दो दिन बाद वह पोस्ट वहां से delete कर दी गई.
Again I posted same, and again the same was deleted.
मेरी शिकायत यह थी कि इस पार्किंग में पहले 24 घंटे तो कुल 20/ रुपये चार्ज है, उस के बाद हर 4 घंटे के 10/ रुपये…….. यानी 60/ रुपये प्रतिदिन.
JUST IMAGINE THE CHARGES.
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और उस पर पार्किंग वाले का यह कहना कि “साहब लोगों को भी खर्चा पानी देना पडता है.” मतलब कि भ्रष्टाचार की गंगा नीचे से ऊपर की ओर सफलता से बह रही है.
अगर अब भी कुछ सकारात्मक जवाब/कार्यवाही नहीं हुई तो क्या साफ छवि और एक ट्वीट पर तुरंत कार्यवाही करने वाले रेल मंत्री तक मुझे शिकायत पहुंचानी चाहिये.?
कृप्या सुझाव व सहयोग दें.
विपिन शर्मा की फेसबुक वाल से साभार