ब्यावर, 04 जनवरी। स्वच्छ भारत मिशन योजना के अन्तर्गत जिला प्रशासन के निर्देशों के अनुसरण में उपखण्ड प्रशासन, ब्यावर नगर परिषद क्षेत्रा को खुले में शौच से मुक्त के लिये किये जा रहे प्रयासों में जुटा हुआ है। इसी सिलसिले में बुधवार सायं उपखण्ड अधिकारी पीयूष समारिया ने शहर के 45 वार्डा में तैनात हो रखे 9 जौन के प्रभारी अधिकारियों एवं उनके साथ लगे पर्यवेक्षकों के साथ बैठक ली तथा अब तक हुई प्रगति की समीक्षा करते हुए आगामी 26 जनवरी तक शहरी क्षेत्रा को खुले में शौच से मुक्त करने के लिए वांछित दिशा-निर्देश दिए।
उपखण्ड अधिकारी ने बैठक में प्रभारी अधिकारियों एवं पर्यवेक्षकों से शहर में उन्हें आवंटित वार्ड एवं क्षेत्रावार प्रगति रिपोर्ट प्राप्त की और उनसे क्षेत्रा के वार्डें को खुले में शौच से मुक्त कराने की दिशा में आ रही समस्याओं एवं अनुभवों की जानकारी लेते हुए समीक्षा की।
बैठक में अधिकारियों से चर्चा के उपरान्त उपखण्ड अधिकारी समारिया ने बताया कि शहर को खले में शौच से मुक्त कराने की दिशा में अबतक जिन 21 वार्डें की स्थिति काफी संतोषजनक है उनमें वार्ड नं. 2, 5, 7, 8, 9, 11, 12, 13, 15, 16, 17, 21, 22, 25, 26, 27, 28, 29, 35, 36 एवं 44 है। इसी तरह जिन 9 वार्डा की स्थिति काफी दयनीय है उनमें वार्ड नं. 3,4, 23, 24, 30, 31, 32, 37 व 38 शामिल हैं, जिनमें कड़ी निगरानी के साथ और अधिक सक्रिय होने की आवश्यकता है। शेष वार्डां की स्थिति सामान्य है।
समीक्षा बैठक में प्रभारी अधिकारी तहसीलदार योगेश अग्रवाल, श्रमकल्याण अधिकारी के.एस.झीबा, पीडब्यूडी के बी.एस.रावत, विद्युत के डी.के.गुप्ता इत्यादि सहित अन्य प्रभारी अधिकारी एवं नगरपरिषद के एईएन पदमसिंह चौधरी, एएओ धर्मीचन्द अरोड़ा, राजस्व अधिकारी-प्रथम व द्वितीय, जेईएन साबिर खान, स्वास्थ्य निरीक्षक भंवरलाल जावा व वरिष्ठ जमादार गंगाराम इत्यादि पर्यवेक्षकगण ने भाग लेकर वार्डा में सर्वे, शौचालयों की वर्तमान स्थिति, प्रथम किश्त भुगतान, निर्मित स्थिति, निर्माणाधीन स्थिति, निर्माण न करने की स्थिति आदि के बारे में वस्तु स्थिति से उपखण्ड अधिकारी को अवगत कराया। उपखण्ड अधिकारी ने इस बात पर बल दिया कि सरकारी धनराशि का किसीभी प्रकार से दुरूपयोग नहीं हों तथा नागरिकों को शौचालय निर्माण अतिशीघ्र करवाने एवं उनके इस्तेमाल हेतु प्रेरित किया जाना चाहिए। यदि कोई व्यक्ति शौचालय निर्माण के नाम राशि सरकारी का भुगतान उठा लेता है और शौचालय निर्माण नहीं कराता है, उसके खिलाफ कड़ी कार्यवाही अमल में लायी जानी चाहिए। साथ ही शहर को पूर्णतः शौच मुक्त करने के लिए वार्ड पार्षदों एवं प्रबुद्ध जागरूक नागरिकों, आदि को भी सहभागी एवं मददगार बनाया जा सकता है।
बैठक अवसर पर उपखण्ड अधिकारी श्री समारिया ने नगरपरिषद क्षेत्रा को पूर्ण शौच मुक्त बनाने के अनुक्रम में उनके द्वारा प्रभारी अधिकारियों एवं पर्यवेक्षकों के साथ अगले सप्ताह में बैठक आयोजन के संकेत दिए।–00–