सातवें वेतन आयोग के पुतले को फाँसी देकर जताया विरोध

रेल हड़ताल के लिए, लिया संकल्प

मोहन चेलानी
मोहन चेलानी
नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे एम्पलॉईज यूनियन एवं उत्तर पष्चिम रेलवे मजदूर संघ के संयुक्त तत्वावधान में गठित संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले रेल कर्मचारियों ने रैली निकालकर रेलवे स्टेषन चौराहे पर सातवें वेतन आयोग के पुतले को फाँसी देकर अपने विरोध का प्रदर्षन किया।
सायं 5 बजे गर्वमेन्ट कॉलेज चौराहा, लाल फाटक से करीब एक हजार रेल कर्मचारी नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे एम्पलॉईज यूनियन के अध्यक्ष भूपेन्द्र भटनागर व मण्डल अध्यक्ष मोहन चेलानी और यूपीआरएमएस के एस.आई.जैकब एवं के.के.गुप्ता के नेतृत्व में रैली के रूप में स्टेषन रोड़ होते हुए रेलवे स्टेषन पहँुचे। रैली में कर्मचारियांे ने भारत सरकार के साथ सातवें वेतन आयोग की नाकारात्मक रिपोर्ट के विरोध में भी नारे लगाये। कर्मचारियों ने हाथों में लाल व तिरंगे झण्डों को लेकर पूर्ण उत्साह के साथ 11 जुलाई 2016 प्रातः 6 बजे से होने वाली रेल हड़ताल का समर्थन किया।
रेलवे स्टेषन चौराहे पर कर्मचारियों को सम्बोधित करते हुए कर्मचारी नेताओं ने कहा कि सातवें वेतन अयोग ने अपनी रिपोर्ट स्वतन्त्र आयोग के रूप में नहीं बनाई है बल्कि आयोग ने तो पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर, सरकार को खुष करने के इरादे से अपनी सिफारिषें दी हैं।
एम्पलॉईज यूनियन के जोनल अध्यक्ष भूपेन्द्र भटनागर और मण्डल अध्यक्ष मोहन चेलानी ने कहा कि वेतन अयोग ने रेल कर्मचारियों की कार्यषैली का पूरा विष्लेषण ही नहीं किया है। रेल कर्मचारी जंगलों, आतंक और नक्सलवादी प्रभावी क्षेत्रों में, छोटे-छोटे स्टेषनों पर जहाँ चिकित्सा व षिक्षा की मूलभूत सुविधाऐं भी उपलब्ध नहीं हैं, लगातार 12 से 16 घण्टे तक सर्दी, गर्मी व बरसात मेंु खुले आसमान में अपनी ड्यूटी करके रेल का सुरक्षित संचालन कर रहे हैं और वेतन आयोग ने भारत सरकार की आर्थिक स्थिति और ठेकेदारी प्रथा के तहत संचालित कैटरिंग व बैडरोल सुविधाओं को ध्यान में रखकर अपनी रिपोर्ट बनाई है। जिससे रेल कर्मचारियों का कोई सम्बन्ध नहीं है।
मजदूर संघ के मण्डल सचिव एस.आई.जैकब और के.के.गुप्ता ने कहा कि भारतीय रेल, विभिन्न सामाजिक दायित्वों, सुविधाओं के बाद भी आज देष का सबसे सस्ता, सुगम एवं सुरक्षित यातायात का साधन है। रेल कर्मचारियों की मेहनत से ही 80 प्रकार के कन्षेसन देने के बाद भी विष्व में एकमात्र लाभ में चलने वाली रेलवे है। वेतन अयोग ने पुर्वाग्रह से ग्रस्त होकर जो रिपोर्ट और सिफारिष सरकार को दी है, लगता है कि रेल कर्मियों की मेहनत, ठेकेदार की मैली चद्दर से धुमिल हो गई। रेल कर्मचारी सदैव भारतीय रेल में ठेकेदारी प्रथा का विरोध करते आए हैं।
कार्यक्रम को सफल बनाने में विपुल सक्सैना, मदन सिंह राठौड़, एल.एन.मीणा, शषि महावर, आसिफ खान, राजीव शर्मा, झाबर सिंह चौधरी, राकेष लाल, कमल धवन, मधु खण्डेलवाल, एन.पी.सिंह, कौषल सिंह, बलदेव सिंह, जयसिंह कुलेहरी, कु. सारिका जैन, माला सिंह, पैटसी मैसी, तरूण सैनी, गिरधारी मंडाड, सहित सैकड़ों कर्मचारी शामिल थे।
इससे पूर्व सभी कार्यालयों व यूनिटों पर यूनियन के कार्यकर्ताओं ने रेल कर्मचारियों से हड़ताल के लिए संकल्प पत्र भरवाकर ’’मैं हड़ताल करूँगा’’ के बैज लगाये।
रेल कर्मचारियों के रेल हड़ताल के इस आन्दोलन के क्रम में आज मंगलवार को सायं 17-30 बजे रेलवे स्टेषन से जनरल पोस्ट ऑफिस तक रैली निकाल कर पोस्टल विभाग के कर्मचारियों के साथ जीपीओ में प्रदर्षन व सभा का आयोजन किया जायेगा।
( मोहन चेलानी)
मण्डल अध्यक्ष

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