अजमेर- 12 सितम्बर – उदासीनाचार्य भगवान् श्री श्रीचन्द्र जी का 522वां प्राकट्य महोत्सव पर श्रीचन्द्र मन्दिर, सिन्धुपति महाराजा दाहरसेन स्मारक, हरिभाउ उपाध्याय नगर पर धार्मिक आयोजन व सन्तों के प्रवचन हुए।
समारोह में हरिशेवा धाम सनातन मन्दिर भीलवाडा से महामंडलेश्वर स्वामी हंसराम जी, ईश्वर मनोहर उदासीन आश्रम के महन्त स्वरूपदास, पुष्कर श्री शांतानद आश्रम के हनुमानराम, भीलवाडा से महन्त गणेशदास के साथ अजमेर के स्वामी आत्मदास जी, महन्त रामदास, स्वामी ईसरदास, स्वामी किशनलाल, भाई फतनदास सहित पधारे संतो के प्रवचन व आर्शीवचन दिये।
इस अवसर पर महामण्डलेश्वर स्वामी हंसराम जी ने ‘‘चेतोह नगरी तारो गांव, अलख पुरूष का स्मरों नाम, सनातन धर्म की अलख भगवान श्रीचन्द्र गांव-गांव, नगरी-नगरी नाम का चेतन जगाया, जगह-जगह चार धूपिया चेतन किया। हिंगलाज माता के कहां भी धूणी है। साथ ही यह स्मारक पहला स्थान है जहां हिंगलाज माता व धूणी है। भगवान श्रीचन्द्र व धूणी की सेवा सभी ने की। भारत वर्ष के श्री पंचायती बड़ा अखाड़ा भी यहां आ चुका है।
इस अवसर पर मात्रा साहिब का पाठ, हिंगलाज माता पूजा, आरती कर प्रसाद वितरण किया गया। पुजा अर्चना ताराचन्द राजपुरोहित और लक्ष्मणदास दौलतानी ने करवाई।
राष्ट्रीय महामंत्री महन्त श्यामदास ने बताया कि इस अवसर पर भजन संध्या में रीवा मध्यप्रदेश के संत हंसदास व संत सरूपदास ने अपनी संगीतमय प्रस्तुति दी।
मंच संचालन महेन्द्र कुमार तीर्थानी और स्वागत भाषण कंवल प्रकाश किशनानी ने किया। अंत में सभी का आभार महंत स्वरूपदास जी ने दिया।
इस अवसर पर दरबार सेवाधारी शंकर सबनानी, प्रकाश जेठरा, राधाकिशन आहूजा, रमेश मेघाणी, महेश सावलानी, खेमचन्द नारवानी, पार्षद मोहन लालवानी, तुलसी सोनी, अजमेर सिंधी सेंट्रल पंचायत के अध्यक्ष नरेन शाहनी भगत, वासदेव सोनी, महेश टेकचन्दानी, मनीष रवालानी आदि उपस्थित थे।
