पीसीपीएनडीटी अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए मुखबिर योजना

beawar-samacharब्यावर, 16 सितम्बर। पीसीपीएनडीटी अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन एवं समाज मंे लिंग परीक्षण करने, कराने वाले व्यक्तियों के विरूद्ध जनसूचना के आधार पर दण्ड देने का प्रावधान है, जिसे मुखबिर योजना के माध्यम से क्रियान्वित किया जा रहा है।
जिला समन्वयक पीसीपीएनडीटी ओमप्रकाश टेपन ने बताया कि प्रदेश में पीसीपीएनडीटी अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए मुखबिर योजना प्रारम्भ की गई है। चिकित्सक को तकनीक के दुरूपयोग को रोकने के लिए गोपनीय रूप से सूचना, जनता से प्राप्त करना आवश्यक है तथा ऐसी सूचना प्रदान करने के लिए आमजन को अभिप्रेरित करना भी आवश्यक है। इस योजना के द्वारा लिंग-परीक्षण के दोषी व्यक्तियों तक विभाग की पहुंच को सुनिश्चित करते हुए उन्हें कानून के दायरे में लाया जा सकता है। समाज में यह संदेश दिया जा सकता है कि लिंग-परीक्षण करने, कराने वाले व्यक्तियों के विरूद्ध जन सूचना के आधार पर उन्हें दण्डित किया जा सकता है। इसके लिए लिंग परीक्षण करने वाले व्यक्ति, चिकित्सक की सूचना विभाग को देने वाले व्यक्ति का नाम गुप्त रखते हुए उसके विभाग द्वारा पुरूस्कार प्रदान किया जाता है।
पुरस्कार राशि 2 लाख रूपये
मुखबिर के रूप में लिंग-परीक्षण की सूचना देने वाले व्यक्ति को लिंग-परीक्षण की शिकायत सत्य पाये जाने एवं सफल डिकाॅय कार्यवाही की जाने पर मुखबिर को 26 हजार 600 रूपये, गर्भवती महिला को 26 हजार 600, गर्भवती महिला के सहयोगी को 13 हजार 300 रूपये की राशि प्रथम किश्त के रूप में दी जाएगी। इसके बाद न्यायालय में बयान के दौरान डिकाॅय आॅपरेशन की स्पष्ट पुष्टि करने के पश्चात् मुखबिर को 26 हजार 600 रूपये, गर्भवती महिला को 26 हजार 600 रूपये, गर्भवती महिला के सहयोगी को 13 हजार 300 रूपये की राशि द्वितीय किश्त के रूप में दी जाएगी। इसी क्रम में न्यायालय के निर्णय के पश्चात् मुखबिर को 26 हजार 800 रूपये, गर्भवती महिला को 26 हजार 800 रूपये, गर्भवती महिला के सहयोगी को 13 हजार 400 रूपये की राशि तृतीय किश्त के रूप में दी जाएगी। इस प्रकार कुल 2 लाख रूपये की राशि पुरूस्कार स्वरूप दी जाएगी।
मुखबिर योजना के तहत सूचना
मुखबिर योजना के तहत राज्य स्तर पर अध्यक्ष, राज्य समुचित पीसीपीएनडीटी एवं विशिष्ट सचिव, राज्य नोडल अधिकारी पीसीपीएनडीटी एवं निदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं तथा उपनिदेशक एवं प्रभारी राज्य पीसीपीएनडीटी प्रकोष्ठ चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं जयपुर व राज्य समुचित प्राधिकारी जयपुर को सूचना दी जा सकती है। इसी प्रकार जिला स्तर पर जिला समुचित प्राधिकारी पीसीपीएनडीटी एवं जिला कलक्टर, जिला नोडल अधिकारी पीसीपीएनडीटी एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को सूचित किया जा सकता है। उपखण्ड स्तर पर संबंधित उपखण्ड समुचित प्राधिकारी पीसीपीएनडीटी को सूचना दी जा सकती है।
रेड अलर्ट
पीसीपीएनडीटी अधिनियम के तहत पंजीकृत संस्थानों में कार्यरत चिकित्सक पर किसी व्यक्ति, महिला, परिवारजन द्वारा लिंग-जांच हेतु दबाव डाला जाता है तो उक्त चिकित्सक उस महिला की सोनोग्राफी के दौरान भरे जाने वाले आॅनलाईन फार्म – एफ पर रेडअलर्ट का बटन क्लिक कर सकता है। इसके बाद संबंधित उपखण्ड समुचित प्राधिकारी द्वारा गोपनीय रूप से उस महिला की डिलीवरी होने तक ट्रेकिंग की जाती है।
टोल फ्री नम्बर – 104
हेल्पलाईन नम्बर 104 टोल फ्री पर किसी भी व्यक्ति द्वारा पीसीपीएनडीटी एक्ट के उल्लंघन अथवा कन्या भ्रूण से संबंधित शिकायत दर्ज करवायी जा सकती है तथा उपखण्ड समुचित प्राधिकारी को भी शिकायत दर्ज करायी जा सकती है। इसके अतिरिक्त जिला स्तरीय कन्ट्रोल रूम के दूरभाष नम्बर 0145-2631111 पर भी शिकायत दर्ज करायी जा सकती है। –00–
कृषि उपज मण्डी समिति के चुनाव
कृषक प्रतिनिधियों के निर्वाचन हेतु मण्डी क्षेत्रा का 6 भागों में विभाजन
ब्यावर, 16 सितम्बर। पीसीपीएनडीटी अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन एवं समाज मंे लिंग परीक्षण करने, कराने कृषि उपज मण्डी समिति ब्यावर में मण्डी समिति के चुनाव के लिए कृषक प्रतिनिधियों के निर्वाचन हेतु मण्डी क्षेत्रा का 6 भागों में विभाजन किया गया है।
कृषि उपज मण्डी समिति सचिव महेश शर्मा ने बताया कि कार्यालय प्राधिकृत अधिकारी निर्वाचन व उपखण्ड अधिकारी ब्यावर श्री आशीष गुप्ता के द्वारा कृषि उपज मण्डी समिति के चुनाव हेतु कृषक प्रतिनिधियों के निर्वाचन के लिए मण्डी क्षेत्रा का 6 भागों में विभाजन किया गया है। उन्होंने बताया कि मण्डी क्षेत्रा ब्यावर के अधीन समस्त जवाजा पंचायत समिति की ग्राम पंचायतों एवं नगरपरिषद क्षेत्रा ब्यावर को 6 भागों में विभक्त किया गया है, इस संबंध में 28 सितम्बर 2016 तक आपत्तियां आमन्त्रिात की गई हैं।
इन 6 भागों में किया विभाजन
सचिव महेश शर्मा के अनुसार भाग संख्या-1 के अन्तर्गत ब्यावरखास, रूपनगर, नून्द्रीमेन्द्रातान, जालिया-प्रथम, दुर्गावास एवं मेड़िया शामिल है। इसी प्रकार भाग संख्या-2 में नून्द्री मालदेव, सरमालिया, देलवाड़ा ग्रामीण, बलाड, सुहावा एवं नगरपरिषद ब्यावर क्षेत्रा। भाग संख्या-3 में देवाता, सुरड़िया, सरवीना, मालपुरा (कालियावास), राजियावास, गोहाना एवं अतीतमण्ड। भाग संख्या-4 में नरबदखेड़ा, किशनपुरा (कालीकांकर), कोटड़ा, काबरा, नाईकला एवं जवाजा। भाग संख्या-5 में सूरजपुरा (लोटियाना), रावतमाल, बामनहेडा, तारागढ़, लोटियाना एवं बड़कोचरा। भाग संख्या-6 में खेड़ाकला, आसन, टाॅडगढ़, मालातों की बेर, बराखन एवं बनजारी शामिल है। –00–

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