दुख मिलता है अशुभ के कारण -स्वामी श्रवणानंद सरस्वती

1921अजमेर 14 जनवरी 2017। पटेल मैदान में संन्यास आश्रम की ओर से आयोजित श्रीमद्भागवत कथा एवं श्री विष्णु महायज्ञ के दूसरे दिन शनिवार को यज्ञ स्थल पर प्रदेश और देश के कई हिस्सों से आए श्रृद्धालुओं ने अग्नि के समक्ष हवन कुण्ड में आहुतियां देकर विश्व कल्याण की कामना की। इस मौके पर सन्यास आश्रम के अधिष्ठाता और वेदांताचार्य स्वामी शिवज्योतिषानंद के सानिध्य में श्रृद्धालुओं ने वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ हवन यज्ञ किया। वहीं दोपहर में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा का वाचन कर रहे वृंदावन धाम से आए कथाव्यास स्वामी श्रवणानंद सरस्वती महाराज ने बड़े ही सुंदर शब्दों में महाभारत वृतांत का वर्णन करते हुए श्री हरि का चित्रण किया।
कथा व्यास स्वामीजी ने कहा कि अशुभ के कारण दुःखों का उदय होता है। पाप के रहते तप नहीं होता। उन्होंने कहा कि श्रीकृष्ण के स्मरण मात्र से ही जीवन के अशुभ नष्ट हो जाते है। घाव भले ही ना भरे परंतु श्री हरि का स्मरण समस्त पीड़ाओं का नाश कर देता है और जब जीवन में अशुभ और पीड़ा नष्ट हो जाती है तो श्री हरि के सानिध्य में जीवन अमृत हो जाता है और जीवन का आनंद आता है। उन्होंने महाभारत के दृश्य का सचित्र चित्रण करते हुए कथा के दौरान कहा कि भीष्म पितामह श्री कृष्ण के समक्ष कुंती पुत्र युधिष्ठर से जीवन समाप्त होने से पूर्व अपने प्रश्नों का हल जानने के लिए जब कहा तब श्री हरि ने समस्त सांसारिक प्रश्नों के समाधान उनके माध्यम से करवाए।
कथा व्यास स्वामी श्रवणानंद सरस्वती ने कथा के दूसरे दिन नारद जी के पुर्नजन्म का वर्णन करते हुए बताया कि संत कृपा से उनकी जूठन खाने से दासीपुत्र रामदास देवर्षि नारद बन गए। महाराजश्री ने बताया कि हर घटना में भगवान का अनुग्रह देखना चाहिए क्योंकि श्उनसे होई न कछु बुरा और कहो किसने क्या करा्य उनसे कुछ बुरा होता नहीं और दूसरा कोई कुछ करने वाला नहीं है। इसके पश्चात कुंती स्तुति एवं भीष्म स्तुति का वर्णन किया गया। कथास्थल पर मौजूद सैकड़ों श्रद्धालु उस वक्त भजन संगीत की सुर लहरियों पर थिरक उठे जब श्रीहरि के भजन प्रस्तुत हुए। बड़ी संख्या में मौजूद श्रद्धालु महिलाएं और पुरुष पांडाल में खड़े होकर श्रीहरि के भजनों पर थिरकने लगे। वहीं इससे पूर्व कथा स्थल पर आए वेदांताचार्य सुदेवानन्दजी महाराज, श्री स्वामी सत्यप्रकाश महाराज, श्री स्वामी अनूपदास महाराज और स्वामी चेतनप्रकाश महाराज का कथा स्थल पहुंचने पर सन्यास आश्रम की ओर से भव्य स्वागत किया गया। प्रातरू हुए श्री विष्णु महायज्ञ में यजमान के रूप में कालीचरण खंडेलवाल, शंकर बंसल, ओमप्रकाश मंगल, रामरतन छापरवाल व किशन भादू ने वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच आहुतियां दी। इस मौके पर पंकज खंडेलवाल, रवि अग्रवाल, शिवशंकर फतेहपुरिया, दिनेश सोनी, कंवल प्रकाश किशनानी, दिनेश परनामी सहित बड़ी संख्या में सन्यास आश्रम के विद्यार्थी और श्रद्धालु मौजूद रहे।

कौशल जैन
मो. 8094430099

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