अब अजमेर भी होगा बर्ड टूरिज्म के लिए फेमस

आनासागर झील के किनारांे पर हुआ बर्ड फेयर का शुभारम्भ
शहर के लोग और पर्यटक झील के चारों तरफ से देख सकेंगे प्रवासी पक्षियों की अठखेलियां

zzअजमेर, 17 जनवरी। स्मार्ट सिटी बनने जा रहे अजमेर में पर्यटन विकास की कोशिशों को एक और नया आयाम अब मिलने लगा है। शहर की आनासागर झील शीघ्र ही बर्ड टूरिज्म के नये केन्द्र के रूप में पहचानी जाएगी। झील में हर साल बढ़ती प्रवासी पक्षियों की आवक और झील सौन्दर्यीकरण के लिए किए जा रहे प्रयास पर्यटन के इस नये आयाम में सहायक बनेंगे।
जिला प्रशासन और राजस्थान पत्रिका के सहयोग से शुरू हुए पहले बर्ड फेयर का आज बारादरी पर शानदार आगाज हुआ। स्कूली बच्चों और युवाओं ने झील मंे आने वाले मेहमान परिन्दों के अठखेलियों को सिर्फ देखा ही नहीं बल्कि इन कोशिशों को कैनवास पर भी उतारा। बर्ड फेयर के शुभारम्भ पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए राज्य किसान आयोग के अध्यक्ष एवं सांसद प्रो. सांवरलाल जाट ने कहा कि कभी आनासागर झील सूख जाया करती थी लेकिन पिछले कई सालों से झील लबालब है और यहां प्रवासी पक्षियों की आवक बढ़ी है। प्रदेश में कभी भरतपुर ही पक्षियों के अभयारण्य के रूप में जाना जाता था लेकिन अब कई जिलों के तालाबों में प्रवासी पक्षी के झुण्ड नजर आने लगे है। पक्षी शांत मौहाल चाहता है । इसके लिए प्रयास किए जाने चाहिए। पर्यावरण की दृष्टि से पक्षियों की झीलों पर उपस्थिति लाभ दायक होती है। इनका संरक्षण जरूरी है तभी अजमेर ऐतिहासिक नगरी होने के साथ साथ पर्यटन की दृष्टि से सैलानियों का आकर्षण का केन्द्र बनेगा।
प्रो. जाट ने कहा कि आनासागर के विकास एवं पक्षियों के संरक्षण के लिए विशेष कार्य योजना बनायी जानी चाहिए और इस प्रकार के आयोजन किया जाने चाहिए ताकि पक्षी संरक्षण के लिए लोगों की जागरूकता भी बढ़े। प्रवासी पक्षियों के अधिकाधिक प्रवास के लिए झील के चारों ओर वेटलैंड विकसित की जानी चाहिए।
शिक्षा एवं पंचायतीराज राज्य मंत्राी प्रो. वासुदेव देवनानी ने कहा कि अजमेर में इस तरह के आयोजन प्रशंसनीय है। स्मार्ट सिटी योजना के तहत आनासागर झील को विकसित किया जा रहा है। यहां कृत्रिम झरने एवं सौन्दर्यीकरण के अन्य कार्य भी करवाए जा रहे हैं । झील में प्रवासी पक्षियों की आवक बढ़ाने के लिए और अधिक प्रयास किए जाएंगे ताकि यहां झील पक्षियों के प्रवास के साथ साथ सैलानियों की भी आवक बढ़े। प्रो. देवनानी ने कहा कि आनासागर झील पहले की तुलना में अब स्वच्छ है इसे तय मानकों के अनुरूप स्वच्छ करने के लिए प्रयास लगातार जारी हैै।
संसदीय सचिव श्री सुरेश सिंह रावत ने कहा कि जिले की अन्य झीलों को भी आनासागर के तर्ज पर ही विकसित किया जाना चाहिए। जिससे प्रवासी पक्षियों की जिले में आवक बढ़े और पर्यटन का भी विकास हों। ऐतिहासिक आनासागर झील में पक्षियों की बढ़ती आवक तथा इनके प्रति लोगों की लगातार बढ़ती दिलचस्पी शुभ संकेत है। इस तरह के प्रयासों को और अधिक बल मिलना चाहिए। जिला प्रमुख सुश्री वंदना नोगिया ने कहा कि पक्षियों की ऊंची उड़ान व सत्त आगे बढ़ने के प्रयास से युवा पीढ़ी को भी प्रेरणा लेनी चाहिए। उन्होंने बर्ड फेयर के आयोजन की सराहना करते हुए कहा कि पक्षियांे के संरक्षण के लिए जिले के बड़े तालाबों को भी विकसित किए जाने की जरूरत है।
नगर निगम के महापौर श्री धर्मेन्द्र गहलोत ने कहा कि झील के प्रति सकारात्मक सोच शहर को एक नई सौगात देगी। झील को केवल पर्यटन ही नहीं वरन पक्षियों के प्रवास के लिए भी और विकसित किया जाएगा। झील के चारों ओर पार्थ वे पर ऐसे स्थान विकसित किए जा रहे है। जिससे बाहर से आने वाले सैलानी भी अजमेर में झील के साथ साथ पक्षियों का भी आनन्द लें।
एडीए अध्यक्ष श्री शिवशंकर हेडा ने कहा कि झाील संरक्षण व पक्षियांे के प्रवास के लिए जरूरी सब सुविधाएं उपलब्ध कराने में कोई कोर कसर नहीं छोडी जाएगी। प्राधिकरण के स्तर पर शहर में बर्ड टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए विशेष प्रयास किए जाएगे।
राजस्थान पत्रिका के सम्पादकीय प्रभारी श्री उपेन्द्र शर्मा ने कहा कि पक्षी किसी भी स्थान पर होने वाली प्राकृतिक घटना के लिए सबसे पहली चेतावनी या संकेत देते हैं। भूकम्प या अन्य घटनाओं पर पक्षी उस स्थान को छोड़कर चले जातेे है। अजमेर मंे पक्षियों की आवक बढ़ना इस बात का संकेत है कि यहां वातावरण में सकारात्मकता बढ़ रही है।
इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक श्री नितिनदीप ब्लग्गन, अतिरिक्त जिला कलक्टर प्रथम श्री किशोर कुमार, अतिरिक्त जिला कलक्टर शहर श्री अरविन्द सैंगवा, जिला रसद अधिकारी श्रीमती दीप्ति शर्मा एवं उपखण्ड अधिकारी श्री जयप्रकाश नारायण सहित अन्य अधिकारी एवं जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।

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