों को विद्युत दुर्घटनाओं निर्मूल करने हेतु कार्यवाही संचालित करने के लिए निर्देशित है।
आदेश के तहत सभी फीडर इंचार्ज को निर्देशित किया गया है कि वे 10 मई, 2016 तक अपने अधीनस्थ 11 केवी फीडरों का सर्वे कर विद्युत सुरक्षा के लिए संवेदनशील स्थानों को चिन्हित कर सिंगल लाईन डायग्राम में पोलों की संख्या चिन्हित कर रिपोर्ट कनिष्ठ अभियंता को दे। 33 केवी लाईनों का सर्वे क्षेत्रा के कनिष्ठ अभियंता द्वारा स्वंय किया जाए व सिंगल लाइन डायग्राम में संवेदनशील स्थानों को 10 मई, 2016 तक चिन्हित कर तैयार करें। साथ ही फीडर इंचार्ज से प्राप्त एस. एल. डी. का 100 प्रतिशत वेरीफिकेशन कर 12 मई, 2016 तक सहायक अभियंता को प्रस्तुत करें।
सहायक अभियंता (पवस) सभी प्राप्त एस.एल.डी. में से सभी कनिष्ठ अभियंता क्षेत्रों के 25 प्रतिशत एस.एल.डी. इस प्रकार निरीक्षण करेंगे कि प्रत्येक 33 केवी सब स्टेशन से निर्गमित फीडरों में से कम से कम एक फीडर की सेम्पल की जांच हो जाए। फीडरवार चिन्हित स्थानों की सूची व किए जाने वाले कार्यो का एसेस्मेन्ट 14 मई, 2016 तक अधिशाषी अभियंता को भेजेंगे तथा सेम्पल जांचों में कमी पाए जाने पर संबंधित फीडर इंचार्ज व कनिष्ठ अभियंता के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही करने हेतु रिपोर्ट अधिशाषी अभियंता को भेजेंगे।
अधिशाषी अभियंता प्रत्येक कनिष्ठ अभियंता क्षेत्रा में कम से कम एक 11 केवी फीडर व सहायक अभियंता क्षेत्रा के एक 33 केवी फीडर का एस.एल.डी. अनुसार 100 प्रतिशत सर्वे जांच का कार्य 15 मई तक पूर्ण कर फीडरवार संवेदनशील स्थानों की सूची अधीक्षण अभियंता को प्रेषित करें। सैम्पल जांच के दौरान सहायक अभियंता द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट में लापरवाही या कमियाँ पायी जाने पर संबंधित फीडर इंचार्ज, कनिष्ठ अभियंता व सहायक अभियंता के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही करने हेतु अधीक्षण अभियंता को रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे।
उन्होंने निर्देश दिए कि सर्वे रिपोर्ट 15 मई, 2016 तक अन्तिम रूप से तैयार करने के बाद अधिशाषी अभियंता सुरक्षा के लिए संवेदनशील स्थानों के सुधार के लिए कनिष्ठ अभियंतावार रोड़ मैप इस प्रकार तैयार करेंगे कि सभी क्षेत्रों में सुधार कार्य 16 मई से प्रारम्भ होकर 15 जून, 2016 तक पूरे कर लिये जाए। सभी फीडरों के चिन्हित संवेदनशील पाॅइन्टों व उसके प्रकार का एस.एल.डी. पर चिन्हिकरण करने के बाद फीडर इंचार्ज कनिष्ठ अभियंता द्वारा दिनांक सहित हस्ताक्षर किए जाए, जिन फीडर की जांच सहायक अभियंता, अधिशाषी अभियंता द्वारा की जाएगी, जांच की गई फीडरों की एस.एल.डी. पर उनके भी हस्ताक्षर मय दिनांक एवं टिप्पणी सहित किए जाए।
उन्होंने कहा कि चिन्हित कार्य यदि फीडर इम्प्रूवमेन्ट प्रोग्राम में भी चिन्हित किए गए हो तो उनको सुधारने का कार्य उन्हीं ठेकेदारों से कराया जाए यदि पहले से चिन्हित नहीं हैं तो नए कार्य आदेश सी.एल.आर.सी. पर देकर उन्ही ठेकेदारों को अलग-अलग कार्य देकर समय पर कार्य पूर्ण करावें। आवश्यकता पड़ने पर केवल इस अभियान के अन्तर्गत चिन्हित कार्यों को आऊट आॅफ रोस्टर कराया जा सकेगा। जिन उपखण्डों में विभागीय कर्मचारियों से निर्धारित समय सीमा में कार्य कराया जा सकता हैं तो वहां कर्मचारियों से कार्य कराने को प्राथमिकता दी जाए।
कनिष्ठ अभियंता अपने क्षेत्रा में संवेदनशील स्थानों को सुधारने के लिए चिन्हित किए गए कार्यों की सूचना संबंधित क्षेत्रा के सरपंचों को भी उपलब्ध कराए ताकि उनकी जानकारी में किसी और स्थान पर भी सुरक्षा की दृष्टि से वितरण तंत्रा के सुधार की आवश्यकता हो तो उसके बारे में कनिष्ठ अभियंता को सूचित करें। कार्य पूर्ण होने के बाद कनिष्ठ अभियंता (पवस) पालना रिपोर्ट पर संबंधित सरपंचों के हस्ताक्षर करा कर रिपोर्ट सहायक अभियंता को 15 जून, 2016 तक प्रस्तुत करेंगे।
अधिशाषी अभियंता(पवस), अभियान के दौरान सभी चिन्हित कार्यो को पूर्ण कर 16 जून, 2016 तक अधीक्षण अभियंता व संभागीय मुख्य अभियंता को लिखित मंे यह प्रमाण दें कि उनके अधिनस्थ क्षेत्रा में अब कोई भी हाई रिस्क पाॅईन्ट सुधार के लिए शेष नहीं हैं।
