अर्न्तराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर संगोष्ठी का आयोजन हुआ

DSC02025अजमेर – सिन्धी ब्ोली विकास समिति व भारतीय सिन्धु सभा के सहयोग से अर्न्तराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के उपलक्ष में मंगलवार दिनांक 21 फरवरी,2017 को सांय एक संगोष्ठी का आयोजन श्री ज्ञूलेलाल मंदिर चौरसियावास रोड, वैषालीनगर अजमेर किया गया ।
मातृभाषा के ज्ञान से ही षिक्षा व संस्कारों को समझा जा सकता है अपनें इतिहास की विस्तृत जानकारी मातृभाषा से सरलता से अध्ययन होता है हम इस अवसर पर प्रतिज्ञा लेवें कि परिवारों में मातृभाषा का उपयोग करना चाहिये ऐसे विचार सिंधी बोली विकास समिति और भारतीय सिंधु सभा की ओर से आयोजित संगोष्ठी में सिंधी बोली विकास समिति के अध्यक्ष जयप्रकाष मंधाणी, महासचिव प्रकाष जेठरा, सभा के प्रदेष महामंत्री महेन्द्र कुमार तीर्थानी प्रकट किये । वैषाली सिंधी सेवा समिति के अध्यक्ष गोवर्धनदास वरिन्दानी महानगर मंत्री महेष टेकचन्दानी,हरीष वर्यानी, व तुलसी सोनी नें अपनें विचार प्रकट करते हुए बताया कि जन्म लेनें के बाद मानव जो प्रथम भाषा सीखता है उसे उसकी मातृभाषा कहते हैं, मातृभाषा किसी भी व्यक्ति की सामाजिक एंव भाषाई पहचान होती है । मषहूर गायक होतचंद मोरियानी व्दारा ‘‘सिंधी अबांणी बोली मिठडी असांजी बोली‘‘ एंव ‘‘जिये मुहिंजी सिंध मां त घोरिया पेंहजी जिन्द पेहन्जे अबांणें वतन तां‘‘ तथा वर्षा लालवानी नें ‘‘ मुहिन्जी सिंधी बोली मिठडी लहज्े वारी न्यारी‘‘ गीत गाये । कार्यक्रम का शुभारंभ सिंध के चित्र तथा इष्टदेव भगवान झूलेलाल के चित्र पर व्दीप प्रज्जवलन कर व माल्यार्पण कर किया गया । सभा ें के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नवलराय बच्चानी नें सिंधी भाषा के महत्व के साथ राजस्थानी भाषा को संविधान के 8वीं अनुसूची में सम्मिलित करनें के लिये भारत सरकार से मांग की । कार्यक्रम में शंकर टिलवानी, खुषीराम ईसरानी,राजकुमार सतवानी, एम.टी. वाधवानी, किषन केवलानी, वासुदेव गिदवानी, रमेष कृपलानी, पुरूषोतम जगवानी, किषोर विधानी, भगवान साधवानी, कैलाख लखवानी, नरेष बागानी, महेष सावलानी, ताराचंद लालवानी, राम भगतानी,ईष्वरदास जेसवानी आदि गणमान्य लोग उपस्थित थे । कार्यक्रम का संचालन होतचंद मोरियानी व्दारा किया गया ा।

(संजय कुमार केसवानी)
प्रचारसचिव,
मो.9828499361

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