छात्रों को अच्छा नागरिक बनने की भी प्रेरणा दें

BSER-Logoअजमेर 24 अक्टूबर। कोटा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.पी.के. दशोरा ने कहा है कि शिक्षक विद्यार्थियों को सिर्फ डॉक्टर, इंजीनियर और प्रबन्धक बनने की ओर ही प्रेरित नहीं करे अपितु उन्हें श्रेष्ठ नागरिक और सैनिक बनने की दिशा में झुकाव पैदा करे। देश की सिर्फ सीमा पर ही खतरा नहीं है बल्कि देश के सूचना प्रौद्योगिकी, चिकित्सा, कला और विज्ञान पर भी खतरा मण्डरा रहा है, उससे सतर्क रहना होगा।

प्रो. दशोरा सोमवार को राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के दो दिवसीय दीक्षान्त समारोह के दूसरे दिन बोर्ड परीक्षा 2012 से 2015 की विभिन्न परीक्षाओं में प्रतिभावान विद्यार्थियों को रजत पदक और वर्ष 2012 और 2013 जिला स्तर पर श्रेष्ठ रहे विद्यालयों को पुरस्कृत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अधिकांश विद्यार्थी मेडिकल, आई.आई.टी. और आई.आई.एम. में जाने का सपना संजोयेे रहते है, परन्तु कोई श्रेष्ठ दर्शानिक, कलाकार और साहित्यकार बनने का सपना नहीं संजोता, जबकि समाज में इनकी बहुत कमी है। कॅरियर काउंसलिंग के दौरान विद्यार्थियों में राष्ट्र भक्ति के भी बीज डाले जाये। समाज में फैली चकाचौंध की जीवनशैली की जीने की आकांक्षा से श्रेष्ठता हासिल नहीं की जा सकती है। अध्यापक अपने विद्यार्थी की मनोवृत्ति जानकार भावी जीवन की दिशा तय करने में महत्ती भूमिका निभायें।

उन्होंने शिक्षकों का आह्वान किया कि विद्यार्थी को स्कूली स्तर पर इतना होमवर्क का बोझ नहीं डाले कि वे शाम को अपने परिजनों के साथ मिलने वाले संस्कारों को अपने जीवन में आत्मसात् नहीं कर सके। परिजनों के संस्कार बालकों के सर्वांगीण विकास के महत्वपूर्ण पहलू है। उन्होंने कहा कि समारोह में पुरस्कृत होने वाले विद्यार्थी इसे अपनी व्यक्तिगत उपलब्धि मानकार सीमित नहीं रह,े वे भविष्य में समाज की निधि और प्रदेश का गौरव बनकर अपनी इस उपलब्धि को सार्थक सिद्ध करे। उन्होंने कहा कि ’’राइट टू एजुकेशन‘‘ के प्रभाव समाज में प्रत्यक्ष परिलक्षित हो रहे है। राजस्थान जहाँ वर्ष 1958 में मात्र 28 हजार परीक्षार्थियों की परीक्षा आयोजित करता था वहीं वर्ष 2016 मंे बोर्ड ने 32 लाख परीक्षार्थियों की परीक्षा का आयोजन किया।

समारोह के विशिष्ट अतिथि राष्ट्रीय हिन्दी संस्थान के अध्यक्ष और केन्द्रीय तकनीकी शब्दावली आयोग के निदेशक प्रो. नंदकिशोर पाण्डे ने कहा कि कई नोबेल पुरस्कार विजेताओं ने जीवन की निराशा को पार कर चरम को प्राप्त किया। इसलिए जीवन में कभी पराजय का भाव न लाये किसी भी क्षण विजय को प्राप्त किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत उपलब्धियों को देश के सपने पूरा करने मुहिम से जोडे़।

प्रो. पाण्डे ने कहा कि पुरस्कार प्राप्त करने वालों विद्यार्थियों से कहा कि उनकी आज की उपलब्धी जीवन भर अब उनका पीछा करती रहेगी, क्योंकि जो उन्होंने आज पाया है उससे कहीं ज्यादा की अपेक्षा अब परिवार और समाज को है।

बोर्ड के अध्यक्ष प्रो. बी.एल. चौधरी ने कहा कि व्यक्तित्व के निर्माण की कर्मशाला विद्यालय है। श्रेष्ठ विद्यालय और प्रतिभावान विद्यार्थी समाज का दर्पण है। समाज की प्रगति में वहीं लोग सिरमौर होते है जो यह ठान लेते है कि जितना उन्होंने से समाज से लिया है उसका कई गुना ऋण मानकर समाज को चुकाना है। उन्होंने कहा कि राजस्थान बोर्ड अगले वर्ष से तीन नये बडे़ संस्थानिक पुरस्कार देगा। पहला पुरस्कार अध्यापन के क्षेत्र में शिक्षा रत्न, खेल के क्षेत्र में खेल रत्न और कला साहित्य के क्षेत्र में कला रत्न के रूप में होंगे। उन्होंने कहा कि बोर्ड टी.एस.पी. क्षेत्र के पाँच जिलो के जनजाति के परीक्षार्थियों को माध्यमिक और उच्च माध्यमिक की विभिन्न परीक्षाओं में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने पर 1,000/- रूपये प्रतिमाह की छात्रवृत्ति एक वर्ष के लिए देगा।

प्रो. चौधरी ने कहा कि दीक्षान्त समारोह में छात्राओं की बड़ी संख्या में भागीदारी से यह सिद्ध हो गया कि प्रदेश में बालिका शिक्षा के प्रति लोगों का रूझान अब पूरी तरह सकारात्मक हो चुका है। यह प्रदेश के लिए गौरव की बात है।

पूरा सभागार उस समय तालियों की गड़गड़ाहट गूंज उठा जब समारोह में उदयपुर के सराड़ा के सामाजिक विज्ञान विषय के अध्यापक अमरचंद कुम्हार को सम्मानित किया गया। श्री कुम्हार को निजी विद्यालय के प्रबन्धकों द्वारा उन्हें अपने विद्यालयों की उत्तरपुस्तिकाओं के लिए अनैतिक कार्य के लिए प्रलोभन देने की कोशिश की गई। उन्होंने धमकियों की परवाह किये बिना इसकी सूचना तत्काल बोर्ड को दी और बोर्ड ने समय रहते अनैतिक कार्य करने की कोशिश करने वालों के विरूद्ध पुलिस कार्यवाही की। अन्त में बोर्ड सचिव श्रीमती मेघना चौधरी ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

समारोह में महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. के.सी. सोढ़ानी, जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य के.सी. अग्रवाल, वरिष्ट चिकित्सक डॉ. माधव गोपाल अग्रवाल, पूर्व सांसद रासासिंह रावत, प्रशासनिक अधिकारी भगवत सिंह, ज्योति काकवानी, बोर्ड प्रबन्ध मण्डल के सदस्य सहित बड़ी संख्या में शिक्षाविद् उपस्थित थे। समारोह का संचालन श्रीमती वृर्तिका शर्मा ने किया।

-राजेन्द्र गुप्ता, उप निदेशक (जनसम्पर्क)

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