बिजली सबके लिए’’ योजना 19 जून से

avvnl thumbअजमेर, 15 जून। दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना (12वीं योजना) के अन्तर्गत ऐसे घरेलू आवास जो कि ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युतीकरण के बाद भी विद्युत कनेक्शन से वंचित हैं उन सभी को भी विद्युत कनेक्शन उपलब्ध कराने के लिए ग्रामीण क्षेत्रांे में बिजली सबके लिए योजना के शिविरों का आयोजन 19 जून, 2016 से प्रारम्भ करते हुए ए.पी.एल. व बी.पी.एल. परिवारों को मौके पर ही कनेक्शन देने की कार्यवाही की जाएगी।
निगम के प्रबंध निदेशक श्री डी.के. शर्मा ने बताया कि घरेलू कनेक्शन देने के लिए उपभोक्ताओं की सुविधा को दृष्टिगत रखते हुए शिविरों का आयोजन 12 वीं योजना में स्वीकृत योजना क्षेत्रा में किया जा रहा हैं। इस संबंध विस्तृत दिशा निर्देश जारी किए हैं। प्रत्येक प्रथम व तृतीय रविवार को योजनानुसार प्रातः 10 बजे से सांय 6 बजे तक शिविर आयोजित किए जाएगें। उन्होंने निर्देशित किया कि शिविर से पूर्व घर-घर सम्पर्क के दौरान जो भी आवेदन पत्रा प्राप्त हो उनको कनेक्शन देने की योजना बनाकर, स्वीकृत करने की कार्यवाही कर, शिविर से पूर्व ही अधिकतम कार्य पूर्ण करा कर कनेक्शन देने की कार्यवाही अधिशाषी अभियंता ☺☺(पवस) व अधिशाषी/सहायक अभियंता (डीडीयूजीजेवाई) द्वारा संयुक्त रूप से सुनिश्चित की जाए।
उन्होंने बताया कि संभावित कनेक्शनों के लिए लाईन मेटीरियल व ट्रांसफार्मर की व्यवस्था संबंधित ठेकेदार द्वारा की जाएगी एवं ए.पी.एल. कनेक्शन के लिए मीटर व सर्विस लाईन का कार्य संबंधित सहायक अभियंता (पवस) द्वारा निगम के कर्मचारियों या सीएलआरसी पर किया जाएगा। मीटर एवं सर्विस लाइन की व्यवस्था मुख्य अभियंता (प.प्र.) द्वारा की जाएगी आवश्यक मेटीरियल की व्यवस्था अधीक्षण अभियंता, संभागीय मुख्य अभियंता व मुख्य अभियंता (पदार्थ प्रबंध) आपसी समन्वय कर करेंगे ताकि समय पूर्व सामान की आपूर्ति हो सके। शिविरों के आयोजन हेतु समस्त कार्यवाही सुनिश्चित करने हेतु जिला स्तर पर अधीक्षण अभियंता (पवस) व उपखण्ड स्तर पर सहायक अभियंता (पवस) प्रभारी अधिकारी होंगे। शिविर क्षेत्रों के अन्तर्गत गावांे ढाणियों में वर्तमान में लम्बित घरेलू कनेक्शनों की पत्रावलियों के मांग पत्रा शिविर आयोजन के पूर्व ही जारी कर दिए जाए, जमा मांग पत्रों के कनेक्शन आदेश जारी कर कनेक्शन देने की कार्यवाही शिविर से पूर्व ही करने के प्रयास किए जाए।
उन्होंने बताया कि शिविर क्षेत्रा में बंद मीटरों को बदलने हेतु भी लेखाकार/सहायक राजस्व अधिकारी-द्वितीय सूची तैयार कराएगें व आवश्यकता अनुसार मीटरों की व्यवस्था हेतु सहायक अभियंता (पवस) अधीक्षण अभियंता (पवस) को सूचित करेंगे ताकि शिविर दिवस पर उस क्षेत्रा के दो माह से अधिक समय से बंद/खराब मीटरों को बदला जा।
शिविरों की व्यवस्था
प्रबंध निदेशक ने बताया कि जिला स्तर पर शिविरों की व्यवस्था हेतु प्रत्येक वृत/जिले में कमेटी का गठन किया गया हैं। यह कमेटी जिले में शिविरों के आयोजन व प्रगति की लगातार समीक्षा करेगी व सुनियोजित आयोजन के लिए जिम्मेदार होगी। इस कमेटी में अधीक्षण अभियंता (पवस), अधिशाषी अभियंता (डीडीयूजीजेवाई), लेखाधिकारी (पवस) एवं कार्मिक अधिकारी (पवस) होंगे।
उन्होंने बताया कि आवेदन संग्रहण डेस्क उपभोक्ताओं के आवेदनों की जांच कर निर्धारित आवेदन शुल्क प्राप्त कर उपभोक्ता को शुल्क प्राप्ति रसीद दी जाएगी व फाईल को शिविर में मौजूद तकनीकी कर्मचारी को मौका निरीक्षण करने हेतु दिया जाएगा। कर्मचारी की रिपोर्ट पर यदि सर्विस लाईन कनेक्शन है, तो डिमांड राशि जमा करा कर कनेक्शन आदेश जारी कर कनेक्शन देने की नियमानुसार कार्यवाही की जाए। आवेदित स्थान पर पूर्व में पी.डी.सी. या सतर्कता जांच के अन्तर्गत कोई बकाया राशि तो नहीं है, इसकी पुष्टि मौके पर ही सहायक राजस्व अधिकारी-द्वितीय से करा ली जाए एवं बकाया होने पर बकाया राशि भी मौके पर जमा कर कनेक्शन देने की कार्यवाही की जाए ।
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वित्तीय हानि रोकने के लिए तीन सू़त्राी कार्यक्रम अपनाने के निर्देश
विद्युत वितरण निगमों में राजस्व वसूली बढ़ाई जाएं
अजमेर, 15 जून। राज्य के तीनों विद्युत वितरण निगमों लगातार बढ़ रही वित्तीय हानि को राकने के लिए तीन सूत्राी कार्यक्रम की क्रियान्वित सख्ती से करने के निर्देश दिये गये। इसके लिए फीडर सुधार कार्यक्रम के साथ ही बिजली चोरी रोकने के लिए विजिलेंस गतिविधियों में तेजी लाने ओर एनर्जी आॅडिट को प्रभावी तरीके से क्रियान्वित करके राजस्व वसूली बढ़ाने पर जोर दिया गया है।
यह निर्देश बुधवार को विद्युत भवन जयपुर में आयोजित विडियों काॅफें्रस के माध्यम से दिये गये जिसमे यह भी स्पष्ट किया गया कि विद्युत निगमों के अधिकारी ओर कर्मचारी अपने स्तर पर विद्युत हानि को कम करने में जुट जाएं अन्यथा अधिक हानि वालें क्षेत्रों को फे्रचाइजी पर देनें पर विचार करना पड़ सकता है।
विडियो काॅफ्रेस में मुख्य रूप से प्रदेश में बिजली चोरी रोकने के लिए विजिलेंस गतिविधियों को तेज करने पर जोर दिया गया ओर कहा गया कि अभी तक हुई विजिलेंस चेकिंग के वांच्छित परिणाम सामने नही आए है। डिस्काॅम अध्यक्ष श्रीमत पाण्डेय ने इस कार्य में तेजी लाने के साथ ही कहा कि यह भी देखा जाएं कि इससे विद्युत उपभोक्ता अनावश्यक रूप से परेशान नही हो ओर राजस्व वसूली में सुधार आएं।
जयपुर में आयोजित इस विडियो काॅफ्रेस में तीनों विद्युत वितरण निगमों के अधिकारियों की इस विडियों काॅफ्रेस में बताया गया कि मार्च 2016 को समाप्त वित्तीय वर्ष में ही राजस्व वसूली में निगम बहुत पिछड़ गये है ओर चालू वित वर्ष में भी बकाया बढ़ती जा रही है, इसके लिए सभी अधिकारियों से कहा गया कि वे राजस्व वसूली के काम को गति दें ओर अधिक बकाया वाले उपभोक्ताओं के कनेक्शन काटने की कार्यवाही करें, साथ ही यह भी देखें कि जिनके कनेक्शन कट गये है उन्होंने दूसरा कनेक्शन तो नही ले लिया या वैकल्पिक माध्यम से बिजली तो नहीं ले रहे है।
विडियों कोंफें्रस में कहा गया कि औद्योगिक क्षे़त्रों में छीजत का लक्ष्य दो प्रतिशत रखने के उपाय किये जाये वही आने वाले 18 महीनों में सभी शहरी क्षेत्रों में छीजत 15 प्रतिशत लाने के लक्ष्य को प्राप्त किया जाएं। जैसा कि उदय योजना को अपनाते समय राज्य सरकार ने तय किया था।
प्रमुख सचिव ऊर्जा संजय मल्होत्रा ने कहा कि उदय योजना के तहत राज्य सरकार ने विद्युत वितरण निगमों का साठ हजार करोड़ रूपये का कर्जा अपने ऊपर लिया है ओर विष्व बैंक ने छीजत कम करने की षर्त पर तीन हजार करोड़ का कर्ज देने पर सहमति दी। उनका कहना था कि वितरण निगम 18 महीने में वित्तीय हानि कम करने का लक्ष्य प्राप्त कर लेंगें तो सरकार से और मदद मिल सकेगी।
डिस्काॅम अध्यक्ष ने कहा कि विजिलेंस गतिविधियों को निर्धारित लक्ष्य तैयार करके कार्य किया जाएं ओर वीसीआर भरने के बाद मामलों का निस्तारण समयबद्ध तरीके किया जाएं। उन्होंने कहा कि बिजली चोरी के मामलें में निगम कर्मचारी षामिल पाये जाए तो उनके खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएं।
विडियों काॅफें्रस में राजस्थान विद्युत वितरण प्रबन्धन उत्तरदायित्व अधिनियम पर भी चर्चा की गई ओर इसे प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए जन प्रतिनिधियों ओर निगम कर्मचारियों का सहयोग लिया जाएं।
अधिनियम के प्रमुख प्रावधान-
प्रावधान के अनुसार वितरण निगमों को वित्तीय हानि में कमी करना, एनर्जी आॅडिट एण्ड अकाउन्टिंग, फीडर मीटिंरिग ओर कन्जूमर इंडेक्सिंग, वास्तविक मीटर रिडिंग के आधार पर बिल जारी करना, पुरानी बकाया राशि की वसूली समय पर, दरों में संशोधन के लिए याचिका समय पर दाखिल करना, भौतिक सत्यापन एवं दो वर्ष में स्थाई सम्पतियों का रजिस्टर तैयार करना।

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