बाल अधिकारों के प्रति जागरूकता आवश्यक – मनन चतुर्वेदी

राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष श्रीमती चतुर्वेदी ने
ब्यावर में बालक गृह, बालिका गृह, दिव्यांग गृह एवं ओपन शैल्टर को आवश्यक बताया

beawar samacharब्यावर, 16 जुलाई। राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष श्रीमती मनन चतुर्वेदी ने कहा कि परिवार, समाज एवं समुदाय में बाल अधिकारों के संरक्षण के लिए जागरूकता होना आवश्यक है जिससे बालश्रम, किशोरापराध, मानव तस्करी, बालकों में नशे की प्रवृत्ति, भिक्षा प्रवृत्ति, बालक-बालिकाओं पर अत्याचार व देहशोषण आदि सामाजिक बुराइयों पर रोकथाम लगायी जा सकें।
चतुर्वेदी आज डाक बंगला ब्यावर में बाल अधिकारों के हनन के मुद्दों व शिकायतांे के संबंध में अधिकारियों, सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों को सम्बोधित कर रही थी। उन्होंने कहा कि समाज के सर्वांगीण विकास के लिए आवश्यक है कि बाल अधिकारों के हनन पर रोक लगाकर भावी पीढ़ी को समाज में प्रगति के सुलभ अवसर प्रदान किये जाएं। साथ ही उन्होंने कहा कि व्यक्ति के विकास की प्राथमिक कड़ी परिवार है अतः परिवार में माता-पिता को बाल अधिकारों के प्रति जागरूक होकर बच्चों को संस्कारित शिक्षा देकर अपने दायित्व का निर्वहन करना चाहिए।
ब्यावर में बालक गृह, बालिका गृह, दिव्यांग गृह एवं ओपन शैल्टर को आवश्यक
चतुर्वेदी ने ब्यावर में बालक गृह, बालिका गृह, दिव्यांग गृह एवं ओपन शैल्टर ना होने पर असंतोष व्यक्त करते हुए कहा कि बाल अधिकारोंमती के संरक्षण के लिए ब्यावर में बालक गृह, बालिका गृह, दिव्यांग गृह एवं ओपन शैल्टर शीघ्रातिशीघ्र स्थापित किये जाने चाहिए जिससे बालक-बालिकाओं को किसी अप्रिय स्थिति में मेडिकल, परामर्श व अन्य सहायता त्वरित गति से ब्यावर में प्रदान की जा सके। उल्लेखनीय है कि वर्तमान में किशोरापराध व बालअधिकारों के हनन आदि से संबंधित मामलों में पुलिस को बालक-बालिका को अजमेर स्थित ओपन शैल्टर, बालसुधार गृह, बालक एवं बालिका गृह ले जाना पड़ता है। उन्होंने कहा कि इस कार्य में ब्यावर की सामाजिक संस्थाओं लाॅयन्स क्लब, जैन सोश्यल आदि संस्थाओं का सहयोग लिया जा सकता है, जिस पर सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने सहमति व्यक्त करते हुए प्रपोजल प्रस्तुत करने की बात कही।
वृद्ध भी बच्चों के समान
राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष श्रीमती चतुर्वेदी ने कहा कि वृद्ध भी बच्चों के समान ही होते हैं अतः उनके कार्यक्षेत्रा में ना होने के बावजूद वे चाहती हैं कि ब्यावर के वृद्धाश्रम के भवन को खाली ना कराया जाएं। उन्होंने तहसीलदार योगेश अग्रवाल से वृद्धाश्रम में वृद्ध महिला व पुरूषों के बारे में जानकारी लेते हुए उन्हें उचित सहायता दिलवाने की बात कही। जिस पर तहसीलदार अग्रवाल ने बताया कि ब्यावर में वृद्धाश्रम नगरपरिषद के भवन में लम्बे अरसे से चला आ रहा है जिसमें लगभग 33 वृद्ध महिला-पुरूष रह रहे हैं। नगरपरिषद द्वारा लीज अवधि समाप्त होने के कारण उक्त भवन को खाली करने का नोटिस दिया गया है। जिस पर श्रीमती चतुर्वेदी ने उक्त वृद्धाश्रम का अवलोकन करने की बात कहते हुए वृद्धाश्रम भवन खाली न करवाने हेतु नगरपरिषद व आमजन के सहयोग को कहा।
अधिकारियों से की चर्चा
राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष श्रीमती चतुर्वेदी ने डाक बंगला में अधिकारियों से चर्चा करते हुए ब्यावर में कच्ची बस्ती क्षेत्रा, जूते पाॅलिश करने वाले बच्चे, बच्चों में नशे की लत, किशोरापराध, पाॅस्को एक्ट के मामले, मानव तस्करी, परामर्श केन्द्र, चाईल्ड लाईन आदि के संबंध में विस्तृत जानकारी लेते हुए ब्यावर में बालक-बालिका गृह, दिव्यांग गृह, ओपन शैल्टर, परामर्श केन्द्र आदि की स्वयंसेवी संस्थाओं के सहयोग से शीघ्र स्थापना करने हेतु कार्य करने के निर्देश दिए। जिस पर तहसीलदार श्री अग्रवाल ने बताया कि ब्यावर में बालक-बालिका गृह, सामाजिक न्याय व आधिकारिता विभाग के राजकीय छात्रावास में स्थापित किया जा सकता है। जिस पर सामाजिक न्याय व आधिकारिता विभाग की उपनिदेशक श्रीमती विजयलक्ष्मी गौड़ ने बताया कि ब्यावर में छात्रावास में रिटायर्ड अधीक्षक कार्यरत है अतः उचित व्यवस्था व प्रबन्धन के लिए छात्रावास का भौतिक निरीक्षण किया जाना चाहिए। जिस पर श्रीमती मनन ने राजकीय छात्रावास एवं वृद्धाश्रम के अवलोकन की बात कही।
इससे पूर्व राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष श्रीमती मनन चतुर्वेदी के ब्यावर पहुंचने पर डाक बंगला में लाॅयन्स क्लब व अन्य स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा उनका स्वागत व अभिनन्दन किया गया। इस मौके पर ब्यावर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष ने ब्यावर में पाॅस्को एक्ट के मामलों एवं बाल अधिकारों के संरक्षण के संबंध में श्रीमती मनन को पत्रा भी प्रस्तुत किया।
इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास अधिकारी श्रीमती लीलावती, सर्किल इन्सपेक्टर यशवन्त सिंह, सूचना एवं जनसम्पर्क अधिकारी विनोद मोलपरिया, सामाजिक न्याय व आधिकारिता विभाग के अभिषेक गुजराती, स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि, गणमान्य नागरिक आदि मौजूद रहे

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