ब्यावर, 22 नवम्बर। प्रधानमंत्रा श्री नरेन्द्र मोदी की संकल्पना के अनुसार सम्पूर्ण देश में मातृ मृत्यु पर रोक लगाने के लिए प्रधानमंत्रा सुरक्षित मातृत्व अभियान सम्पूर्ण देश में 9 जून 2016 से प्रारम्भ हो चुका है। इस अभियान के तहत चिकित्सालयों में प्रत्येक माह की 9 तारीख को गुणवत्ता युक्त प्रसव पूर्व स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जा रही हैं। ये सेवाएं स्वास्थ्य संस्था पर दी जा रही नियमित प्रसव पूर्व सेवाओं से अतिरिक्त हैं। प्रदेश में मुख्यमंत्रा श्रीमती वसुन्धरा राजे के नेतृत्व में मातृत्व की देखभाल से जुडे़ इस अभियान का लाभ प्रत्येक गर्भवती महिला तक सुनिश्चित करने हेतु संबंधित विभाग को निर्देशित किया गया है।
जिला कलक्टर गौरव गोयल के अनुसार अजमेर जिले में प्रधानमंत्रा सुरक्षित मातृत्व अभियान (पीएमएसएमए) से संबंधित विभिन्न व्यवस्थाओं को सुनिश्चित करने हेतु निर्देश दिये गए हैं। इस अभियान के तहत प्रत्येक माह की 9 तारीख को गुणवत्ता युक्त प्रसव पूर्व स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जाएगी तथा यह सुनिश्चित किया जाएगा कि द्वितीय एवं तृतीय तिमाही की गर्भवती महिला की कम से कम एक बार चिकित्सक द्वारा स्वास्थ्य जांच अवश्य हो जाएं। यदि माह की 9 तारीख को रविवार अथवा कोई छुट्टी का दिन है तो अगले कार्य दिवस पर आयोजन किया जाएगा। प्रिन्सिपल मेडिकल ऑफिसर राजकीय अमृतकौर चिकित्सालय डॉ.एम.के. जैन ने बताया कि ब्यावर में प्रधानमंत्रा सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत समस्त व्यवस्थाएं पूर्ण करते हुए चिकित्साधिकारियों व नर्सिंग स्टाफ की ड्यूटी चार्ट निर्धारित कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिये गए हैं एवं सेवाएं प्रदान की जा रही हैं।
पीएमएसएमए का उद्देश्य
प्रत्येक गर्भवती महिला खास है और हर गर्भवती महिला को विशेष देखभाल मिलनी चाहिए। किसी भी गर्भवती महिला को बिना अग्रिम चेतावनी अथवा सूक्ष्म चेतावनी के साथ जीवन में खतरा उत्पन्न हो सकता है इसलिए सभी गर्भवती महिलाओं की गुणवत्ता युक्त प्रसव पूर्व जांच चाहिए, जिससे समय पर खतरों की पहचान कर मातृ मृत्यु को कम किया जा सके। गर्भावस्था और प्रसव के दौरान जोखिम के कारणों का समय पर पता लगाकर होने वाली मृत्युओं को काफी हद तक कम किया जा सकता है लेकिन यह तभी सम्भव है जब आवश्यक सेवाओं की सम्पूर्ण उपलब्धतता, गर्भवती महिला को समय पर मिलें।
प्रत्येक गर्भवती महिला को गुणवत्ता युक्त प्रसव पूर्व जांच सुविधाएं मिल सकें, इसी उद्देश्य के साथ भारत सरकार द्वारा सम्पूर्ण देश में माह के दौरान एक निश्चित दिन हर माह की 9 तारीख को अभियान के रूप में एएनसी सेवाएं देने हेतु ‘‘प्रधानमंत्रा सुरक्षित मातृत्व अभियान ( पीएमएसएमए )’’ प्रारम्भ करने का निर्णय लिया गया है। यें सेवाएं स्वास्थ्य संस्था पर दी जा रही नियमित प्रसव पूर्व सेवाओं के अतिरिक्त है। अभियान के तहत चिकित्सक अथवा स्त्रा एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ द्वारा सेवाएं दी जा रही हैं। इसका शुभारम्भ 9 जून 2016 से हो चुका है।
प्रधानमंत्रा सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत सेवाएं
इस अभियान के तहत वे सभी लाभार्थी जो पहली बार प्रधानमंत्रा सुरक्षित मातृत्व अभियान के अन्तर्गत संस्था पर पहली बार आएं हैं उनका एक अलग रजिस्टर में इंद्राज़ कर पंजीकरण किया जाता है। पंजीकरण के उपरान्त एएनएम और स्टाफ नर्स यह सुनिश्चित करेंगी कि लाभार्थी के विशेषज्ञ, चिकित्सक के पास जाने से पूर्व सभी आवश्यक लैब जांचें हो जाएं। सभी लाभार्थियों का विस्तृत स्वास्थ्य इतिहास लेकर जांचों के उपरान्त खतरे के लक्षण अथवा प्रसव में भावी कठिनाइयों का आंकलन किया जाता है। रक्तचाप, पेट की जांच,भ्रूण की हृद्य गति इत्यादि जांचों में लाभार्थी के एएनसी जांच अवश्य होनी चाहिए (‘‘ममता कार्ड’’), इन सत्रों में एमसीपी कार्ड भरा जाना अत्यन्त आवश्यक है।
पीएमएसएमए हेतु व्यवस्थाएं
प्रधानमंत्रा सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत जिले के प्राथमिक, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र तथा जिला, उपजिला, सैटेलाईट अस्पताल में ग्रीष्मकाल में प्रातः 8 से 2 बजे व शीतकाल में प्रातः 9 से 3 बजे तक सेवाएं दी जा रही है। एएनसी जांच हेतु नियमित एएनसी का कक्ष ही होगा जहां पर चिकित्सक द्वारा एएनसी सेवाएं दी जाती है, अगर किसी संस्थान पर यह निर्धारित व्यवस्था नहीं है तो इस दिन हेतु पृथक से व्यवस्था की जाएगी।
एएनसी कक्ष में क्रियाशील उपकरण आवश्यक
प्रधानमंत्रा सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत एएनसी जांच कक्ष में फोएटल हार्ट मॉनिटर, जांच टेबल, साईड पर्दा, खिड़की पर पर्दा, 40 से 50 डिस्पोजेबल गल्ब्स, वाशबैसिन, लिक्विड साबुन, रनिंग वाटर, खाली ममता कार्ड, वजन मापने की मशीन, थर्मामीटर, बीपी नापने की मशीन, यूरिस्टिक, स्टेथोस्कोप, फिटोस्कोप आदि क्रियाशील अवस्था में होने चाहिए। ड्रग के अन्तर्गत आईएफए टेबलेट, कैल्सियम टेबलेट, टीटी इन्जेक्कशन, डीवार्मिंग टेबलेट, एंटीबॉयोटिक, इंजेक्शन, मैगनीशियम सलफेट आदि भी आवश्यक है। साथ ही एएनसी रजिस्टर, रैफरल स्लिप, स्वास्थ्य कार्यकर्ता हेतु प्रशिक्षण टूल पुस्तक एवं उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिला के पंजीकरण के लिए पृथक रजिस्टरा होना आवश्यक है।
लेब व जांच व्यवस्था
पीएमएसएमए के तहत सभी जांचों एचबी, आरएच प्लस, एबीओ ग्रुपिंग, टीएलसी, डीएलसी, ईएसआर, यूरिन एल्ब्यूमिन शुगर आदि करने की लैब में सभी व्यवस्थाएं पूरे दिन रखी जाएगी। जांच रिपोर्ट न्यूनतम जांच-समय में दी जाएगी जिससे चिकित्सक अथवा विशेषज्ञ को दिखाकर आवश्यक उपचार व सलाह ली जा सकें।
यूएसजी सेवा
यदि संस्थान पर यूएसजी की सेवा उपलब्ध है तो आवश्यकतानुसार किया जाए, अन्यथा स्त्रा रोग विशेषज्ञ की सलाह पर नजदीकी केन्द्र पर 104 जननी एक्सप्रेस का उपयोग करते हुए यूएसजी कराने की व्यवस्था की जाएगी। इसके अलावा अभियान के तहत हरेक माह की 9 तारीख को विशेषज्ञों के सहयोग के लिए आवश्यक ड्यूटी स्टाफ व नर्सिंग स्टाफ की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी। –00–