ब्यावर, 12 जुलाई। गोवत्स राधाकृष्ण महाराज ने कहा कि मानसिकता पर नियंत्रण रखते हुए समय पर उचित निर्णय लेने का गुण विवेक है। मानसिकता पर नियंत्रण के लिए विचारों पर नियंत्रण रखना जरूरी है। विवेक की प्राप्ति सत्संग से होती है। वे मोतीमहल गार्डन में आयोजित रसमयी रामकथा में मानस रथ पर प्रवचन दे रहे थे।
कथावाचक ने बिनु सत्संग विवेक न होई.. श्लोक से समझाया कि विवेकी बनने के लिए सत्संग जरूरी है। विवेक रथ पर सवार होकर ही सफलता की मंजिल तक पहुंचा जा सकता है। विवेकी बनने के लिए शब्द, रूप, गंध, स्पर्श इंद्रियों को नियंत्रण में रखें। इंद्रियों के लिए आचार संहिता बनाएं। उन्होंने कहा कि जीवन की प्रगति के लिए आत्मविश्वास नहीं, विवेक बढ़ाएं। महाराज ने दहेज प्रथा का विरोध करते हुए कहा कि विवाह में धन का व्यवहार नहीं करें। विवाह संबंधों में धन का व्यवहार खत्म होगा तो वैवाहिक परेशानियां नहीं आएगी। पिता अपनी बेटी को दहेज नहीं, दिल दे। ससुराल में बहू को बेटी की तरह समझा जाए। समधियों में आपसी प्रेम व्यवहार हो। मीडिया प्रभारी सुमित सारस्वत ने बताया कि कथा से पूर्व पं.मुकुंदशरण दाधीच, मनीष अग्रवाल, कैलाश बंसल, नरेंद्र पारीक, सतीश सर्राफ, मंजू यादव, गीता अरोड़ा, शिवप्रसाद सर्राफ, पी.डी.फतेहपुरिया, निर्मल मेहता, लक्ष्मीचंद भंसाली, राजकुमार अग्रवाल ने महाराज का स्वागत कर आशीर्वाद लिया।
अलौकिक हैं जगन्नाथ महाप्रभु
महाराज ने कहा कि जगन्नाथ महाप्रभु अलौकिक हैं। भक्तों पर विशेष कृपा करते हैं। संसार के सारे ग्रह-नक्षत्र का संचालन जगन्नाथजी के नेत्रों से होता है। इनकी पूजा से ग्रह-दोष दूर होते हैं। जीवन में प्रसन्नता आती है।
चौपाइयां गाकर किया संकीर्तन
कथास्थल पर रात्रि में संगीतमय सुंदरकांड पाठ का आयोजन किया गया। गोवत्स राधाकृष्ण महाराज के सानिध्य में हुए पाठ में सैंकड़ों भक्त शामिल हुए। भक्तों ने रामायण की चौपाइयां गाते हुए संकीर्तन किया। मंगल भवन अमंगल हारी.., सीताराम हनुमान.. की धुन पर भक्त मंत्रमुग्ध होकर झूम उठे।
शास्त्रीय संगीत संध्या आज
बुधवार को कथास्थल पर शास्त्रीय संगीत संध्या व महासंकीर्तन का आयोजन होगा। इसमें अजमेर के गायक आनंद वैद्य व ब्यावर के गायक गोपाल वर्मा भजनों की प्रस्तुति देंगे। कार्यक्रम सायं 6 बजे से रात्रि 10 बजे तक होगा।