वित्तीय हानि में कमी होगी, बिजली चोरी पर लगेगा अंकुश
अजमेर, 12 जुलाई। ग्रामीण क्षेत्रों में समग्र तकनीकी एवं वाणिज्यिक हानि को कम करने एवं अच्छी गुणवत्ता की बिजली आपूर्ति के लिए 11 केवी फीडर को सब से छोटी इकाई मानकर उस पर प्रभावी सुधार कार्य किया जाएगा। इसके लिए हानि कम करने की कार्य योजना के तहत फीडर पर किए जाने वाले प्रमुख तकनीकी कार्यों का निर्धारण कर अभियन्ताओं को भेज दिया गया है।
विद्युत वितरण निगमों के अध्यक्ष श्रीमत् पाण्डेय ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित 11 केवी. फीडरों पर किए जाने वाले तकनीकी सुधार एवं बिजली चोरी रोकने के लिए प्रभावी सतर्कता जांच की कार्यवाही से डिस्काॅम के समग्र तकनीकी एवं वाणिज्यिक हानियों को निर्धारित लक्ष्य के अनुरुप कम किया जा सकेगा। इसके लिए फीडर इंचार्ज से लेकर सम्भागीय मुख्य अभियन्ता स्तर तक अधिकारियों की जिम्मेदारी तय कर दी है।
ग्रामीण क्षेत्रों में सर्वाधिक छीजत वाले फीडरों पर तकनीकी सुधार का कार्य प्राथमिकता से पहले चरण में किया जाएगा और उन फीडरों पर तकनीकी रूप से क्या कार्य किए जाने है, उसकी पहचान कर उसमें प्रयुक्त होने वाले सामान की पर्याप्त व्यवस्था की जा रही है जिससे लक्ष्य के अनुसार प्रथम चरण के लिए चिन्हित फीडरों पर सुधार का कार्य दिसम्बर, 2016 तक पूरा किया जा सके। इसके साथ ही द्वितीय एवं तृतीय चरण में सुधार के लिए चिन्हित किए गए फीडरों पर प्रभावी विजिलेंस जांच की कार्यवाही भी जारी रहेगी। फीडरों पर तकनीकी सुधार के लिए आवष्यक सामान की सूचना भेजने के लिए सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दे दिए गए है, ताकि समय पर आवश्यक सामान उपलब्ध करवाया जाना सुनिश्चित किया जा सके।
तकनीकी रूप से फीडर इम्प्रूवमेन्ट के लिए किए जाने वाले प्रमुख कार्य
o क्षतिग्रस्त वैल्डिंग वाले ट्रासफार्मरों को मीटर व बाॅक्स सहित सुधार कर बदलना, फीडर क्षेत्रा के खराब मीटरों को बदलना, कृषि कनेक्शन के 3 फेस के ट्रांसफार्मरों के स्थान पर उन्नत ट्रांसफार्मर स्थापित करना, सही साईज की एमसीसीबी, एलपीआर मीटर लगाना।
o एमससीसीबी रहित एवं क्षतिग्रस्त वैल्डिंग के सिंगल फेज ट्रांसफार्मर कोे एमससीसीबी सहित वैल्डिंग कर बदलना।
o स्व-वित योजना एवं जनता जल योजना में सिंगल फेज ट्रांसफार्मरों पर मीटर लगाना। 3 फेज ट्रांसफार्मरों पर स्थापित जीओ एवं डीओ को हटाकर इन्सूलेटेड केबल से जम्परिंग करना। सिंगल फेज ट्रांसफार्मरों पर अर्थिंग करना एवं पोल की ऊंचाई पर सिंगल फेज ट्रांसफार्मर स्थापित करना।
o 11 केवी लाईन पर बुशिंग से जुडे़ हुए जम्पर्स पर एम-सील लगाना एवं 11 केवी फीडरों के मध्य उचित जगह पर जीओ स्थापित करना, जिससे कि आवश्यकतानुसार शटडाउन लेने पर पूरे फीडर की बिजली बन्द न रहे।
o खराब एबी केबल को बदलना एवं एबीसी केबल में सर्विस लाईन के जोड़ पर एम-सील लगाना एवं लटकी हुई या ढीली एबी केबल व सर्विस लाईन को कसना एवं सर्विस लाईन को आर्मड केबल से बदलना।
o सिंगल फेज ट्रांसफार्मरों के सम्बन्धित सही भार का आंकलन कर उचित क्षमता का ट्रांसफार्मर लगाना। आबादी क्षेत्रों एवं ढाणियों में लम्बित घरेलू कनेक्शनों को जारी करना।
o सर्विस लाईन के जारी किए जाने वाले कनेक्शनों को कनेक्टर्स के माध्यम से जारी किया जाना सुनिश्चित करना।
o फीडर पर पाॅवर फैक्टर की जांच करना एवं यदि यह 0.95 से कम हो तो उसमंे सुधार की कार्यवाही करना। फीडर के अंतिम छोर पर वोल्टेज रेग्यूलेशन की जांच करना एवं कम होने पर आवश्यक कार्यवाही करना। फीडर पर अधिकतम करंट की जांच व कण्डक्टर की करंट क्षमता को देखते हुए उचित योजना तैयार करना।
o कृषि उपभोक्ताओं के स्थापित भार का सर्वे कर भार की जांच करना। एक ही फीडर पर यदि घरेलू भार कृषि से बहुत अधिक है तो घरेलू भार को अलग करने के लिए पृथक फीडर की व्यवस्था करना।
o इसके साथ ही फीडर इंचार्ज द्वारा फीडर के इम्प्रूवमेन्ट एवं हानि कम करने के लिए दिए गए अन्य सुझाव पर भी उचित कार्यवाही की जाएगी।
ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित फीडरों पर तकनीकी सुधार से हानि का स्तर 15 प्रतिशत के स्तर पर आने के बाद भी प्रभावी विजिलेंस जांच कार्यवाही की जाएगी, ताकि उन फीडरों पर हानि का स्तर दुबारा नहीं बढ़े। दिसम्बर, 2017 तक 11 केवी फीडरों पर तीन चरणों में तकनीकी सुधार कार्य पूर्ण कर व प्रभावी विजिलेंस जांच की कार्यवाही से वर्ष 2018 तक विद्युत छीजत के स्तर को 15 प्रतिशत तक लाया जाना संभव हो सकेगा।