अजमेर के लिए गर्व का विषय स्मार्ट सिटी बनना
राज्यपाल ने दी शहरवासियों को बधाई
अजमेर 21 सितम्बर। राज्यपाल श्री कल्याण सिंह ने अजमेर शहर की स्मार्ट सिटी के लिए घोषणा होने पर बधाई देते हुए कहा कि यह अजमेर के साथ-साथ राजस्थान के लिए भी गर्व तथा प्रसन्नता का विषय है और कहा कि पश्चिमी क्षेत्रा सांस्कृतिक केन्द्र के कार्यक्रम आॅक्टेव 2016 एक भारत श्रेष्ठ भारत की संकल्पना को साकार कर रहा है। इसके द्वारा आध्यात्मिक और सूफी संतों की धरती अजमेर में सांस्कृतिक समागम हो रहा है।
राज्यपाल बुधवार को सायं महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय परिसर में पश्चिम क्षेत्रा सांस्कृतिक केन्द्र द्वारा आयोजित आॅक्टेव 2016 के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भारत के पूर्वाेत्तर क्षेत्रा की सेवन सिस्टर और सिक्किम ने मिलकर आॅक्टेव का उत्सव तैयार किया है। इन राज्यों के कलाकारों, शिल्पकारों, साहित्यकारों और चित्राकारों की कला तथा सृजनशीलता से राजस्थान रूबरू हो पाएगा। इस उत्सव के माध्यम से उत्तरीपूर्वी क्षेत्रा तथा राजस्थान की लोक कला और संस्कृतियां आपस में साक्षात्कार कर पाएगी। इन आठों राज्यों की लोक कला और लोक संस्कृति का प्रसार अन्य क्षेत्रों में भी होगा। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी और युवा कार्यक्रम के द्वारा भारत की सम्पन्न सांस्कृतिक विरासत,परम्पराओं तथा लोक कलाओं के बारे में जान सकेंगे।
जयपुर हो या गोहाटी अपना देश अपनी माटी -श्री अरूण चतुर्वेदी
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्राी श्री अरूण चतुर्वेदी ने कहा कि हमारा देश विविधता में एकता जयपुर हो या गोहाटी अपना देश अपनी माटी के रूप में प्रदर्शित करता है। छात्रा संगठनों द्वारा पूर्वी राज्यों के विद्यार्थियों का जयपुर, उदयपुर तथा जोधपुर में प्रवास के कार्यक्रम बनाकर सांस्कृतिक विनिमय का प्रयास किया जाता है। उसी का वृहद रूप आॅक्टेव के रूप में सामने आया है। इससे भारत के समस्त क्षेत्रा एक दूसरे के नजदीक आएंगे। हमारी विभिन्न संस्कृतियों का मिलाप होगा। उन्होंने राज्यपाल श्री कल्याण सिंह के उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्राी रहते हुए शिक्षा के क्षेत्रा में किए गए अभिनव परिवर्तनों के बारे में भी चर्चा की। श्री चतुर्वेदी ने कहा कि राज्यपाल श्री सिंह के द्वारा विश्वविद्यालयों को सामाजिक सरोकारों के साथ जोड़ने का कार्य किया गया। इन्हीं के प्रयासों से विश्वविद्यालय ग्रामीण पृष्ठ भूमि का सर्वागींण विकास करने के लिए गांव को गोद ले रहे है।
समारोह की अध्यक्षता करते हुए महर्षि दयानन्द सरस्वती विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. कैलाश सोडानी ने कहा कि इस पांच दिवसीय आॅक्टेव कार्यक्रम के द्वारा उत्तरपूर्व के 8 राज्यों की सांस्कृतिक धरोहर से परिचय हो सकेगा। युवा पीढ़ी मुख्य धारा की संस्कृतियों से रूबरू हो पाएगी। भारत की आत्मा इसकी संस्कृति, सभ्यता और संस्कारों में बसती है। आॅक्टेव अजमेर में ऐतिहासिक विरासत तैयार करने का कार्य करेगा। भारत की सांस्कृतिक गतिविधियों का विश्व स्तर पर आदान-प्रदान करने का आॅक्टेव जैसे कार्यक्रम उचित माध्यम है। विश्वविद्यालय परिसर अनुशासनशीलता के साथ स्मार्ट बना है। अब शीघ्र ही पूरा शहर स्मार्ट, ग्रीन एवं क्लीन बनेगा। पश्चिमी क्षेत्रा सांस्कृतिक केन्द्र के माध्यम से स्थानीय कलाकारों एवं शिल्पकारों को उत्तरपूर्वी राज्यों में अपनी कला का प्रदर्शन करने के लिए भी जाने का अवसर मिलना चाहिए।
समारोह के आरंभ में पश्चिम क्षेत्रा सांस्कृतिक केन्द्र के निदेशक श्री मोहम्मद फुरकान खान ने सभी का स्वागत किया तथा बताया कि इस उत्सव में आठ राज्यों के पौने तीन सौ कलाकार व शिल्पकार, साहित्यकार आदि भाग ले रहे हैं। भारत के उत्तरपूर्व के राज्यों की कला एवं संस्कृति का प्रसार देश के अन्य हिस्सों में करने तथा वहां के कलाकारों को कला प्रस्तुति देने का अवसर प्रदान करने एवं शिल्पकारों को उनकी बनाई कलात्मक वस्तुओं के लिये बाजार उपलब्ध करवाने के ध्येय से भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय ने ‘‘आॅक्टेव’’ के आयोजन की शुरूआत वर्ष 2006 में की। पश्चिम क्षेत्रा सांस्कृतिक केन्द्र द्वारा इस आयोजन की शुरूआत 2008 में गोवा से की गई तथा केन्द्र द्वारा गोवा में मडगांव, पणजी, महाराष्ट्र में औरंगाबाद व मुंबई, गुजरात में सूरत व वडोदरा तथा राजस्थान में जोधपुर में आॅक्टेव का आयोजन किया गया। राजस्थान प्रदेश के अजमेर में इस आयोजन का दूसरा पडाव है।
यह हुई प्रस्तुतियां
कार्यक्रम में मेघालय के शाद सुक मिंसीम, वं गल्ला, त्रिपुरा के होजागिरी, मामिता, मणिपुर के स्टीक डांस चैई नौल जगोई , थांगता , लौशा, पुंग चोलम, अरूणाचल प्रदेश का थाप्पू ,गेमोम्जा, मिजोरम का बेंबू डांस चैरोव, सारलाम काई, सिक्किम का स्नोलाइन डांस, मींगीछम, भुरवा सील्ली ,नागालैण्ड का नादा तथा असम का बारडाइ सिकला एवं बिहु की शानदार एवं रंगारंग प्रस्तुतियां दी गई। इस सांस्कृतिक संगम कार्यक्रम आॅक्टेव का निर्देशन पश्चिम क्षेत्रा सांस्कृतिक केन्द्र के डाॅ. लुईस हुसैन ने किया तथा सूत्राधार विलास जानवे तथा हिना पण्डया ने किया।
राज्यपाल श्री सिंह ने पूर्वोत्तर क्षेत्रा के शिल्पकारों एवं कलाकारों द्वारा बनायी गई कलाकृतियों एवं हैण्डलूम सामग्रियों से सजे शिल्प बाजार का भी अवलोकन किया। अजमेर के नवाचार मोबाइल बुक बैक की सुविधा भी कार्यक्रम उपलब्ध करवायी गई थी। नगर निगम उपायुक्त सुश्री ज्योति ककवानी ने बताया कि पाठक कार्यक्रम के दौरान पुस्तकों को पढ़ने का भी लुत्फ उठा सकते है। यह मोबाईल बुक बैंक वैन कार्यक्रम के दौरान पूरे समय पाठकों के लिए उपलब्ध रहेगी।
इस अवसर पर जिला प्रमुख सुश्री वंदना नोगिया, विशेषाधिकारी श्री अजय शंकर पाण्डे, संभागीय आयुक्त श्री हनुमान सहाय मीना, पुलिस महानिरीक्षक श्रीमती मालिनी अग्रवाल, जिला कलक्टर श्री गौरव गोयल, पुलिस उप अधीक्षक अवनीश कुमार शर्मा एवं छात्रा संघ अध्यक्ष दीनाराम उपस्थित थे।
