उन्होंने कहा कि विभिन्न विभागों द्वारा किए गए कार्यों की प्रभावी मॉनिटरिंग एवं समीक्षा के लिए समस्त विभागों को 10 बिन्दूओं की सूचना तैयार करनी होगी। इसके आधार पर विभागीय कार्यों का स्तर निर्धारित किया जाएगा। इससे विभाग से जुड़े प्रत्येक बिन्दू पर चर्चा करके माईक्रो मॉनिटरिंग की जा सकेगी। निर्धारित प्रपत्रा में विभागीय योजनाओं के नाम, योजनाओं के निर्धारित लक्ष्य, पूर्ण किए गए लक्ष्य, अवशेष लक्ष्य, अवशेष रहने के कारण, किए गए विभागीय प्रयास, अन्तर्राविभागीय समन्वय से संबंधित मुद्दे एवं संबंधित विभाग के 10 बिन्दू शामिल किए गए है।
बैठक में स्क्रब टाइफस के बारे में चर्चा की गई। चर्चा के दौरान उप मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ लाल थदानी ने अवगत कराया कि स्क्रब टाइफस पस्सुओं के काटने से होने वाली बीमारी है। इसमें भी डगू की तरह प्लेटलेट्स की संख्या घटने लगती है। यह खुद तो संक्रामक नह° है। फिर भी इसकी वजह से शरीर के कई अंगों म संक्रमण फैलने लगता है। पिस्सू के काटते ही उसके लार म मौजूद एक खतरनाक जीवाणु रिक्टशिया सुसुगामुशी मनुष्य के रक्त म फैल जाता है। इसकी वजह से लिवर, दिमाग व फेफड़ों म कई तरह के संक्रमण होने लगते हो और मरीज मल्टी ऑर्गन डिसऑर्डर के स्टेज म पहुंच जाता है। ये पिस्सू पहाड़ी इलाके, जंगल और खेतों के आस-पास ज्यादा पाए जाते हो। उन्होंने अवगत कराया कि पिस्सू के काटने के दो हफ्ते के अंदर मरीज को तेज बुखार, सिरदर्द, खांसी, मांसपेशियों म दर्द व शरीर म कमजोरी आने लगती है। पिस्सू के काटने वाली जगह पर फफोलेनुमा काली पपड़ी जैसा निशान दिखता है। इन लक्षणों एवं पिस्सू द्वारा काटने के निशान को देखकर रोग की पहचान होती है। ब्लड टेस्ट के जरिए सीबीसी काउंट व लिवर फंक्शनिंग टेस्ट करते हो। एलाइजा टेस्ट व इम्युनोफ्लोरेसस टेस्ट से स्क्रब टाइफस एंटीबॉडीज का पता लगाते हो। इसके लिए 7-14 दिनों तक डॉक्सीसाइक्लिन दवा का र्कोस चलता है। इस दौरान मरीज कम तला-भुना व लिक्विड डाइट ल। कमजोर इम्युनिटी या जिन लोगों के घर के आसपास यह बीमारी फैली हुई है उन्ह डॉक्टर हफ्ते म एक बार प्रिवटिव दवा भी देते हो।
श्री किशोर कुमार ने स्क्रब टाइफस के बारे में सावधानी बरतने के निर्देश प्रदान करते हुए कहा कि प्रत्येक संदिग्ध मरीज का एलाइजा टेस्ट करवाया जाए तथा स्क्रब टाइफस किट के माध्यम से राहत पहुंचाया जाना सुनिश्चित किया जाए। जिले में मच्छर प्रभावित क्षेत्रों में फोगिंग करने के निर्देश भी प्रदान किए गए।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्रा जल स्वावलम्बन अभियान के प्रथम चरण के अन्तर्गत बनाई गई संरचनाओं में पर्याप्त पानी आ जाने के पश्चात उससे आसपास की पारिस्थितिकी में आए सकारात्मक बदलाव को एक पुस्तिका के माध्यम से जानकारी प्रदान की जाए। अभियान के द्वितीय चरण में 44 ग्राम पंचायतों के 108 गांवों में जल संरक्षण के कार्यों को योजनाबद्ध तरीके से पूर्ण किया जाए।
इस अवसर पर जिला परिषद के मुख्यकार्यकारी अधिकारी कमलराम मीना, पुलिस विभाग के श्री अवनीश कुमार, अजमेर विद्युत वितरण निगम के अधीक्षण अभियंता श्री जे.आर.छाबा, सहित समस्त विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।