कृषि बिजली दरें घटाई
अजमेर, 18 फरवरी। मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे द्वारा कृषि बिजली की दरें घटाने सहित प्रदेश के किसानों को कई सौगातें दी गई हैं। किसानों को अब पूर्ववर्ती दर 90 पैसे प्रति यूनिट की दर से ही बिजली मिलेगी और फ्लैट रेट भी 120 के स्थान पर 85 रुपये प्रति एचपी ही होगी। राजस्थान विद्युत विनियामक आयोग द्वारा कृषि विद्युत कनेक्शन की नई दरों का बढ़ा हुआ भार अब राज्य सरकार वहन करेगी। मुख्यमंत्री ने किसानों को राहत देते हुए और कई घोषणाएं की हैं। अजमेर शहर भाजपा के सभी नेताओं ने मुख्यमंत्री की इन घोषणाओं का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि यह एक क्रान्तिकारी फैसला है। इससे किसानों को बड़े पैमाने पर राहत मिलेगी।
श्रीमती भदेल ने मुख्यमंत्री की इन घोषणाओं का स्वागत किया है। उन्होंने कहा है कि मुख्यमंत्री ने किसानों की पीड़ा को समझा और उन्हें राहत प्रदान की। मुख्यमंत्री ने किसानों को बड़ी राहत देते हुए निर्णय किया है कि राजस्थान विद्युत विनियामक आयोग द्वारा कृषि विद्युत कनेक्शन की नई दरों का बढ़ा हुआ भार सरकार वहन करेगी। सितम्बर, 2016 में विनियामक आयोग ने किसानों की दरों में करीब 25 पैसे प्रति यूनिट की बढ़ोतरी की थी, जिसे अब राज्य सरकार वहन करेगी।
उन्होंने बताया कि अब किसानों को कृषि कनेक्शन के सामान्य श्रेणी के मीटर पर 1 रुपये 15 पैसे के स्थान पर 90 पैसे प्रति यूनिट की दर देय होगी। वहीं फ्लैट रेट के काश्तकारों के लिए प्रति एचपी की दर 120 रुपये के स्थान पर 85 रुपये रहेगी। इस निर्णय के अनुसार पूर्व में सामान्य श्रेणी के कृषि कनेक्शनों पर काश्तकारों द्वारा बढ़ी हुई दरों पर जमा कराई गई राशि को आगामी बिलों में समायोजित किया जाएगा।
प्रतिवर्ष विद्युत दरें बढ़ाने का निर्णय पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में लिया गया था। इसके बावजूद हमारी सरकार ने पिछले दो वर्षों में नियामक आयोग द्वारा किसानों के लिए बढ़ी हुई दरों का समस्त भार अपने ऊपर लिया है।
पूरे जिले में हो सकेगा कृषि कनेक्शनों का स्थानान्तरण
उन्होंने मुख्यमंत्राी की ओर से घोषणा के अनुसार बताया कि किसानों की मांग पर कृषि कनेक्शनों के स्थानांतरण में पंचायत समिति की सीमा को बढ़ाकर जिला क्षेत्रा तक कर दिया जाएगा।
समझौता राशि की दर घटाई
कृषि उपभोक्ताओं के लिए सिविल लाइबिलिटी की अधिकतम अवधि चार माह से घटाकर 2 माह करने की घोषणा की गई है। इसके साथ ही समझौता राशि की दर भी 2000 रुपये से घटाकर 1000 रुपये प्रति एचपी की गई है।
मीटर सही तो लोड चैकिंग नहीं
अगर किसी उपभोक्ता का मीटर सही पाया जाता है तो उसकी लोड चैकिंग नहीं की जाएगी। उन्होंने बताया कि इस संबंध में शिकायतों की निगरानी के लिए जिला स्तर पर कमेटियां गठित की गयी हैं। इन कमेटियों में वीसीआर जांच के 60 दिन तक प्राप्त होने वाली शिकायतों का निस्तारण 15 दिन में किया जाएगा।
बिना जांच, बिना आवेदन लोड बढ़ने की शिकायतों का होगा निस्तारण
बिना आवेदन या बिना जांच के लोड बढ़ने की शिकायतों का निस्तारण किया जायेगा। किसानों के पम्प की लोड चैकिंग में 20 प्रतिशत एवं अधिकतम 5 एचपी तक के लोड में रियायत दी जाएगी। इस निर्णय से लगभग 5 लाख किसान लाभान्वित होंगे। उन्होंने बताया कि दिसम्बर, 2014 के बाद भी किसी कारण मांग राशि जमा नहीं कर पाने वाले किसानों को मांग राशि जमा कराने का एक और अवसर दिया जाएगा।
बूंद-बूंद कृषि कनेक्शनों पर अब तीन वर्ष बाद ही सामान्य दरें
बूंद-बूंद, फव्वारा एवं डिग्गी सिंचाई पद्धति आधारित कृषि कनेक्शनों की विद्युत दरें 3 वर्ष पश्चात् ही सामान्य श्रेणी में परिवर्तित कर दी जाएंगी। इस निर्णय से लगभग 45 हजार किसान लाभान्वित होंगे।
शिकायतों के निराकरण के लिए शिविर अगले माह
विद्युत वितरण कम्पनियों द्वारा आगामी माह में प्रदेशभर में पंचायत एवं उपखण्ड स्तर पर शिविर लगाए जाएंगे, जिनमें उपभोक्ताओं की शिकायतों का निराकरण किया जाएगा।
श्रीमती अनिता भदेल, राज्यमंत्री