डिस्काॅम के अधिशाषी अभियन्ताओं के उत्तरदायित्व में बढ़ोतरी

डिवीजन में सर्तकता जांच से लेकर बकाया वसूली के लिए होंगे जिम्मेदार
avvnl thumbअजमेर, 13 जुलाई। प्रदेश के तीनों विद्युत वितरण निगमों में वित्तीय हानि कम करने का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए अधिशाषी अभियन्ताओं को अधिक प्रभावशाली बनाया गया है। राज्य सरकार के सभी तकनीकी विभागों में अधिशाषी अभियन्ता ही खण्ड स्तर तक के सभी कार्याें के लिए जिम्मेदार होते है इसी आधार पर विद्युत वितरण निगमों में भी इन अभियन्ताओं को अधिक दायित्व सौपे गये है।
राजस्थान राज्य विद्युत वितरण प्रबन्धन उत्तरदायित्व कानून में वित्तीय हानि हर साल कम करने का प्रावधान पहले से ही किया हुआ है और अब उदय योजना को लागू करने के लिए राज्य सरकार के साथ हुए एमओयू में भी तय कर दिया गया है कि तीनों विद्युत वितरण निगमों में वित्तीय हानि 15 प्रतिशत पर लाई जाएगी। इन दोनों के प्रावधान लागू होने के बाद यह आवश्यक हो गया है कि वित्तीय हानि कम करने के लिए अधिशाषी अभियन्ताओं को सीधे तौर पर जिम्मेदार बनाया जाए।
विद्युत वितरण निगमों के अध्यक्ष श्रीमत पाण्डेय ने बताया कि राज्य के सभी नगर पालिका क्षेत्रों में छीजत 15 प्रतिशत लाने का लक्ष्य निर्धारित किया है इसके साथ ही सभी औद्योगिक क्षेत्रों में विद्युत हानि का स्तर 2 प्रतिशत लाने के लिए वित्तीय हानि कम करने के प्रभावी कदम उठाना आवश्यक हो गया है और इस कार्य में सभी अधिशाषी अभियन्ताओं को अपने क्षेत्रा में प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिये गए है।
डिस्काॅम अध्यक्ष ने बताया कि अधिशाषी अभियन्ता का यह प्रमुख दायित्व होगा कि वह निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए शहरी और औद्योगिक क्षेत्रों में सघन सर्तकता अभियान चलाए और यथासंभव तकनीकी सुधार के कदम उठाऐ। अधिशाषी अभियन्ता शहरी और औद्योगिक क्षेत्रों में वितरण ट्रांसफार्मर और फीडर वार एंनर्जी आॅडिट के कार्य के लिए भी जिम्मेदार होंगे।
विद्युत वितरण निगम प्रशासन ने अधिशाषी अभियन्ता ओएण्डएम का पदनाम बदल कर अब अधिशाषी अभियन्ता ओएण्डवी कर दिया है उनका यह दायित्व होगा कि वे अपने क्षेत्रा में महीने में एक बार सहायक अभियन्ता कार्यालय का निरीक्षण करेंगे और ब्लाॅक आवर सप्लाई की व्यवस्था की निगरानी करेंगे।
सभी अधिशाषी अभियन्ताओं को सब डिवीजन आॅफिस, जेईन और फीडर इचार्ज के कार्य की निगरानी रखनी होगी। जिससे यह पता लग सके कि वे अपना कर्तव्य निर्धारित मापदण्डों के अनुसार कर रहे है या नही। अधिशाषी अभियन्ता सब डिवीजन के अधिकारियों की और से भरी जाने वाली वीसीआर पर भी निगरानी रखेंगे। अधिशाषी अभियन्ता अपने क्षेत्रा में 50 हजार से एक लाख रूपये तक की बकाया की वसूली के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार होंगे।
मंगलवार को इस संबंध में जारी आदेश में स्पष्ट किया गया है कि अधिशाषी अभियन्ता विजिलेंस एवं दुर्घटना से संबंधित मामलों की जांच के लिए उत्तरदायी होंगे। उन्हें महीनें में एक बार कम से कम एक विद्युत चैपाल और फीडर मेंनेजमेंट कमेटी की बैठक में भाग लेना होगा। सभी अधिशाषी अभियन्ता डिवीजन स्तर की उपभोक्ता शिकायत निवारण फोरम आदि का कार्य यथावत करते रहेंगे।
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11 केवी की 485 किलोमीटर विद्युत लाईन बिछाई
अजमेर, 13 जुलाई। अजमेर विद्युत वितरण निगम लि. ने चालू वित्तीय वर्ष के मई माह तक अपने क्षेत्राधीन जिलों में 11 केवी की 485 किलोमीटर 896 मीटर की विद्युत लाईनें बिछाकर विद्युत आपूर्ति में सुधार किया गया है।
निगम के प्रबंध निदेशक श्री डी. के. शर्मा ने बताया कि मई माह तक उदयपुर सर्किल में 195 किलोमीटर 500 मीटर 11 केवी की विद्युत लाईन बिछाई गई है, जबकि अजमेर जिला सर्किल में 23 किलोमीटर 859 मीटर, भीलवाड़ा सर्किल में 42 किलोमीटर 90 मीटर, नागौर सर्किल में 30 किलोमीटर 138 मीटर, झुंझुनूं सर्किल मे 19 किलोमीटर 267 मीटर, बांसवाड़ा सर्किल में 36 किलोमीटर 210 मीटर, सीकर सर्किल में 39 किलोमीटर 584 मीटर, चितौड़गढ़ सर्किल में 33 किलोमीटर 290 मीटर, डूंगरपुर सर्किल में 26 किलोमीटर, अजमेर शहर सर्किल में 16 किलोमीटर 353 मीटर तथा राजसमन्द सर्किल में 23 किलोमीटर 610 मीटर विद्युत लाईन बिछाई गई है।

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