भारत का अभिवादन है राम

पुण्डरीकजी ने बताई राम नाम की महिमा
goswami jiIMG_5381ब्यावर। वृंदावन के राधारमण दुलारे श्रीमन् माधव गौड़ेश्वर वैष्णवाचार्य पुण्डरीक गोस्वामीजी महाराज ने कहा कि श्रीराम का आश्रय लिए बिना भारत का पुरूषार्थ नहीं जाग सकता। राम भारत का अभिवादन है। सार रूप में भारत ही राम है। वे रविवार को मोतीमहल गार्डन में आयोजित रसमयी रामकथा में सम्मिलित होने ब्यावर पधारे थे।
कथा में बतौर अतिथि विचार रखते हुए गोस्वामीजी ने कहा कि धर्म की स्थिरता के लिए राम नाम जरूरी है। राम भारतवर्ष का प्राण है। राम की यात्रा धर्म, सत्य, दया, प्रेम, स्नेह की यात्रा है। राम श्रेष्ठ जीवन का रोल मॉडल है। राम के बिना किसी का जन्म और मृत्यु संभव नहीं है। राम का वनवास सत्य, त्याग, धर्म व जीवन जीने की कला सिखाता है। रामकथा श्रवण कंठाहार में मुक्ताहार की मणि जुडऩे जैसा है। उन्होंने कहा कि राम धर्म स्वरूप है और कृष्ण आनंद स्वरूप है। राम नाम की कृष्ण प्रेम से व्याख्या करते हुए समझाया कि राम यानि राधा और मधुसूदन। उन्होंने कहा कि जिसका मन, कर्म, वचन एक जैसा हो वही महात्मा है। सिर्फ भेष बदलने से महात्मा नहीं बना जाता।
गोवत्स राधाकृष्ण महाराज ने मानस रथ पर प्रवचन देते हुए कहा कि गुरु-शिष्य दोनों आध्यात्म रथ के पहिये हैं। जीवन का कल्याण करने के लिए श्रेष्ठ गुरु का सानिध्य करें। गुरु के संदेशों-नियमों का पालन करें। समाज में प्रतिष्ठा बढ़ाने के लिए गुरु ना बनाएं। उन्होंने कहा कि सदाचार जीवन रूपी रथ की ध्वजा है। सदाचार गुरु से ही प्राप्त होता है। सद्गुरु, सत्संग व श्रेष्ठ संगत से सदाचार बढ़ता है। सदाचार से ही जीवन की शोभा होती है। आलस्य जिंदा कब्र के समान है। आलस्य जीवन का शत्रु है। कथावाचक ने राम की बाल लीलाओं के प्रसंग सुनाते हुए कहा कि राम नाम तीनों लोकों को सुख देने वाला है। राम नाम से सारी थकान दूर हो जाती है। राम नाम की दवाई सारे रोगों से मुक्त कर देती है। महाराज ने कहा कि जिससे प्रेम करो, उसे खुश रखो। खुद की खुशी से ज्यादा दूसरों की खुशी का ख्याल करो। राजा दशरथ के दरबार बाजा बाज रिया.., दशरथजी के चारों लाल हमें तो बड़े मीठे लगे.. भजन गाए तो श्रोता झूम उठे।
कथा से पूर्व पं.मुकुंदशरण दाधीच, एएसपी भोलाराम यादव, सीआई सतेंद्र नेगी, नवल मुरारका, बुधराज शर्मा, अमित सारस्वत, शिल्पा जोशी, ओमप्रकाश गर्ग, एससी माहेश्वरी, अशोक पसारी, यादवेंद्र गौड़, कमल गर्ग, हरविलास झंवर, विजय मोहता, दिनेश गुप्ता, भगवती अग्रवाल ने महाराजश्री का स्वागत कर आशीर्वाद लिया। कथा में स्नेहलता मंगल, वीरेंद्र यादव, अविनाश गर्ग, सुनील जैथल्या, विजय तंवर, सुशील सिंहल, माणक डाणी, रोहित पारीक, मोनू अरोड़ा, दयाप्रकाश अग्रवाल, नटवर अरोड़ा, गोपाल वर्मा, गजानंद गहलोत, कौशल्या फतेहपुरिया, मनीषा गर्ग सहित सैंकड़ों श्रोताओं ने धर्मलाभ लिया। मीडिया प्रभारी सुमित सारस्वत ने बताया कि सोमवार को कथा में भगवान राम का विवाह उत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा। उत्सव के लिए मंच की सजावट विवाह मंडप की तरह की जाएगी।

समाज का ‘सॉल्यूशन’ बनो
राधाकृष्ण महाराज ने कहा कि समाज में कुछ व्यक्ति ऐसे होते हैं जिनके पास हर समस्या का समाधान होता है। लोग भी समस्या से संबंधित स्थान पर शिकायत करने की बजाय उस व्यक्ति से ही संपर्क करके समाधान पूछते हैं। वह व्यक्ति समाधान भी ठीक बताता है। ऐसा इसलिए संभव होता है क्योंकि वह व्यक्ति सकारात्मक सोचता है। आप भी सदैव सकारात्मक सोचो और समाज का ‘सॉल्यूशन’ बनो।

पाप करने से रोकें
गोवत्स ने कहा कि पापी पेट के लिए लोग अपराध करते हैं। ऐसे लोगों को पाप करने से रोकें। यदि विवाह समारोह में कोई अनिमंत्रित व्यक्ति भूख से व्याकुल होकर भोजन करने आ जाए तो उस दुत्कारें नहीं। बचा हुआ खाना नालियों में फेंकने से बेहतर है भूखे व्यक्ति को प्रेम से भोजन करवाएं। ऐसा करने से वो व्यक्ति अपराधों के प्रति आकर्षित नहीं होगा।

ब्यावर में सावधान रहो
गोस्वामीजी ने कहा कि ब्यावर बी अवेयर से मिलकर बना है। इसका मतलब यहां सावधान रहना है। ब्यावर की तरह रामकथा भी इंसान को सावधान रहना सीखाती है।

जनरेटर की आवाज पर..
गोस्वामीजी ने उदबोधन के दौरान व्यंग्य करते हुए कि कुछ लोगों को जो करने की मन में आती है वो करके छोड़ते हैं। अगर नाचना हो तो जनरेटर की आवाज पर भी नाच लेते हैं। उनके इस व्यंग्य पर श्रोताओं ने खूब ठहाके लगाए

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