मरीज की जलने से हुई मौत, अस्पताल प्रषासन की लापरवाही

विजय जैन
विजय जैन
अजमेर 13 मई। कंाग्रेस ने आरोप लगाया कि कमला नेहरू टीबी अस्पताल के स्टोर रूम में आग से एक मरीज की जलने से हुई मौत अस्पताल प्रषासन की लापरवाही का नतीजा है। मामले को रफा दफा किया जा रहा है इसी लिये प्रथम दृष्टया किसी की जिम्मेदारी तय नहीं गई है। कांग्रेस ने हादसे का षिकार हुऐ मृतक नाथूलाल के परिवार का मुआवजा देने मांग की।
शहर कांग्रेस के अध्यक्ष विजय जैन ने कहा कि जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के जयपुर रोड स्थित कमला नेहरू टीबी अस्पताल मे चरमारई व्यवस्थाओं एवं डाक्टरों और नर्सीग स्टाफ की भंयकर लापरवाही के कारण यह हादसा हुआ। लापरवाही का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि अस्पताल में भर्ती अलवर गेट निवासी रोगी नाथूलाल (46) पुत्र देवकरण कोली जिंदा जल गया और नर्सींग स्टाफ या डियुटी पर मौजूद रात्रिकालीन डाक्टरों को पता तक नहीं चला।
उन्होने संदेह व्यक्त करते हुऐ कहा कि अस्पताल प्रषासन का यह दावा प्रथमदृष्टया ही झूठा प्रतीत होता है कि हादसे मे मरे रोगी की बीड़ी से आग लगी और उसकी जलने से मौत हो गई क्योंकि बीड़ी से कपड़े की चादर में इतनी जल्दी आग नहीं लग सकती की कोई व्यक्ति अपनी जान भी नहीं बचा सके यह संदेहास्पद है। और मात्र बीड़ी के जलने से इतना बड़ा हादसा होकर कोई जिंदा नही जल सकता स्टोर रूम में कहीं न कही अत्यंत ज्वनषील पर्दाथ था जिसको छिपाया जा रहा है। जिसके तुरंत आग पकड़ लेने के कारण आग ने इतना विकराल रूप लिया और उसमे मौजूद रोगी की जिंदा जलने से दर्दनाक मौत हुई। उन्होने कहा कि अस्पताल में अग्नि नियंत्रण यंत्र तक नहीं थे या उन्हे इस्तेमाल नहीं किया गया नही ंतो मरीज की जान बचाई जा सकती थी विडम्बना तो यह है कि अग्निषमन दस्ते ने भी इस बात की परवाह नहीं की के कोई स्टोर रूम में जिंदा जल रहा है।
उन्होने कहा कि सरकार से लेकर स्थानीय प्रषासन तक केवल जांच की घोषणाऐं की गई है हादसे के लिये प्रथम दृष्टया किसी कार्मिक या डाक्टर की जिम्मेदारी तय करके कार्यवाही नही करना यह जाहिर करता है कि मामले मे सरकार का लीपा पोती का मानस है क्यांेकि सबसे बड़ा सवाल यह है कि स्टोर रूम में दम घुटने और आग की तपिष से मृतक ने भागने का प्रयास क्यों नहीं किया जलने पर उसके चिल्लाने की आवाज किसी डाक्टर या नर्सींग स्टाफ ने भी नहीं सुनी जबकि आम तौर पर सुबह से ही वार्डों में भर्ती मरीज और परिजनों की चहल-पहल शुरू हो जाती है। जबकि जिस जगह स्टोर रूम है वहां से शौचालय का रास्ता है और सामने ही वार्ड भी है। ऐसे में किसी को भी हादसे की भनक नहीं लगी यह जांच का विषय है।
जैन ने कहा कि हादसा सुबह 7ः30 पर घटित हुआ कलेक्टर का निवास घटना स्थल से महज पांच सौ मीटर की दूरी पर होने के बावजूद जिला कलेक्टर गौरव गोयल का घटना से लगभग सात घंटे बाद दोपहर 3.17 बजे असपताल पहुंचना सरकार के संवेदनशील प्रषासन की सच्चाई खुद ब्यान करता है कि सरकार जनता के प्रति कितनी संवेदनषील है। अस्पतपल की अव्यवस्था इतनी चरम पर है कि अस्पताल में आग बुझाने के लिए मात्र एक फायर एक्सटिंग्यूजर है जिससे आग बुझाने की कल्पना भी नहीं की जा सकती। आग बुझाने के लिए फायर ब्रिगेड के इंतजार के अलावा वहां कोई चारा नहीं था।

1 thought on “मरीज की जलने से हुई मौत, अस्पताल प्रषासन की लापरवाही”

  1. Man killed in fire at tb hospital, no action taken against any one but a small radiographer suspended same day by district collector at jln hospital for not doing xray himself. Justice delivered !

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