गुरू गोविंद सिंह का बलिदान सार्थक परिवार का आदर्श- निवेदिता भिड़े

zगुरू गोविंद सिंह का बलिदानी जीवन वर्तमान समय में सार्थक परिवार का उत्कृष्ट उदाहरण है। उनके सर्वस्व त्याग के कारण ही आज 350 वर्ष व्यतीत हो जाने के उपरांत भी उनकी जयन्ती को पूरा विश्व धूमधाम से मना रहा है। आदिकाल से ही त्याग हमारी संस्कृति का आधार रहा है। त्याग और सेवा के लिए हमारे जीवन में पंचमहायज्ञों की प्रतिष्ठापना आवश्यक है। ऋषियज्ञ, ब्रह्मयज्ञ, देवयज्ञ, नरयज्ञ एवं पितृयज्ञ के जीवन में आचरण से ही हम श्रेष्ठ भारत का निर्माण कर सकते हैं। उत्कृष्ट समाज का नींव समृद्ध परिवार से नहीं बल्कि सार्थक परिवार से डलती है।
उक्त विचार समर्थ भारत पर्व के तहत अखिल भारतीय स्तर पर मनाए जा रहे कार्यक्रमों की श्रंखला में विवेकानंद केंद्र कन्याकुमारी शाखा अजमेर द्वारा सार्थक परिवार एवं समर्थ भारत विषय पर आयोजित विमर्श कार्यक्रम के दौरान विवेकानन्द केन्द्र की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुश्री निवेदिता भिड़े ने रेडक्रॉस सोसायटी भवन में आयोजित कार्यक्रम में व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को अपने जीवन में कुछ अंश समाज के हित के लिए निकालना आवश्यक है चाहे वह तन हो, धन हो अथवा मन। धन केवल अपने लिए ही कमाया जाए और समाज की उपेक्षा कर दी जाए तो कुछ समय के लिए व्यक्ति को सबल हो सकता है परंतु समाज दुर्बल हो जाएगा और एक दुर्बल समाज एक सबल राष्ट्र का निर्माण कैसे कर सकता है। आज परिवार टूट रहे हैं और यह चिंता का विषय है। आर्थिक दृष्टि से भी परिवार को एकजुट रहना अत्यंत आवश्यक है अन्यथा करोड़ों टूटते परिवारों के कारण भारत पर पड़ने वाले आर्थिक बोझ को सहना भी अत्यंत कठिन कार्य होगा।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए चिंतक एवं शिक्षाविद् हनुमान सिंह राठौड़ ने बताया कि जीवन में श्रेष्ठ आचरण पारिवारिक जीवन का आधार है और व्यक्ति को परिवार, समाज एवं राष्ट्र के निर्माण की प्रथम इकाई माना गया है। स्वामी विवेकानन्द के पारिवारिक जीवन की विवेचना करते हुए उन्होंने कहा कि स्वामी जी ने अनेक कष्ट सहने के बावजूद भी अपने आप को राष्ट्र के उत्थान के लिए आहूत कर दिया।
केन्द्र के नगर प्रमुख रविन्द्र जैन ने बताया कि इस अवसर पर केन्द्र के प्रान्त संचालक प्रो0 बद्री प्रसाद पंचोली ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की तथा कार्यक्रम को संचालन उमेश कुमार चौरसिया ने किया। इस अवसर पर विभाग संचालक सत्यदेव शर्मा, विभाग सह संचालक कुसुम गौतक, प्रान्त संगठक, सुश्री प्रांजलि येरिकर, नगर सह प्रमुख अखिल शर्मा, ओम प्रकाश छापरवाल, रीना सोनी, राजरानी कुशवाहा, श्वेता टाकलकर, नितिन गोयल, क्षितिज तोषनीवाल सहित अनेक गणमान्य जन उपस्थित थे।
(रविन्द्र जैन)
नगर प्रमुख

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